काली स्याही और जानलेवा हमले किसानों की आवाज़ को नहीं दबा सकते

द कोरस टीम

 

भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता राकेश टिकैत ने बेंगलुरु में उन पर स्याही फेंके जाने के बाद कहा है कि काली स्याही और घातक हमले किसानों और मजदूरों की आवाज को दबा नहीं सकते.

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के गांधी भवन में सोमवार को एक किसान संगठन द्वारा आयोजित कार्यक्रम के दौरान कुछ अराजक तत्वों ने टिकैत पर स्याही फेंक दी. पुलिस ने इस सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है.

इसके बाद आयोजकों और अराजक तत्वों ने एक दूसरे पर प्लास्टिक की कुर्सियों से हमला किया. इसके बाद अराजक तत्वों ने कथित तौर पर ‘मोदी, मोदी’ के नारे लगाए.

टिकैत ने इस घटना के लिए स्थानीय पुलिस को जिम्मेदार ठहराया और आरोप लगाया है कि उन पर हमला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राज्य सरकार की मिलीभगत से किया गया था.

किसान नेता ने सोमवार देर रात ट्वीट किया, ‘काली स्याही और घातक हमले इस देश के किसानों, मजदूरों, दलितों, शोषितों, पिछड़ों और आदिवासियों की आवाज को दबा नहीं सकते. लड़ाई आखिरी सांस तक जारी रहेगी.’

द वायर के अनुसार कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने इन आरोपों को खारिज किया है कि टिकैत को निशाना बनाने वाले लोग भाजपा से थे.

उन्होंने कहा, ‘हम अधिकारियों के संपर्क में हैं. तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है. मैं इस कृत्य की निंदा करता हूं. संविधान के तहत सभी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार है.’

आयोजकों के अनुसार, कार्यक्रम में एक संवाददाता सम्मेलन भी होना था, जो किसान नेता कोडिहल्ली चंद्रशेखर के खिलाफ एक स्टिंग ऑपरेशन के बाद ‘संदेह को दूर करने’ के लिए बुलाया गया था और इसके लिए टिकैत को आमंत्रित किया गया था.

बैठक में अराजक तत्व पत्रकार बनकर आए और नोट लेने का नाटक किया. उनमें से एक टिकैत के सामने माइक्रोफोन को ठीक करने के लिए मंच पर गया और फिर माइक से उन पर हमला करने की कोशिश की. एक अन्य व्यक्ति ने टिकैत पर स्याही फेंकी जिससे उनकी पगड़ी, चेहरा, सफेद कुर्ता और गले में पहने हुए हरे शॉल पर स्याही के धब्बे लग गए.

कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप) और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद), अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा छत्तीसगढ़ राज्य कमेटी सहित विपक्षी दलों ने घटना की निंदा की और दोषियों के खिलाफ तत्काल पुलिस कार्रवाई की मांग की.

भाजपा के मुखर आलोचक टिकैत, अब निरस्त किए गए केंद्र के तीन कृषि-विपणन कानूनों के खिलाफ 2020 के किसानों के प्रदर्शन के प्रमुख चेहरों में से एक हैं.

टिकैत का भारतीय किसान यूनियन, संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) का हिस्सा था, जिसने दिल्ली की सीमाओं पर केंद्र के तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल से अधिक समय तक विरोध प्रदर्शन किया था.

मालूम हो कि इन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर तकरीबन एक साल तक प्रदर्शन किया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  द्वारा विवादित तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा के बाद किसानों ने ​बीते साल दिसंबर में अपना आंदोलन स्थगित कर दिया था.

भारतीय किसान यूनियन और अन्य किसान नेताओं ने कहा था कि वे राष्ट्रीय राजधानी छोड़ रहे हैं, लेकिन अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो वे आंदोलन फिर से शुरू करेंगे.

संयुक्त किसान मोर्चा ने सख्त सजा देने की मांग की

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने सोमवार को बेंगलुरु में टिकैत पर स्याही फेंकने वालों के लिए सख्त सजा की मांग की. किसानों की 40 से अधिक यूनियन के संगठन ने यह भी मांग की कि ‘इस लापरवाही के दोषी’ पुलिस अधिकारियों को निलंबित किया जाए और मामले में न्यायिक जांच का आदेश दिया जाए.

मोर्चा ने आरोप लगाया कि कर्नाटक सरकार ने टिकैत के लिए सुरक्षा के कोई बंदोबस्त नहीं किए थे.

उसने कहा, ‘मुख्य आरोपी की कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा, भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष विजयेंद्र, मौजूदा गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र और सिंचाई मंत्री गोविंद करजोल के साथ तस्वीर ने अब यह साफ कर दिया है कि यह हमला भाजपा द्वारा प्रायोजित था.’

किसान मोर्चा ने एक बयान में कहा, ‘यह भी स्पष्ट है कि भाजपा सरकार ने एक टेलीविजन चैनल के पिछले कुछ दिनों से किसानों के आंदोलन के खिलाफ दुष्प्रचार अभियान के कारण तनावपूर्ण माहौल के बावजूद सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए थे.’

उसने कहा कि इस हमले को छोटी-सी घटना के तौर पर नजरअंदाज करना उचित नहीं है, क्योंकि टिकैत पर पहले भी कई बार ‘हमले’ किए गए हैं.

बयान में कहा गया है, ‘राकेश टिकैत को सुरक्षा मुहैया करायी जानी चाहिए. इस घटना ने एक बार फिर भाजपा का किसान विरोधी चेहरा दिखा दिया है. किसान जानते हैं कि इस सरकार को शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीकों से कैसे सबक सिखाना है.’

रालोद ने कर्नाटक सरकार से दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की

राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) ने किसान नेता राकेश टिकैत पर बेंगलुरु में स्याही फेंके जाने को ‘शर्मनाक’ बताया और कर्नाटक सरकार से बदमाशों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की.

रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने एक बयान में कहा, ‘राकेश टिकैत के साथ बेंगलुरु में दुर्व्यवहार शर्मनाक है. कर्नाटक सरकार बदमाशों के खिलाफ तत्काल कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करे.’

उन्होंने कहा, ‘यह निंदनीय है. ओछे लोग अपनी ओर ध्यान आकर्षित करने के प्रयास में ऐसी हरकतें करते हैं.’

राकेश टिकैत और अन्य किसान नेताओं पर निंदनीय हमला भाजपा द्वारा प्रायोजित

एसकेएम की मांग: अपराधियों को दंड, अफसरों को सस्पेंशन, राकेश टिकैत को सुरक्षा मिले और इस घटना की न्यायिक जांच हो. अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा छत्तीसगढ़ राज्य कमेटी, संयुक्त किसान मोर्चा किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत पर आज बेंगलुरु में हुए हमले की निंदा करता है.

अब तक मिली जानकारी के आधार पर यह स्पष्ट है की यह घटना आज दोपहर बेंगलुरु के गांधी भवन में प्रेस वार्ता के दौरान हुई जिसे एसकेएम से जुड़े किसान संगठन कर्नाटक राज्य रैयत संघ ने आयोजित किया था.

इसमें किसान नेता श्री राकेश टिकैत, श्री युद्धवीर सिंह और सुश्री कविता कुरुगंटी पिछले दिनों टीवी चैनल द्वारा किसान आंदोलन के विरुद्ध दुष्प्रचार का खण्डन कर रहे थे। ऐसे में एक व्यक्ति ने पूर्व नियोजित तरीके के उठकर टीवी चैनल का माइक राकेश टिकैत के मुंह पर मारा और दूसरे व्यक्ति ने आकर उन पर स्याही फेंकी. हमलावर "जय मोदी" और "मोदी, मोदी" के नारे लगा रहे थे.

अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के सचिव तेजराम विद्रोही ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि अब तक मुख्य आरोपी भरत शेट्टी की शिनाख्त हो चुकी है और वह पुलिस हिरासत में है.

मुख्य आरोपी की कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री येदुरप्पा, भाजपा के राज्य उपाध्यक्ष, वर्तमान गृह मंत्री और सिंचाई मंत्री के साथ फोटो से अब यह स्पष्ट हो गया है कि यह हमला भाजपा द्वारा प्रायोजित था.

यह भी स्पष्ट है कि पिछले कुछ दिनों से एक टीवी चैनल द्वारा किसान आंदोलन के खिलाफ प्रचार के चलते तनावग्रस्त माहौल के बावजूद भाजपा सरकार ने सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए थे। स्याही की जगह एसिड या बम भी हो सकता था, जिसके परिणाम जानलेवा हो सकते थे. अब यह साफ है कि हमलावरों को भाजपा और कर्नाटक सरकार की पूरी शह प्राप्त थी.

इसे छोटी घटना मानकर नज़र अंदाज़ किया जाना उचित नहीं होगा क्योंकि पहले भी राकेश टिकैत पर हमले हो चुके हैं. इसलिए संयुक्त किसान मोर्चा दिल्ली कमेटी के साथ अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा छत्तीसगढ़ राज्य कमेटी मांग करता है की इस घटना के दोषियों को कड़ी सजा दी जाए.

इस लापरवाही के लिए दोषी पुलिस अफसरों को तुरंत सस्पेंड किया जाए, इस घटना और इसके पीछे राजनैतिक षड्यंत्र की न्यायिक जांच का आदेश दिया जाये और राकेश टिकैत को सुरक्षा प्रदान की जाये. 

इस घटना ने एक बार फिर भाजपा का किसान विरोधी चेहरा बेनकाब किया है. किसानों से बार-बार धोखा करने वाली और उन पर तरह तरह से हमले प्रायोजित करने वाली इस सरकार को किसान शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीकों से सबक सिखाना जानते हैं.


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