आदिवासी युवाओं के सवाल से भाग खड़े हुए जनजाति गौरव समाज के कथित आदिवासी

युवाओं के सवालों पर एक बार फिर गर्म हुआ मानपुर का माहौल

द कोरस टीम

 

आयोजन के दौरान नेताओं के द्वारा पूरे देश के आदिवासी को हिन्दूधर्मी कहे जाने पर कार्यक्रम में उपस्थित जनजाति समाज के युवाओं ने सवाल उठाया कि हमारे समाजिक देव  रीति में कहीं पर भी हिन्दू देवी देवताओं को सेवा अर्जी देने का रिवाज नहीं है।  

जबकि हिन्दू देवी देवताओं में ऐसा नहीं है। हिन्दू धर्मं वेद शास्त्र के आधार पर चलता हैं जबकि आदिवासी समाज प्रकृति के अनुयायी हैं ऐसे में आदिवासी समाज हिन्दू-धर्म मानने वाला कैसे?

अपने ही समाज के युवाओं के इन प्रश्नों से उपस्थित वक्ता हड़बड़ा गए और कार्यक्रम के बाद सारे सवालों का जवाब देने की बात कह कर उन्हें शांत बैठाया गया किन्तु ढाई घंटे बाद कार्यक्रम के अंत में भी सवालों का जवाब नहीं मिलने और समाजिक नेताओं के मंच से उतर कर सीधे गाड़ी में बैठने से वहां पर बड़ी संख्या में उपस्थित युवा भड़क उठे और पंडाल में ही नारेबाजी करने लगे।

युवा रेस्ट हाउस तक धोकेबाज और मौकापरस्त जैसे नारे लगाते हुए  कथित नेताओं के गाड़ी के पीछे आये किन्तु तब तक नेताओं के कहने पर पुलिस द्वारा रेस्टहाउस का गेट बंद कर दिया गया।

युवाओं का कहना था कि हम अपने ही समाज के नेताओं के निमंत्रण पर चर्चा विमर्श करन आये थे किन्तु हमारे आदिवासी समाज के ये बड़े नेता समाज के युवाओं के प्रश्नों और तर्कों का जवाब देना छोड़ भाग गये। समाज को गुमराह करने वाले ऐसे नेताओं का कोई भरोसा नहीं करना चाहिए।

ये केवल अपनी राजनीति के लिए आदिवासी समाज को हिन्दूधर्मी कह रहे हैं। युवाओं के द्वारा इन आदिवासी नेताओं को समाज के वोट बैंक का दलाल तक कहा जा रह था।

आदिवासी समाज के इस कार्यक्रम में हंगामा खड़ा होने पर मानपुर का माहौल एक बार फिर गर्म हो गया था किन्तु पुलिस ने युवाओं को समझाया और मामला शांत किया। 

अपने आकाओं को खुश करने के लिए किया गया कार्यक्रम के समापन में हुडदंग

सोशल मीडिया में टेकराम भंडारी और नरसिंह भंडारी के हवाले से जानकारी के अनुसार पहले हिंदी फिल्मों में आपने देखा होगा कि किसी सफल आयोजन में व्यवधान उत्पन्न करवाने के लिए खलनायक 8 - 10 लोगों को शराब पिलवाता है फिर वहां हुडदंग करवाता है, सज्जन लोग उसका कोई विरोध नहीं करते और फिर हुड़दंगी इस चुप्पी को अपनी सफलता मान लेते हैं।

कल मानपुर में भी यही हुआ। लगभग एक हजार लोगों की उपस्थिति में सामाजिक समरसता जनजाति संगोष्ठी का आयोजन जनजाति गौरव समाज द्वारा किया गया था। कार्यक्रम पूरी तरह सफल रहा।

कार्यक्रम में सामने बैठे 25 या 30 लोग शराब के नशे में कैसे बैठे हैं, आप स्वयं देखे लें। क्या ये सामाजिक लोग दिख रहे हैं? पूरे कार्यक्रम का लाइव ये अपने वामसेफी आकाओं को भेज रहे थे, आकाओं से उनको निर्देश प्राप्त हो रहा था। 

वे कहते हैं कि ये शराबी हुड़दंगी तो कार्यक्रम की शुरुआत से ही हुडदंग के मूड में थे लेकिन मंच से ऐसी कोई बात कही नहीं गई तो उनको मौका नहीं मिल पाया तो कार्यक्रम के आभार के समय प्रश्नोत्तरी का कार्यक्रम रखने कहने लगे तो मंच से उनको कहा गया कि बगैर शराब पिए जो लोग हैं वो रेस्ट हाउस आ जाएं बातचीत हो जायेगी।

लेकिन वो लोग तो बातचीत या प्रश्नोत्तरी के लिए आए नहीं थे, उनका उद्देश्य तो हुडदंग करना था और उन्होंने  हमारे रेस्ट हाउस जाने के बाद हुडदंग किया और उसका वीडियो क्लिप बनाकर जहां से उनको फंडिंग और शराब की व्यवस्था हुई थी उनको भेज दिया।

इस आयोजन में भाजपा तथा आरएसएस से जुड़े जनजाति गौरव समाज के  संरक्षक व पूर्व मंत्री केदार कश्यप, पूर्व विधायक देवलाल दुग्गा, पूर्व विधायक भोजराज नाग, विकास मरकाम, टेकराम भंडारी, रमेश हिडामे, नरसिंह भंडारी, नीलकंठ गढ़े तथा नम्रता सिंह जैन आदि शामिल थे। 


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