चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों ने दिल्ली में किया प्रदर्शन

अपनी आवाज देश की राजधानी दिल्ली के कानों में पहुंचा आये हैं

द कोरस टीम

 

छत्तीसगढ़ राज्य सरकार  द्वारा चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज के अधिग्रहण के बाद कुल 101 कर्मचारियों को उनकी नौकरी  से निकाल दिया गया है।  ये लोग पिछले छह महीने (अक्टूबर 2021) से अपने अनुचित और अन्यायपूर्ण  निष्कासन  का विरोध करते आ रहे हैं।

28 जुलाई 2021 को राज्य सरकार ने चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल मेडिकल कॉलेज, दुर्ग (अधिग्रहण) विधेयक 2021 लाया और सितंबर 2021 में राज्य सरकार ने इसे  खंड 12 (1-3)  के साथ अपने हाथ में ले लिया।

इस विधेयक में कहा गया था कि - ‘मेडिकल कॉलेज में एक व्यक्ति सरकार द्वारा निहित होने से पहले, चाहे वह नियमित सेवा, अनुबंध सेवा या आउटसोर्स रोजगार में हो, वह / वह (इच्छा) सरकार की सेवा में बने रहने की हकदार नहीं होगी’।

इसके अलावा यह भी उल्लेख किया गया था कि ऐसे कर्मचारियों को वेतन या अन्य देय राशि के भुगतान के लिए सरकार की कोई देनदारी नहीं होगी और कुछ स्थितियों में, यदि किसी व्यक्ति की पूर्व में की गई सेवा के संबंध में बकाया राशि लंबित है, तो उसे पूर्व मालिकों से उक्त राशि वसूल करने का अधिकार होगा। 

सरकार के इस बेतुके फरमान के बाद कॉलेज के नर्स, ऑफिस स्टाफ, लैब टेक्नीशियन, ओटी टेक्नीशियन, ड्राइवर, वार्ड अटेंडेंट, कंप्यूटर ऑपरेटर, एक्स-रे टेक्नीशियन, इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर, गार्ड, स्वीपर आदि को सरकार द्वारा बिना किसी कानूनी नोटिस के बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।

सरकार और सभी को जानना चाहिए कि ये सभी आंदोलनरत कर्मचारी पिछले छह महीने से धरने पर हैं और राज्य सरकार की बर्बरता के खिलाफ 2-7 फरवरी 2022 से भूख हड़ताल पर थे।

तब से ये कर्मचारी अपनी मांगों को राज्य सरकार द्वारा पूरा किए जाने के लिए लोकतांत्रिक रूप से  विरोध कर रहे हैं। लेकिन सरकार है कि उसके कानों में जूं तक नहीं रेंगती है वह इन मांगों को अनसुना कर चैन की नींद सो रहा है।

बहरहाल इन मुद्दों को व्यापक रूप देते हुवे कर्मचारियों ने इस आंदोलन को आगे लाने के लिए 14 मार्च को प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ, छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा और दिल्ली समर्थक समूह द्वारा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई थी। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों ने मीडिया के सामने अपना दर्द बयां किया।

साथ ही साथ छत्तीसगढ़ की राज्य सरकार के अन्याय के खिलाफ अपने प्रतिरोध को आगे बढ़ाते हुए इन कर्मचारियों ने 15 मार्च, 2022 को जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन और मार्च किया और लोगों को छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा उनके साथ किए जा रहे अन्याय के बारे में बताया और मीडिया को भी संबोधित किया। वहां जंतर-मंतर पर इने न्यायपूर्ण संघर्षों तथा प्रदर्शन को समर्थन मिला।


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