गांव वालों के सामने लज्जित होने के कारण पोदिये पोयामी ने आत्महत्या कर ली
‘देवभूति को छूती हो रहा है’, - गांव में ईसाई धर्म के अनुयायी बनने से पारंपरिक देवी देवता नाराज हो रहे हैं
दक्षिण कोसल टीमईसाई परिवारों को गांव छोड़ कर चले जाना चाहिए और उनकी जमीन और खेत को उनके रिश्तेदार कमाएंगे और खेती करेंगे। पीडि़त ने बताया कि कोया समाज तथा सर्व आदिवासी समाज से संबंध रखने वाले व्यक्ति ईसाइयों का गांव से निकाले जाने का समर्थन करते है। सहायक सचिव ने तो जान से मारने तक की धमकी दी। इस बैठक के बाद डर के कारण लक्ष्मण मंडावी व अन्य लोगों ने गांव छोडक़र जंगल चले गए और 2 दिन तो जंगल में ही रहे इसके बाद अगले 9 दिन पास्टर ने उन्हें चर्च में रहने की व्यवस्था की। यह पूछे जाने पर की बैठक के बाद करीब एक महीना बीत जाने के बाद ऐसा क्या हो गया की 15 अक्टूबर को घर व गांव छोडऩा पड़ा। तो उसने बताया कि 14 अक्टूबर को सुखराम ने बुधराम जो कि लक्ष्मण का चचेरा भाई है को खूब मारा और सूजन के कारण बुधराम की मौत हो गई।

बैठक में उपस्थित लक्ष्मण, बुधराम, मनोहर और संजू ने बताया कि इस बात की जानकारी पुलिस अधीक्षक दन्तेवाड़ा को दी गई और उन्होंने कार्यवाही का आश्वासन दिया पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है और पुलिस कहती है की यह सब ईसाइयों का बिजनेस है।
41. लक्ष्मण मंडावी
ग्राम - मताड़ी जोकापारा, जिला -दंतेवाड़ा, घटना - 17 सितंबर 2021
लक्ष्मण मंडावी ने बताया कि ग्राम मताड़ी में करीब 8 परिवार ईसाई धर्म के अनुयायी हैं और इस प्रकार गांव में करीब 40 व्यक्ति ईसाई धर्म को मानते हैं। वह स्वय करीब 7 - 8 वर्ष पूर्व ईसाई धर्म को स्वीकार किया है। घटना के दिन गांव वालों ने गांव में एक बैठक आयोजित की। उक्त बैठक में गांव के सभी ईसाई परिवार को बुलाया गया। उनसे कहा गया है कि ‘घर वापसी करो नहीं तो राशन व वन अधिकार पट्टा नहीं दिया जाएगा’ और गांव में भी रहने नहीं दिया जाएगा। बैठक में सरपंच, सचिव और सहायक सचिव उपस्थित थे। बैठक में उपस्थित गांववालों का कहना था कि ईसाई परिवारों को गांव छोड़ कर चले जाना चाहिए और उनकी जमीन और खेत को उनके रिश्तेदार कमाएंगे और खेती करेंगे।
पीडि़त ने बताया कि कोया समाज तथा सर्व आदिवासी समाज से संबंध रखने वाले व्यक्ति ईसाइयों का गांव से निकाले जाने का समर्थन करते है। सहायक सचिव ने तो जान से मारने तक की धमकी दी। इस बैठक के बाद डर के कारण लक्ष्मण मंडावी व अन्य लोगों ने गांव छोडक़र जंगल चले गए और 2 दिन तो जंगल में ही रहे इसके बाद अगले 9 दिन पास्टर ने उन्हें चर्च में रहने की व्यवस्था की। यह पूछे जाने पर की बैठक के बाद करीब एक महीना बीत जाने के बाद ऐसा क्या हो गया की 15 अक्टूबर को घर व गांव छोडऩा पड़ा। तो उसने बताया कि 14 अक्टूबर को सुखराम ने बुधराम जो कि लक्ष्मण का चचेरा भाई है को खूब मारा और सूजन के कारण बुधराम की मौत हो गई। बैठक में उपस्थित लक्ष्मण, बुधराम, मनोहर और संजू ने बताया कि इस बात की जानकारी पुलिस अधीक्षक दन्तेवाड़ा को दी गई और उन्होंने कार्यवाही का आश्वासन दिया पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है और पुलिस कहती है की यह सब ईसाइयों का बिजनेस है। वर्तमान में गांव में शांति है।
42. बुधराम सोढ़ी
ग्राम - डिलमिली, तहसील - दरभा, जिला - बस्तर, घटना 23 जनवरी 2022
गांव में बैठक रखी गई जिसका आयोजन सर्व आदिवासी समाज से संबंधित व्यक्तियों ने किया था। इस बैठक में करीब नौ परिवारों को जिन्होंने की ईसाई धर्म अपनाया था को बुलाया गया था। बुधराम सोड़ी ने बताया कि वह बैठक में नहीं गया था। पूछे जाने पर उसने कारण बताया की उसने ऐसी कोई गलती नहीं की है जिसके लिए उसे बैठक में जाकर गांववालों को जवाब देना पड़े। बैठक में करीब 3 पंचायत के 300 व्यक्ति शामिल हुए, जिसमें की पटेल, कोटवार, सरपंच आदि भी थे। बैठक में ईसाइयों से यह कहा गया कि ईसाई धर्म में मत जाओ, ‘देवभूति को छूती हो रहा है’, जिसका अर्थ है की गांव में ईसाई धर्म के अनुयायी बनने से पारंपरिक देवी देवता नाराज हो रहे हैं।
बुधराम सोड़ी से जब पूछा गया कि क्या आप इन सभी दबाव के कारण ईसाई धर्म छोड़ देंगे तो उसका जवाब था कि मेरी तकलीफ और परेशानी ईसाई धर्म में आने से ठीक हुई है, तो अब मैं इस धर्म को नहीं छोड़ सकता। उसने आगे बताया कि गांव के बैगा गुनिया यह आरोप लगाते हैं कि ईसाई देवता गांव में बीमारी ला रहे हैं। गांव में इस तरह का माहौल बन गया है कि गांव वाले कहते हैं-गांव में कोई प्रार्थना सभा नहीं होगी और ईसाइयों को घर वापसी करना होगा। डिलमिली का सरपंच बुधु सोढ़ी गांव में और आस पास के गांव में लोगों को भडक़ाता है की ईसाई धर्म को अपनाए हुए लोग घर वापसी करें।
43. बालमती पोयाम
श्यामबती पोयामी, कुमार मंडावी तथा भगेलू राम मंडावी, सभी निवासी ग्राम पालनार थाना - कोडेनार, तहसील - बास्तानार, जिला - बस्तर
उपस्थित ईसाई धर्मावलंबियों ने बताया कि उनके गांव पालनार में 5 ईसाई परिवार है और कुल इसाई अनुयायियों की संख्या करीब 25 हैं। घटना 21 फरवरी 2022 को बालमती की नानी सास पोदिए पोयमी ने आत्महत्या की। पोदिये पोयामी को गांव वाले ताना मारते व धमकाया करते थे। डोंगरीपारा का आयतू पोदिये पोयामी को अक्सर डराया धमकाया करता था तथा पूर्व में 3 बार टांगी/कुल्हाड़ी पकड़ के घर आया था। आयतू ने पहले भी पोदिये के साथ मारपीट किया था। निरंतर डराने धमकाने से गांव वालों के सामने लज्जित होने के कारण पोदिये पोयामी ने आत्महत्या कर ली। पोस्टमॉर्टम में मृत्यु का कारण जहर का सेवन बताया गया।
पोदिये पोयामी की मृत्यु 21 फरवरी 2022 को हुई और उसके अगले दिन 22 जनवरी को पोस्टमॉर्टम कराया गया और उसी दिन गांव वालों ने गांव के ईसाई परिवारों को गांव छोडक़र जाने को कहा। 23 जनवरी को सभी ईसाई परिवार को सामाजिक बहिष्कार का डर दिखाते हुए गांव छोडऩे का दबाव बनाया और इसी दिन सभी ईसाई परिवार गांव छोड़ कर चले गए और मृत शरीर का अंतिम संस्कार पुलिस ने जमीन में दफन कर किया। गांव का सरपंच महाबती मंडावी सामाजिक बहिष्कार का अगुआ था, साथ ही मासोर पोयामी जो कि कवानार का हैं तथा बुदराम नामक व्यक्ति ईसाइयों के सामाजिक बहिष्कार की अगुवाई कर रहे थे।
44. गज्जू कवासी
ग्राम - कटेनार, ग्राम - पंचायत कटेनार, तहसील - दरभा, पुलिस चौकी - पकनार, पुलिस थाना - दरभा, जिला - बस्तर, घटना 16 नवंबर 2021
गज्जू कवासी ने बताया की 16 नवंबर को गांव में पंचायत बुलाकर उसे ईसाई धर्म मानने के कारण उसके साथ मारपीट किया गया। जिसके परिणामस्वरूप वह बेहोश हो गया और बेहोशी की हालत में ही उसे अस्पताल ले जाया गया। इस संबंध में घटना की शिकायत पुलिस चौकी में की गई परन्तु कोई अपराध दर्ज नहीं किया गया। ईसाई धर्म मानने के कारण गांववाले वन अधिकार कानून में प्राप्त जमीन को वापस लेने का डर दिखाते हुए उस पर दबाव बनाते हैं।
45. विजय कुमार मुचाकी तथा बुदरू मुचाकी
दोनों निवासी ग्राम - बड़े किलेपाल गुढिय़ापारा, तहसील - बस्तानार, जिला बस्तर
विजय कुमार मुचाकी व बुदरू मुचाकी ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2016 में ईसाई धर्म स्वीकार किया है और गांव में उनके सिर्फ 2 ही ईसाई परिवार है। गांववाले इन दोनों ईसाई परिवारों को डराते धमकाते हैं और कहते हैं कि गांव से भगा देंगे उनकी जमीन छीन लेंगे आदि...। सुखराम पोयामी जो कि गांव का मुखिया है ने उनसे वन अधिकार पट्टा का कागज छीनकर ले गया। यह घटना 17 फरवरी 2021 की है और उनके रिश्तेदार मोगडु मोचाकी जो कि उनका रिश्ते का चाचा है को उक्त वन अधिकार पट्टा का कागज दे दिया। पंडु नामक व्यक्ति ने उनके पिता मासो मुचाकी पर कुल्हाड़ी से हमला किया जब वह खेत के लिए जा रहे थे।
मासो मुचाकी ने कुल्हाड़ी के वार को अपने हाथ से रोका जिसके कारण उनके हाथ में चोट आई। यह घटना घर के नजदीक ही हुई थी और शोर सुनकर वे दोनों मौके पर पहुंचे और पंडू से कुल्हाड़ी छीन ली। इस घटना की शिकयत उन्होंने पुलिस थाने में की। जिस पर अपराध दर्ज किया गया, परंतु कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। गांववाले डराते - धमकाते रहते हैं जिसकी शिकायत पुलिस थाना में की गई है। थाना में पदस्थ कश्यप नामक पुलिसकर्मी से जब इस बात की शिकायत की गई कि कोई कार्रवाई नहीं हो रही है और गांव वालों के द्वारा डराया - धमकाया जाता है तो उसने गाली देते हुए पीडि़तों से कहा कि बाहर निकलों नहीं तो लात मार के भगा दूंगा।
46. अब्राहम बड़ाड़ी उर्फ़ आनंद
ग्राम - उसकालेड़, तहसील - भोपालपटनम, जिला - बीजापुर
अब्राहम कोया जनजाति सेहै। उसने वर्ष 1996 में इसाई धर्म स्वीकार किया है। पिछले 10 '2 वर्षों से पास्टर रवि जो की दंतेवाड़ा से है से जुड़ें हैं। परिवार में पत्नी, बेटा व बहन सभी ईसाई धर्म को मानते हैं। वर्ष 2011 से बटटीगुड़ा में कलीसिया चर्च है। 26 दिसम्बर 2021 को बट्टीगुड़ा गांव में रविवार को चर्च में आराधना के बाद वचन (धार्मिक उपदेश) के दौरान भीड़ में करीब 10 '2 लोग आए और चर्च में घुसे। भीड़ के लोग चर्च में तोडफ़ोड़ किए और मारपीट करने की धमकी दे रहे थे। वे लोग यह कह रहे थे कि ‘चर्च बंद करो, घर वापसी कर वापस आ जाओ’। इस घटना के बाद 14 ईसाई परिवारों में से 8 ने घर वापसी कर ली है।
इस घटना की सूचना पुलिस थाना मद्देड़ में दी गई परन्तु पुलिस ने कोई प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज नहीं की है और मात्र आवेदन पर हस्ताक्षर कर बिना सील लगाए पावती दे दिया। आरोपियों के विरुद्ध कोई कार्यवाही या घटना की कोई जांच पुलिस द्वारा नहीं की गई। अब्राहम बड़ाड़ी 2 बार इस संबंध में पुलिस थाने गए। कोई कार्यवाही नहीं होता देख उन्होंने 2 - 3 दिनों के बाद पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायत दी। परन्तु फिर भी आरोपियों पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। उनसे यह पूछे जाने पर कि आपके साथी पास्टर ने आपको क्या मार्गदर्शन और सुझाव दिया तो उनका कहना था कि उन्होंने हमें स्थानीय वकील से सहायता लेने को कहा जिन्होंने पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायत आवेदन देने को कहा था।
47. कड़ती रामचंद्रन
कड़ती रामचंद्रन लोदेड़ में पास्टर का कार्य करते है उनका पूरा परिवार ईसाई हैं। ग्राम - लोदेड़ में करीब 24 परिवार ईसाई धर्म के अनुयायी हैं। कड़ती रामचंद्रन ने बताया कि वर्ष 2014 में उन्होंने ईसाई धर्म स्वीकार किया। 23 दिसम्बर 2021 को चर्च में प्रार्थना कर रहे थे तब करीब 10 - 12 लोग प्रार्थना सभा में घुसे और वहां से ईसाई धर्मावलंबियों को लेकर गांव के बीच ले गए। वहां उन्होंने पास्टर कड़ती रामचंद्रन तथा पांच अन्य ईसाई विश्वासियों को हाथ डंडा व लात से मारपीट की। जब कड़ती रामचंद्रन से पूछा गया कि इस घटना की सूचना आपने पुलिस थाना में दी क्या? तो उनका जवाब था कि जिन्होंने हमारे साथ मारपीट की। इस संबंध में आरोपियों के विरुद्ध कहीं कोई शिकायत नहीं किए हैं।
इसके बाद गांव के लोग ईसाई परिवारों के घर गए और घर का सामान निकालकर बाहर फेंक दिए तथा घर के दरवाजे पर ताले लगाकर उन्हें गांव छोडऩे को कहा। डर और भय के माहौल में ईसाई अनुयायी 7 दिन गांव से बाहर रहे और उसके बाद ही गांव लौटे। इस घटना के बाद दिनांक 23 - 24 जनवरी 2022 को ईसाई परिवारों के साथ फिर डराने - धमकाने की घटना हुई जिसकी अगुवाई गांव के मुखिया वलवा किस्तैया और यालम बुछमैया कर रहे थे। गांववाले डराते धमकाते वक्त यह कह रहे थे कि आराधना मत करो और गांव छोड़ो। तुम लोगों को आराधना करते समय ही आकर मारेंगे। इस संबंध में पुलिस थाना मद्देड़ में सूचना दी गयी पर इस संबंध में भी कोई कार्यवाही नहीं की गयी।
48. कुरसा एककैया
19 दिसंबर 2021 को जब कुरसा एककैया चर्च के लिए जा रहा था उस वक्त कुछ लोगों की भीड़ ने उसे रास्ते में रोका और कहा की चर्च छोड़ों और वापस आ जाओ इत्यादि। उसके भी घर का सामान बाहर फेंक दिया गया घर की दीवार तोड़ दी गयी और घर के दरवाजे पर ताला जड़ दिया गया। इस घटना से भयभीत होकर वह करीब 6 दिन गांव से बाहर रहा इस दौरान वह भोपालपटनम में था। उसने बताया कि घटना की शिकायत उसने पुलिस में की परन्तु पुलिस ने दोनों पक्षों के बीच समझौता करवाया। उसने आगे बताया कि इसके बाद कोई नई घटना घटित नहीं हुई है।
49. सिडेम समैया तथा नागेश समैया
दोनों ही मूरीया जनजाति, निवासी ग्राम - मट्टी मरका, तहसील -भोपालपटनम, जिला - बीजापुरपास्टर बाल सिंह कोर्राम (जनजाति माडिय़ा), गंगाराम (जनजाति मुढिय़ा), रिंकू कोर्राम (जनजाति माडिय़ा), सुधाकर दानियल (जाति बोंटा) व देगा (अन्य पिछड़ा वर्ग)
16 मार्च 2022 होली की शाम को पास्टर सुधाकर, सिडम के घर मट्टीमरका गए थे। यहां पर ईसाई विश्वास सिडम सोमैया के घर पर प्रार्थना रखी गई थी। प्रार्थना के दौरान गांव के प्रवीण तथा चार पांच अन्य व्यक्ति आए और सिडेम को बुलाकर गांव के पटेल के घर ले गए और वहां पर उसके साथ लात घूंसों से मारपीट की। सिडम को धमकाया गया कि ईसाई धर्म को छोडक़र गोंडवाना (पारंपरिक आदिवासी विश्वास) में मिल जाओं नहीं तो अगली बार जान से मार देंगे। सिडेम समैया से पूछने पर की उसने उन लोगों को क्या जवाब दिया उसने बताया की उसने कहा -‘आप कुछ भी करने से मैं नहीं छोडूंगा।’ अर्थात जो भी कर लो मैं अपना धार्मिक विश्वास नहीं छोडूंगा।
इसके बाद पास्टर सुधाकर बोंटा को बुलवाने के लिए प्रवीण और अन्य व्यक्ति सिडेम के घर गए पर पास्टर सुधाकर ने उनके साथ जाने से मना किया। तो उन लोगों ने पास्टर सुधाकर को गाली गलौज किया और मारने की धमकी दी। पास्टर सुधाकर ने उन्हें जवाब दिया की अगर कल सुबह बुलाओगे तो आ जाऊंगा पर अभी नहीं। इस घटना की शिकायत पुलिस थाना में नहीं की गयी। पास्टर सुधाकर से पूछने पर उन्होंने बताया कि घटना के बाद डर के कारण वे ग्राम मट्टीमरका नहीं जाते हैं।
उनके डर का कारण यह भी है कि इसके अगले दिन 17 मार्च 2022 को पास्टर यल्लम शंकर की ईसाई धर्म के प्रचार करने के कारण गोली मारकर हत्या कर दी गयी। हत्या की जिम्मेदारी तथाकथित तौर पर नक्सलियों ने ली है। पास्टर सुधाकर ने बताया की ईसाई अनुयायियों का सामाजिक बहिष्कार सार्वजनिक स्थल जैसे हैण्डपम्प तथा पानी के अन्य स्रोतों से पानी लेने आदि से मना किया जाता है। उनका यह भी कहना था कि गोंडवाना संगठन वाले दादा लोग (नक्सलियों) को दबाव बनाते हैं कि ईसाई लोगों को डरा- धमकाओं व मारपीट करो।
50. कृष्णा कोरसा
मुडिय़ा जनजाति, निवासी ग्राम - जैतलूर कॉलेजपारा, पुलिस थाना व तहसील - बीजापुर, जिला - बीजापुर
कृष्णा कोरसा ने बताया की गांववाले इसाई पास्टर तथा ईसाइयों को डराने धमकाने के लिए नक्सलियों का सहारा लेते है। वर्ष 2016 में ग्राम केतुलनार में पास्टर मंगलू मंडावी को बैठक में बुलाया गया। नक्सलियों ने उसके हाथ बांधे और उसके साथ मारपीट की। नक्सलियों ने उसे धमकाया कि वह क्षेत्र में धर्मप्रचार बंद कर दें। इस घटना के बाद उसने केतुलनार छोड़ कर करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक अन्य ग्राम कुटरू में रह रहा है।
करीब 120 ईसाई व्यक्ति वहां रहते थे जिनमें से करीब 32 लोगों ने ईसाई धर्म को छोड़ दिया। जिन लोगों ने ईसाई धर्म को छोड़ा उसमें तुलसी यालम नामक शिक्षक है। पूछे जाने पर बताया गया कि तुलसी यालम ख्रीस्तीन विश्वास में कमजोर था। जिन व्यक्तियों ने ईसाई धर्म त्याग दिया ग्राम दोरला के स्थानीय लोगों ने उनके लिए शुद्धिकरण का कार्यक्रम रखा था। मास्टर मंगलू मंडावी नहीं बताया की केतुलनार छोडऩे के बाद अब ग्राम कुतरु में वह तथा उसकी पत्नी दोनों धर्म प्रचार का कार्य कर रहे हैं।
51. बालविन कुडिय़ाम
ग्राम - एरमनार, पुलिस थाना - नेमेड़, जिला - बीजापुर
वर्ष 2009 - 2010 में नक्सलियों ने बालविन कुडिय़ाम को जंगल में लेकर उसके साथ मारपीट की थी। इसी वर्ष साल 2022 में गांववाले उससे आसपास के ईसाइयों की सूची मांग रहे थे। जब उनसे पूछा गया की गांव वाले ईसाइयों की सूची क्यों मांग रहे थे, तो उसने बताया की गांव वालों ने कहा कि ईसाइयों का सर्वे हो रहा है। इससे यह प्रतीत होता है कि कोई व्यक्ति या संगठन है जो ईसाई अनुयायियों को चिन्हित करना चाहता है।
52. मुन्ना अपका
ग्राम - गदमल्ली, जिला - बीजापुर
करीब पांच वर्ष पूर्व मुन्ना अपका को मजबूर होकर गांव छोडऩा पड़ा, जब गांववालों ने उसे ईसाई होने के कारण डराया व धमकाया। गांव वालों की धमकी के कारण वह अपनी पत्नी के साथ गांव छोडक़र ग्राम नेमेड़ में रह रहा हैं। जबकि उसके माता पिता ग्राम गदमल्ली मैं ही रहते हैं। यह पूछे जाने पर कि वह जीविका के लिये क्या करता है तो उसने बताया कि वह मजदूरी करता है तथा उसकी पत्नी मध्याह्न भोजन बनाने का कार्य करती है।
53. गुडडी राम भोगामी
जनजाति मुरिया गोंड, ग्राम - मिडकुलनार, तहसील - दंतेवाड़ा, थाना - फरसपाल, दन्तेवाड़ा
गुड्डीराम भोगामी ने बताया कि वह बारहवीं कक्षा तक पढ़ाई की है तथा वह साधारण विश्वासी है। व दंतेवाड़ा के कत्यारास चर्च का सदस्य है, जो कि मिडक़ुलनार से करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर है। वह परिवार का पहला ईसाई विश्वासी है वर्तमान में उसकी पत्नी भी ईसाई धर्म की अनुयायी है। गुड्डीराम भोगामी ने बताया कि उसके चचेरे भाइयों को उसका ईसाई धर्म पसंद नहीं था और वे ही गांव वालों से शिकायत करते रहते हैं जिससे परिणामस्वरूप गांववाले उसे तथा उसके परिवार को परेशान करते व सताते हैं। आते जाते गांववाले उससे यह प्रश्न करते हैं कि समाज में कब जुड़ोगे? जिसका जवाब वह देता है कि ‘मुझे और समय चाहिए अभी मेरी परेशानी दूर नहीं हुई है’।
वर्ष 2019 जनवरी महीने की बात है की करीब 3 साल से उसकी तबियत खराब थी। वह ठीक होता, फिर बीमार हो जाता है। पहले उसे टीबी हो गया था, तो उसके बढ़े पिता जी चर्च ले गए थे और पास्टर से बात कराए। वह करीब सप्ताह भर चर्च में ही रुका और प्रार्थना से उसकी बीमारी ठीक हो गई। वर्ष 2020 - 2021 में गर्मी के महीने में करीब 12 बजे दोपहर को गांव में पंचायत रखे थे। जहां उसे बुलाया गया और उससे बैठक में सवाल किया गया कि ‘जात पात होगा की नहीं’ मतलब यह है कि वह वापस ईसाई धर्म छोडक़र समाज से जुड़ेगा की नहीं। बैठक में उसने जवाब दिया कि मुझे समय चाहिए अभी मेरी परेशानी (बीमारी) ठीक नहीं हुआ है।
पंचायत में उपस्थित गांव वालों ने उसे कहा कि ठीक है जब बीमारी ठीक हो जाए तो तुम बताना। गुड्डू राम भोगामी ने बताया कि उसके साथ कोई शारीरिक हिंसा या सामाजिक बहिष्कार नहीं किया गया है, बस गांव वाले इतना ही पूछते हैं कि वह वापस समाज में कब आएगा। उसने आगे बताया की गांव वाले उसे डराते हुए यह कहते हैं कि पटवारी ने बताया है कि ईसाई लोग का जमीन छिन जाएगा। आगे पूछे जाने पर उसने बताया कि गांव वाले सामाजिक बहिष्कार करने की बात करते हैं और उसके रिश्तेदारों से उन्होंने कहा है कि ईसाई लोगों पर जुर्माना लगाया जायेगा। आज तक सामाजिक बहिष्कार नहीं किया गया है और ना ही कोई आर्थिक दंडस्वरूप जुर्माना लगाया गया है।
54. रामा भोगामी
जनजाति - मुरिया गोंड, ग्राम - मिडकुलनार, तहसील - दंतेवाड़ा, थाना - फरसपाल, दन्तेवाड़ा
रामा भोगामी जो कि गुड्डू राम भोगामी के बड़ा पिताजी का बेटा है ने बताया कि उसके बच्चे नहीं हो रहे थे, तबियत खराब रहती थी, शरीर में कीड़ा काटने जैसा अहसास हो रहा था और सांस लेने में भी दिक्कत होती थी। उसने डॉक्टर तथा देसी जड़ी बूटी से इलाज करवाया पर सब बेअसर रहा तो उसके भाई गुड्डी राम उसे चर्च ले गया। वह चर्च में कुछ समय रहा। प्रार्थना - आराधना से बीमारी ठीक तो नहीं हुई है पर पहले से आराम है। उसने बताया कि कभी कभी उसे दर्द होता है। उसका अंदाजा है कि किसी ने उसके साथ जादूटोना किया था।
उसने आगे बताया कि गांव में पंचायत की बैठक बुलाई गई थी जिसमें उसे वापस ईसाई धर्म त्यागकर वापस आने को कहा गया जिसपर उसने समय मांगा। पंचायत बैठक में उपस्थित गांव वालों ने उसके साथ गालीगलौच की और कहा कि कितना समय मांगोगे उसे सामाजिक बहिष्कार की धमकी दी गई है और यह भी कहा गया है कि सरकारी योजनाओं का लाभ तुम को नहीं मिलेगा। उसने यह भी बताया कि गांव वाले उसे धमकाते हैं कि ईसाई लोगों को गांव से भगाना है।
55. सुनील राम गावड़े
जनजाति मारिया, गांव - बास्तानार, डंकापारा, तहसील - बास्तानार, जिला - जगदलपुर
सुनील राम गावड़े के अनुसार वह तथा उसका छोटा भाई बुधराम ईसाई धर्म के अनुयायी हैं। वह अभी बचेली में रहता है और करीब 2 साल पूर्व ही इसाई धर्म को स्वीकार किया है। 13 सितंबर 2021 को गांव वालों ने पंचायत बैठक बुलाई जिसमें दोनों भाइयों को बुलाया गया और पूछा गया कि ईसाई धर्म को छोड़ोगे की नहीं। सुनील राम गावड़े ने जवाब दिया कि बीमार है हम नहीं छोढ़ेंगे। यह सुनने के बाद उपस्थित गांव वालों ने उसे धमकाते हुए कहा कि गांव -घर से भगा देंगे और यहां रहने नहीं देंगे। ग्राम किलेपाल का बामन नामक व्यक्ति उक्त बैठक में उपस्थित था व गांव वालों को भडक़ा रहा था। वह सुनील राम गावड़े से आधार, राशन कार्ड और जमीन का पट्टा मांग रहा था।
मासो राम मंडावी जिसे भी उक्त पंचायत में बुलाया गया था ने बताया कि वह साधारण विश्वासी है। गैर ईसाइयों ने उसे डंडे से तथा उसके दो भाई व उनकी पत्नियों को मारा। घटना के दौरान किसी एक ईसाई विश्वासी ने पुलिस को फोन कर सूचना दी। इस घटना की एफआईआर पुलिस थाना कोडेनार में दर्ज की गई। अपराध पंजीबद्ध होने के बावजूद कोई गिरफ्तारी नहीं हुई जबकि कुल 6 लोगों के साथ मारपीट की गयी। इस घटना की जानकारी उन्होंने केसलूर के पास्टर जयलाल पोडियामी तथा पास्टर बलदेव मंडावी को दी थी। लिखित शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई और पुलिस वालों ने आश्वासन दिया था कि केस को आगे बढ़ाएंगे परन्तु कोई कार्यवाही नहीं हुई।
मासो राम मंडावी ने आगे बताया कि गांव वालों ने उसे गांव से बाहर निकालने की नीयत से उसके घर के सामान को निकालकर बाहर फेंक दिया। उसकी मां ने उससे कहा कि- ‘बेटा तुम गांव छोड़ दो, नहीं तो गांववाले तुम को जान से मार देंगे।’ इस घटना के बाद मासोराम, उसका भाई अपनी पत्नियों और बच्चों के साथ गांव छोडक़र बचेली में रहते हैं। उसके माता पिता पर आर्थिक दंड भी लगाया गया है। अर्थदंड स्वरूप सुअर, मुर्गा, सल्फी और महुआ दारू के साथ 15 सौ रुपये दंड दिया गया।
गांववाले मासोराम का घर जिसमें वह अपनी पत्नी तथा बच्चों के साथ रहता था और जो वर्तमान में खाली पड़ा हुआ है, को तोडऩे की बात करते हैं। मासोराम वर्तमान में बचेली मैं मजदूरी करता है तथा उसका छोटा भाई डिलमिली में मजदूरी करते हुए जीवन यापन कर रहे हैं। पूछे जाने पर कि क्या वह उन व्यक्तियों के नाम बता सकता है जिन्होंने उसे उसके भाई व पत्नियों के साथ मारपीट की, तो उसने बताया कि मरने वालों में बसंत लाला व पघनु अगुवाई कर रहे थे।
छत्तीसगढ़ राज्य के पांचवीं अनुसूची क्षेत्र में/आदिवासी इलाकों में आदिवासी समुदायों के मध्य धार्मिक आस्थाओं के सवाल को लेकर आपसी तनाव और तकरार की परिस्थितियों पर पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज छत्तीसगढ़ के पहल पर छत्तीसगढ़ प्रोग्रेसिव क्रिश्चियन अलायन्स, आल इंडिया पीपुल्स फोरम तथा दलित अधिकार अभियान, आल इंडिया लायर्स एसोसिएशन फॉर जस्टिस आदि जनसंगठनों की फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट पर आधारित।
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