पिछड़ी जातियों के महिलाओं के साथ बलात्कार के मामले बढ़े
द कोरस टीमराजनांदगांव के घुमका थाना क्षेत्र अंतर्गत बरबसपुर देवादा का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है जिसमें अधेड़ उम्र के व्यक्ति ने बालिका के साथ अनाचार किया है। हैवानियत की हद पार कर आरोपी सीताराम वर्मा अपना प्रभाव और रौब पीड़ित परिवार पर बनाता रहा अंतत: मामले में एफआईआर की गई और गिरफ्तारी भी हो गई।

पिछले दिनों सोनी सोरी बता रही थी बहुत सारी आदिवासी औरतों से बात करने से पता चला है कि छत्तीसगढ़ में सिपाहियों द्वारा आदिवासी औरतों से बलात्कार बहुत व्यापक रूप में किए जा रहे हैं महिलाओं ने बताया कि जब सुरक्षा बल गश्त पर गांव की तरफ निकलते हैं तो उन्हें देखकर हमारे घरों के पुरुष जंगल में छुप जाते हैं।
हिमांशु कुमार अपने वाल में लिखते हैं कि क्योंकि पुरुषों को देखकर यह लोग गोली मार देते हैं या जेल में डाल देते हैं। इससे सिपाहियों को इनाम मिलता है।
उस महिला ने बताया कि हम बच्चों की वजह से जंगल में नहीं भाग पाते, तब यह सिपाही घरों में रह रही आदिवासी महिलाओं के साथ बलात्कार करते हैं। अनेकों मामले तो पुलिस तक ले भी जाए गये लेकिन आज तक किसी एक मामले में भी किसी सिपाही के खिलाफ अदालत ने कार्यवाही नहीं की।
कहने को छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का शासन हैं। कांग्रेस के प्रमुख पदों पर सोनिया गांधी और राहुल गांधी जैसे संवेदनशील नेता हैं।
राजनांदगांव के घुमका में बालिका के साथ अनाचार
राजनांदगांव के घुमका थाना क्षेत्र अंतर्गत बरबसपुर देवादा का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है जिसमें अधेड़ उम्र के व्यक्ति ने बालिका के साथ अनाचार किया है। हैवानियत की हद पार कर आरोपी सीताराम वर्मा अपना प्रभाव और रौब पीड़ित परिवार पर बनाता रहा अंतत: मामले में एफआईआर की गई और गिरफ्तारी भी हो गई।
पत्रकार दीपांकर खोबरागड़े कहते हैं कि एक अधेड़ उम्र के व्यक्ति ने अपनी बेटी की उम्र के साथ हैवानियत करने का मामला सामने आया है। बताया जाता है कि आरोपी सीताराम वर्मा 55 वर्ष का है बालिका की उम्र 23 साल है। आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस इस मामले में कल से गंभीर नजर आ रही थी। एसडीओपी खैरागढ़, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, जिला पुलिस अधीक्षक भी सेंसिटिव मामला होने की वजह से सजग भूमिका में रहे। उक्त मामले को लेकर वर्मा परिवार पीड़ित परिवार को पर दबाव बनाये जा रहा था बताया जाता है कि उक्त आरोपी लोधी समाज के एक प्रमुख व्यक्ति का करीबी रिश्तेदार हैं।
जिसके वजह से हर तरह के दबाव को लेकर पीड़ित परिवार को दबाने की भरसक कोशिश की जा रही थी पर पीड़ित परिवार को कानून व्यवस्था पर पूर्ण रूप से भरोसा होने के कारण थाने पहुंचकर मामले में शिकायत दर्ज कर एफआईआर जिस पर घुमका पुलिस ने 376,506 आईपीसी की धारा और एक्ट्रोसिटी एक्ट भी लगाया जा रहा है। आरोपी सीताराम वर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया है और पीड़ित का घुमका स्वास्थ्य केंद्र में एमएलसी कराया जा रहा है।
ओबीसी के सामाजिक नेता पीड़ित के बजाय आरोपी के साथ दिखे
बताया जाता है कि लोधी समाज के धाकड़ नेता इस मामले के गंभीरता को देखते हुए भी पीड़ित के बजाएं आरोपियों के साथ खड़े दिखे कारण यह है कि रिश्ते में उस सामाजिक नेता जो कांग्रेस पार्टी से चुनाव भी लड़ चुका है का रिश्ते में आरोपी मामा है! रात भर मान मनोव्वल चलता रहा पर बात नही बनी यही कारण रहा कि मामला समझौता के बजाए आखिरकार थाना पहुंच गया। वहीं समाजिक नेता छत्तीसगढ़ के न्याय प्रिय कहलाने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इर्द-गिर्द भी नजर आते हैं इसी तरह के लोग प्रदेश के मुख्यमंत्री को खैरागढ़ चुनाव में घेरे हुए थे।
अभी खैरागढ़ चुनाव में भी उन सामाजिक नेताओं ने कांग्रेस का डटकर प्रचार किया। जिन नेताओं ने सामाजिक प्रेम और सौहार्द के चलते आरोपी के साथ खड़े रहे निश्चित रूप से इस घटना को अगर खुद के परिवार से जोड़ कर देखेंगे तो उन्हें अपने आप से भी नफरत होने लगेगी । और शायद उनके परिवार की बेटियों को और ज्यादा सदमा लगेगा कि उनके परिजन दुष्ट आरोपी के साथ खड़े थे!
महिलाओं के खिलाफ बढ़े अपराध
एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, 2020 में महिलाओं के विरूद्ध अपराध के मामलों में से 28,046 बलात्कार की घटनाएं थी जिनमें 28,153 पीड़िताएं हैं। पिछले साल कोविड'9 के कारण लॉकडाउन लगाया गया था। उसने बताया कि कुल पीड़िताओं में से 25,498 वयस्क और 2,655 नाबालिग हैं। एनसीआरबी के गत वर्षों के आंकड़ों के मुताबिक, 2019 में बलात्कार के 32,033, 2018 में 33,356, 2017 में 32,559 और 2016 में 38,947 मामले थे।
अनुसूचित जातियों के खिलाफ अपराधों में बढ़ोतरी
एनसीआरबी के डेटा के अनुसार, 'अनुसूचित जातियों (एससी) के खिलाफ अपराधों की संख्या में 2020 में 9.4% बढ़ोतरी हुई है जो 2020 में बढ़कर 50,291 हो गई जबकि 2019 में इन मामलों की संख्या 45,961 थी। अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के खिलाफ अपराधों की संख्या 2020 में 7,570 से अधिक रही और इन मामलों में गत वर्ष की तुलना में 9.3% (8,272 मामले) की वृद्धि देखी गई।'
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