विधानसभा के सामने बहुजन युवक कर रहे हैं नग्न प्रदर्शन

सरकार की गठित समिति ने पाये 267 प्रकरण फर्जी

सुशान्त कुमार

 

छत्तीसगढ़ में इन दिनों फर्जी जाति का मामला गर्माया हुआ है। बताते चले कि छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद से राज्य के विभिन्न विभागों को शिकायतें मिली थी कि गैर आरक्षित वर्ग के लोग आरक्षित वर्ग के कोटे का शासकीय नौकरियों एवं राजनैतिक क्षेत्रों में लाभ उठा रहे हैं।

इस मामले की गम्भीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने उच्च स्तरीय जाति प्रमाण पत्र छानबीन समिति गठित की थी जिसके रिपोर्ट के आधार पर सामान्य प्रशासन विभाग ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी कर रहे अधिकारी कर्मचारियों को महत्वपूर्ण पदों से तत्काल हटा कर उन्हे बर्खास्त करने के आदेश जारी कर दिए। 

आदेश खानापूर्ति ही साबित हुई। सरकारी आदेश को पालन में नहीं लाया गया और फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी करने वाले कुछ सेवानिवृत हो गए तो कुछ ने जांच समिति के रिपोर्ट को न्यायालय में चुनौती दी, लेकिन सामान्य प्रशासन की ओर से जारी फर्जी प्रमाण पत्र धारकों की लिस्ट में ऐसे अधिकांश लोग हैं, जो सरकारी फरमान के पालन नहीं होने का मलाई काट रहे हैं और प्रमोशन लेकर मलाईदार पदों में सेवाए दे रहे है। इसे लेकर बहुजन अर्थात अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के युवाओं ने मोर्चा खोल दिया है और बिते पिछले दिनों वे आमरण अनशन पर बैठ गए थे।

प्रदर्शन के दौरान आंदोलनकारियों की तबियत बिगड़ गई लेकिन सरकार और प्रशासन का रवैया उदासीन रहा जिसके बाद आंदोलनकारी आमरण अनशन को स्थगित कर आगामी होने वाले मानसून विधानसभा सत्र के दौरान निर्वस्त्र होकर प्रदर्शन कर रहे हैं।

सरकार की गठित समिति ने पाये 267 प्रकरण फर्जी

छत्तीसगढ़ सरकार ने मामले को गम्भीरता से लेते हुए फर्जी जाति प्रमाण पत्र के शिकायतों की जांच करने उच्च स्तरीय जाति प्रमाण पत्र छानबीन समिति का गठन किया था। समिति को वर्ष 2000 से लेकर 2020 तक के कुल 758 प्रकरण मिले जिसमें से 659 प्रकरणों में जांच की गई। इसमें 267 प्रकरणों में जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाये गए।

गैर आरक्षित होकर कोटे से बने आईएएस से लेकर चपरासी

छत्तीसगढ़ के लगभग सभी सरकारी विभागों में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के प्रकरण पाये गए हैं। इसमें सबसे अधिक फर्जी मामले खेल एवं युवा कल्याण विभाग में 44 मामले पाये हैं वहीं भिलाई स्पात संयंत्र में 18 तथा सामान्य प्रशासन विभाग एवं कृषि विभाग में 14'4 प्रकरण हैं। इस तरह प्रत्येक विभाग में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के मामले हैं। जिसकी जांच पूरी होने एवं कार्यवाही के सरकारी आदेश के बाद भी कोई एक्शन नहीं लिया गया है।

कौन और क्यों कर रहे निर्वस्त्र प्रदर्शन

दरसअल फर्जी जाति प्रमाण पत्र के मामले में छत्तीसगढ़ सरकार की कार्रवाई से खुश रहने वाले अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के युवा अब सरकार से नाराज चल रहे हैं, मसलन जिस फर्जी जाति प्रमाण पत्रों के प्रकरणों की जांच सरकार ने करवाई उसमें पाये गए दोषियों के खिलाफ सरकारी फरमान के बावजूद तीन वर्ष बाद भी कार्यवाही नहीं की गई बल्कि फर्जी जाति प्रमाण पत्र धारकों को महत्वपूर्ण पदों में उल्टे प्रमोशन दिया जा रहा हैं।

इस कृत्य से व्यथित होकर अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के युवा आंदोलित हो गए हैं, आंदोलन के नेतृत्वकर्ता विनय कौशल ने बताया कि -‘उन्होंने इससे पूर्व जिम्मेदार अधिकारियों से बात की थी, उन्होंने उपर से दबाव होने की बात कही, कौशल ने बताया कि कार्रवाई न करने पर आंदोनल की चेतावनी दी और सभी युवाओं ने 16 मई को आमरण अनशन किया था।

10 दिनों तक भूखे रहकर आंदोलन किया आंदोलनकारी एक-एक कर गंभीर हालातों में अस्पताल भर्ती कराये गए लेकिन सरकार और प्रशासन की ओर से इस मामले में उदासिन रवैया रहा।

कौशल ने आगे कहा कि हमने आमरण अनशन को स्थगित कर दिया लेकिन हम अपने हक और अधिकार के लिए किसी भी हद तक जा सकते हंै हम अपने स्वाभिमान से समझौता नहीं कर सकते इसलिए हम अपनी इज्जत खोकर पूर्ण रूप से निर्वस्त्र होकर सरकार कों नींद से जगाने का काम करेंगे।

100 से अधिक युवा कर रहे हैं प्रदर्शन

विधानसभा के सामने आरोपियों को सरकारी संरक्षण देने के विरूद्ध तथा आरोपियों पर कठोर कार्यवाही की मांग को लेकर प्रदेशभर के अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के 100 से अधिक युवा पूर्ण रूप से नग्न होकर आगामी मानसून विधानसभा सत्र के दौरान 18 जुलाई को विधानसभा के सामने प्रदर्शन कर रहे हैँ। 

पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने अपने फेसबुक वाल में लिख है कि क्या फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में कार्यवाही की मांग अनुचित है? आज अनुसूचित वर्ग के सैकड़ों युवा छत्तीसगढ़ विधानसभा के सामने अपना विरोध जताने के लिए नग्न प्रदर्शन करने पर मजबूर हो चुके हैं, इससे अधिक शर्म की बात इस सरकार के लिए और कुछ भी नहीं हो सकती।

वास्तव में यह प्रदर्शन कांग्रेस की स्थिति को दर्शा रहा है कि आखऱि पूरे छत्तीसगढ़ में कांग्रेस निर्वस्त्र होकर किस हालत में पहुंच चुकी है। 

फर्जी जाति प्रमाण धारकों के आड़ में कइयों ने उल्लू सीधा करने का काम हथियार के रूप में किया है। इसके आड़ में कइयों ने कइयों के साथ ब्लेक मैलिंग तक की है। देखना बाकी है कि सरकार इस मामले में आसन्न चुनाव के पहले क्या फैसला लेती है। यही नहीं इसके बाद 2003 से लेकर आजतक सिविल सेवा में फर्जी ढंग से नौकरी कर रहे सैकड़ों प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई बाकी है। 


Add Comment

Enter your full name
We'll never share your number with anyone else.
We'll never share your email with anyone else.
Write your comment

Your Comment