डुंडलू राम की समय पूर्व रिहाई की दया याचिका स्वीकृत 

सुशान्त कुमार

 

बताया जा रहा है कि दया याचिका प्रकरण के अनुसार जेल अधीक्षक केन्द्रीय जेल अंबिकापुर द्वारा आवेदक/दण्डित बंदी डुंडलू राम उर्फ सहदेव की समय पूर्व रिहाई की अनुशंसा की गई थी। 

दण्डित बंदी द्वारा पुरानी जमीन विवाद को लेकर मृतक द्वारा खेत की मेढ़ बनाये जाने के समय मृतक की टांगी से मारकर प्राणघातक चोट पहुंचाकर हत्या कर दी गई थी, जिस पर अभियुक्त को भा.दं.सं. की धारा 302 के तहत आजीवन कारावास एवं दो हजार रूपए अर्थदण्ड की राशि अदा न करने पर छ: माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास पृथक से भुगताये जाने एवं भा.दं.सं. की धारा 323/34 के अपराध में छह माह के सश्रम कारावास एवं पांच सौ रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया गया था। 

अर्थदण्ड अदा न करने पर एक माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा से दण्डित किया गया था एवं दोनों धाराओं की सजाएं साथ-साथ भुगताई जाने का निर्णय पारित किया गया था।

आवेदक डुंडलू राम द्वारा गरीब परिवार से होने, उसका बड़ा पुत्र भी जेल में होने, छोटा पुत्र अबोध होने, परिवार में वृद्ध माता-पिता होने एवं उनकी देखभाल करने वाला अन्य कोई नहीं होने आदि कारण दर्शाते हुए सजा माफ कर उसे जेल से रिहा करने का निवेदन किया गया था।

राज्यपाल के मीडिया प्रभारी के अनुसार बंदी के आवेदन पर विचार किया गया कि सजा माफी सहित दिनांक 18 जुलाई 2020 की स्थिति में कुल 17 वर्ष, 5 माह, 4 दिन की सजा, जिसमें वास्तविक सजा 13 वर्ष, 19 दिन भुगती जाना और 18 जुलाई 2020 के बाद वर्तमान तिथि तक इसमें एक वर्ष चार माह से भी और अधिक सजा अवधि व्यतीत हो गई है।

आवेदक की अन्य परिस्थितियों को देखते हुए दया याचिका पर उदारतापूर्वक विचार कर भारतीय संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत दंडित बंदी के सजा माफी का अनुमोदन किया गया है।

अम्बिकापुर जेल अधीक्षक राजेन्द्र गायकवाड़ ने बताया कि रिहाई की प्रक्रिया पूरी होने के बाद बंदी डुंडलू राम को रिहा कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि पिता और पुत्र दोनों ही जेल में अनुशासन में रहते हैं। भविष्य में व्यवहार तथा अनुशासन के आधार पर पुत्र की रिहाई की अनुशंसा भी की जाएगी


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