राज्यपाल की सक्रियता व संवेदनशीलता
दिलीप कुमार साहूराज्यपाल संवैधानिक पद होने की वजह से आमतौर पर आम जनता से कम ही मुलाकात करते हैं। वहीं आम लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए राज्यपाल की सीधे दख़ल बहुत कम देखने को मिलता रहा हैं... लेकिन छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसूईया उईके की संवेदनशीलता और सक्रियता लगातार नज़र आ रही हैं।

चाहे गरियाबंद जिले के सुपेबेड़ा का मामला हो, बस्तर-सिंहावा क्षेत्र के ग्रामीण आदिवासियों का नगरपंचायत के बजाय ग्राम पंचायत में ही रहने का संघर्ष हो, हसदेव अरण्य क्षेत्र के लोगों का कोल ब्लॉक के ख़िलाफ़ पैदल मार्च हो, या कांकेर जिले के 58 ग्रामों के आदिवासियों का हो, जो नारायणपुर जिले में शामिल होना चाहते हैं ... इन सभी लोगों से संवेदनशील राज्यपाल सुश्री अनुसूईया उईके न सिर्फ मुलाक़ात कर रही हैं, बल्कि उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुन भी रही हैं।
कभी राजभवन परिसर के लॉन में 200-300 लोगों से सीधे दरबार लगाकर मिल रही हैं, तो कभी ख़ुद आदिवासियों से मुलाक़ात करने पहुंच जा रहीं हैं। निश्चित तौर पर राज्यपाल जी की सक्रियता व संवेदनशीलता ने लोगों दिल जीत लिया है।
राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके कल कांकेर जिले से पदयात्रा करते आ रहे आदिवासियों के समूह से मिलने राजधानी रायपुर के इंडोर स्टेडियम पहुंची। यहां आदिवासियों का प्रतिनिधिमण्डल करीब 2000 की संख्या में थे, जो कांकेर जिले के बंडापाल, कोलर परगना, रावघाट क्षेत्र के 58 ग्राम और 14 ग्राम पंचायतों से आए थे।
यह प्रतिनिधिमण्डल अपने 58 गांव को कांकेर जिले से हटाकर नारायणपुर जिले में शामिल कराने का आग्रह कर रहे थे।... प्रतिनिधिमण्डल ने बताया कि उनके क्षेत्र से कांकेर जिला 150 किलोमीटर दूर पड़ता है, जिससे जिला मुख्यालय जाने में बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, वहीं नारायणपुर जिला 10 से 20 किलोमीटर पड़ता है और आने-जाने में आसानी होती है। इसलिए वे नारायणपुर जिला में शामिल होना चाहते हैं।
राज्यपाल ने कहा कि जबसे मैंने राज्यपाल का पद संभाला तो यह प्रयास किया कि जो राजभवन आए उनकी समस्याओं को सुनूं और उन्हें दूर करने का प्रयास करूं। ...राज्यपाल ने आदिवासियों की समस्याएं सुनीं और उनके साथ लोक नृत्य भी किया और वाद्य यंत्र भी बजाया।
राज्यपाल के आदिवासियों से मुलाकात का असर भी देखने को मिल रहा है। कल राज्यपाल ने जैसे ही आदिवासियों को मदद का भरोसा दिलाया वैसे ही सीएम भूपेश बघेल ने आदिवासियों की मांगों पर त्वरित अमल करने के लिए राज्य सरकार के अफसरों को निर्देश दिए। सीएम ने कहा कि राज्य सरकार पहले ही इन गांवों को नारायणपुर जिले में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेज चुकी है।
सीएम के निर्देश के बाद अफसर भी हरकत में आ गए। बताया गया है कि अंतागढ़ ब्लॉक के 53 गांव को नारायणपुर जिले में शामिल किया जाएगा। अंतागढ़ के लोगों की मांग के बाद राज्य सरकार ने केंद्र को पहले ही इसका प्रस्ताव भेज दिया है। अब सीएम भूपेश बघेल ने राज्य के अफसरों को निर्देश दिए हैं कि केंद्र के अफसरों के साथ समन्वय स्थापित कर इसे जल्द से जल्द पूरा कराएं....।
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