पोड़ी में दुर्गावती बलिदान दिवस मनाई गई

गोंडवाना साम्राज्य की वीरांगना महारानी दुर्गावती की 459वीं बलिदान दिवस

दक्षिण कोसल टीम

 

कार्यक्रम में डॉ. कुसुम सिंह परस्ते  ने कहा कि महारानी दुर्गावती के जीवन के संघर्ष, पराक्रम, साहस, धैर्य, शौर्य से हमेशा वर्तमान पीढी को सीख लेने की आवश्यकता है। आगे कहा कि हमारी पुरखो की संस्कृति गांव में मिलती है जिसे आज आप सभी को संरक्षण व संवर्धन करने को की जरूरत है।

मुख्य अतिथि ए.पी. शांडिल्य पूर्व उपायुक्त सरगुजा संभाग ने संबोधित करते हुए कहा कि गोंडवाना का ऐतिहासिक इतिहास जो आज भी गढ़, किले, पेनठाना राजा - रानियों की वीर गाथा मे झलकती हुई दिखाई देती है।

उन्होंने आगे कहा महारानी दुर्गावती शौर्य पराक्रम साहस धैर्य की अग्रणी थी जो अपने राज्य राष्ट्र के लिए लड़ाई लड़ती रही और लड़ते - लड़ते बलिदान हो गई।

शांडिल्य ने बताया कि आज वर्तमान समय में समाज के भविष्य युवा पीढ़ियों को जिनके ऊपर में समाज का कंधा है उन युवाओं को एकता के सूत्र में शैक्षणिक सामाजिक आर्थिक सांस्कृतिक धार्मिक राजनीतिक एकीकरण कर समाज के लिए सदैव कार्य करते रहें। समाज की बुराइयों को दूर करते हुए अच्छाइयां की ओर अग्रसर होने का अपील की। 

कार्यक्रम की अध्यक्षता युवा नेता बीपीएस पोया ने अपने वक्तव्य में कहा की हमारा लक्ष्य सामाजिक परिवर्तन का आंदोलन करना है जिसमें की सभी क्षेत्रों में हमारा प्रतिनिधित्व हो ये हमारा संवैधानिक अधिकार है।

क्षेत्र की समस्याओं के समाधान के लिए समाज में निरंतर सामाजिक जनजागृति जरूरी है। अलिखित गोंडवाना आदिवासी समाज की इतिहास को भारत के संविधान में संशोधन कर समविष्ट करने की जरुरत हैं। जल जंगल जमीन और संस्कृति को बचाना स्वयं की दायित्व और कर्तव्य है जिस की लड़ाई खुद लड़नी होगी। 

मूलनिवासी अधिकार गढ़ वीरांगना महारानी दुर्गावती समिति के द्वारा जवाहर नवोदय विद्यालय चयनित अभ्यर्थी समर  पोर्ते, विनीत पोर्ते, सक्षम जायसवाल व 10 वीं के अगस्त कुमारी, प्रतिभा, मुस्कान मीना 12 वीं के हेमनती राजवाड़े  ने 80 प्रतिशत उच्च अंक प्राप्त करने वाले छात्र छात्राओं को प्रशस्ति प्रमाण पत्र, मेडल, डिक्शनरी, पेन, पुष्पगुच्छ देकर उन्हें सम्मानित किया गया साथ ही साथ उन्हे बधाई देकर उनके उज्जवल भविष्य की कामना की ।

वीरांगना महारानी दुर्गावती समिति के डॉ. कुसुम सिंह परस्ते संरक्षक, शिवमंगल मरकाम अध्यक्ष, भानूप्रताप पोया सचिव, मोतीलाल आयाम कोषाध्यक्ष, सुखदेव नेताम,  मनमोहन ऊरेती, रिझन उरेती, रविशंकर टेकाम चंद्रविजय आरमो, एसएल नेताम, बोधन पोर्ते, जगदीश पोर्ते, संजीत, भूपेन्द्र श्याम, रामकुमार मरावी, बिहारी उईके, नरेंद्र मरकाम, देव साय बैगा, सोखन उइके, सुभाष पोर्ते, जवाहिर पोर्ते, रामबाई आरमो, अवधि पोर्ते, मंजुबाला आयाम, सोनकुंवर आयाम, गायत्री पोर्ते, सपेतर पोर्ते,  छतर आयाम आयुर्वेदिक चिकित्सक ग्रामीण महिलाएं बच्चे सैकड़ों संख्या में उपस्थित थे।


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