पूर्व परिवहन मंत्री रजिंदरपाल सिंह भाटिया ने की खुदकुशी

द कोरस टीम

 

फिलहाल खुदकुशी के पीछे के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। पूरा मामला छुरिया थाना क्षेत्र का है। राजनांदगांव जिले की खुज्जी विधानसभा क्षेत्र से रजिंदरपाल सिंह भाटिया तीन बार विधायक रहे।

रमन सरकार के पहले कार्यकाल में रजिंदरपाल सिंह भाटिया को मंत्री पद दिया गया था। बाद में उन्हें मंत्री पद से हटाया गया और सीएसआईडीसी के चेयरमैन बना दिया गया था।

राजनीतिक सफर

राजिन्दरपाल सिंह भाटिया की गिनती प्रदेश में बीजेपी के कद्दावर नेताओं के रूप में होती थी। साल 2003 में रजिंदरपाल सिंह भाटिया को बीजेपी ने टिकट दिया और वे विधायक बने। इसके साथ ही उन्हें मंत्री पद भी मिला। हालांकि 2008 के चुनाव में पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया।

साल 2013 में भी भाटिया को पार्टी ने टिकट नहीं दिया। इसके बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें दूसरा ही स्थान मिला।

भाटिया के आत्महत्या करने की खबर से इलाके के लोग बेहद हैरान हैं। खबर मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। अब तक किसी तरह का सुसाइड नोट मिलने की पुष्टि नहीं है।

पुलिस घर वालों से भी पूछताछ कर रही है। भाटिया एक बार अविभाजित मध्यप्रदेश में और छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद दो बार विधायक निर्वाचित हुए थे।

जानकारी के मुताबिक रजिंदरपाल सिंह भाटिया राजनांदगांव के छुरिया इलाके में अपने छोटे भाई के साथ रहते थे। रविवार की शाम वे घर पर अकेले थे। परिवार वाले जब घर पहुंचे तो रजिंदरपाल को फांसी पर झूलता देखा।

फिर घटना की जानकारी पुलिस को दी गई। सूत्र बताते हैं कि रजिंदरपाल सिंह भाटिया कुछ समय से बीमार थे। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान वह संक्रमण की चपेट में आ गए थे। इसके बाद से उनका स्वास्थ्य खराब चल रहा था, जिसकी वजह से पूर्व मंत्री परेशान रहते थे।


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