आरक्षक ने पत्रकार को मारा थप्पड़!

मुझे आपसे जवाब की उम्मीद है?

प्रफुल्ल ठाकुर 



वहां के जागरूक पत्रकारों ने घटना पर कड़ा एतराज जताया है और आरोपी प्रधान आरक्षक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार की पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है।

उल्टे वहां के एसपी ने धमकी दी है कि कार्रवाई का दवाब डालेंगे तो आपके पत्रकार के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की जाएगी। घटना के बाद से पत्रकार सदमे में है।
यह सब कुछ छत्तीसगढ़ में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने वाले राज्य का हाल है।

जहां पत्रकार को उसके काम के दौरान, थाने के भीतर पुलिस ही मारपीट करती है। बड़े अधिकारी अपराध पर पर्दा डालते हैं और अपराधी के खिलाफ कार्रवाई की बजाय पीडि़त पक्ष को ही धमकाते हैं। 

छत्तीसगढ़ राज्य में ये कैसा सुशासन, कैसा लोकतंत्र और ये कैसी प्रेस की आजादी है? 

आपके पत्रकार सुरक्षा कानून का क्या हुआ? कांग्रेस शासित आपके लीडर राहुल गांधी के ‘फ्री प्रेस’ की बात का क्या हुआ? छत्तीसगढ़ में पत्रकारों को आप काम करने का सुरक्षित माहौल क्यों नहीं दे पा रहे हैं? 

आप तो भरोसे की सरकार चलाते हैं तो पत्रकारों को भी भरोसा दिलाइये की हम खुलकर अपना काम कर सकें।

आप, आपकी पुलिस, आपके नेता, आपके अधिकारी हमारे काम में हस्तक्षेप नहीं करेंगे। हमें डराया, धमकाया और मारा-पीटा नहीं जाएगा।

क्या आप हमें यह भरोसा दिलासकते हैं? मुझे आपसे जवाब की उम्मीद है?


 


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