छत्तीसगढ़ में आदिवासियों ने किया आर्थिक नाकेबंदी, करोड़ों का नुकसान का अनुमान

उत्तम कुमार

 

छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के नेता जनकलाल ठाकुर का कहना है कि कई जिलों में प्रदर्शनकारियों ने सडक़ पर ही पंडाल लगा दिया था। कुछ चौराहों पर प्रदर्शनकारियों का भारी जमावड़ा था। इसकी वजह से मालवाहक, आयरन ओर के ट्रकों सहित यात्री बसें भी प्रभावित रही। प्रशासन ने पूरे प्रदेश भर में भारी पुलिस बल तैनात किया था। रेलवे ट्रैक को भी प्रदर्शनकारियों ने रोक दिया था। राजनांदगांव से खबर है कि मानपुर ब्लाक में कल भी नाकेबंदी जारी रहेगा। 

किसान संघ के नेता सुदेश टीकम ने बताया कि सुबह 11 बजे चिचोला सप्ताहिक बाजार स्थल में पंडालों की व्यवस्था कर मंच पर बारी बारी से सर्व आदिवासी समाज प्रमुखों ने उद्बोधन दिया और देखते ही देखते युवा, युवती, महिला, बुजुर्ग, सहित 10 हजार आदिवासी समाज के लोग सभा स्थल पहुंच गये। और दोपहर को सभा स्थल से रैली निकाल हाईवे में डोंगरगढ़  मोड़ से वापस छुरिया मोड़ के पास अपनी मांगों को लेकर सडक़ की दोनों ओर बैठ गये। रैली में सडक़ की दोनों ओर आंदोलनकारी करीब दो किलोमीटर तक फैले थे। एसडीएम डोंगरगढ़ अविनाश भोई, पुलिस के आला अधिकारियों ने बहुत समझाने का प्रयास किया। 

सर्व आदिवासी समाज के उपाध्यक्ष सुरजू टेकाम ने राज्य सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जिला सुकमा में आदिवासी समाज बस्तर के सिलगेर के निर्दोष ग्रामीण आदिवासियों की पुलिस गोलीबारी में मौत हो गया है उनके परिजनों को उचित मुआवजा एवं शासकीय नौकरी देने व बस्तर में नक्सल समस्या का स्थायी समाधान करने, पदोन्नति में आरक्षण देने, शासकीय नौकरी में बैकलॉग एवं नई भर्तियों पर आरक्षण रोस्टर लागू करने, पांचवीं अनुसूची में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी भर्ती में शत-प्रतिशत आरक्षण लागू करे।

खनिज उत्खनन के लिए जमीन मालिक को शेयर होल्डर बनाने तथा गौण खनिज का पूरा अधिकार ग्राम सभा को देने, फर्जी जाति प्रमाणपत्र धारियों पर कार्यवाही करने, 18 जनजातियों को जाति प्रमाणपत्र जारी करने, छात्रवृत्ति योजना हेतु आय सीमा ढाई लाख से बढ़ाकर 8 लाख करने, गैर आदिवासी लडक़ा से शादी करने वाली आदिवासी समाज की लडक़ी को आदिवासी समाज की जाति प्रमाणपत्र का लाभ नहीं देने।

आदिवासी समाज  पर जातिगत अत्याचार करने वाले को कड़ी सजा देने, आदिवासी बेजोजगारो के लिए रोजगार का अवसर प्रदान करने, मोहला-मानपुर-चौंकी जिला को आदिवासी जिला घोषित करने, पारंपरिक ग्रामसभा के रूढिग़त परम्परा का उल्लंघन करने वाले तथाकथित बाबा के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने की मांग को लेकर आर्थिक नाकेबंदी एवं चक्का जाम किया गया।

वहीं आदीवासियों ने  ढोकला के रूढ़ी परंपरागत व्यवस्था का उल्लंघन करने वाले पाटेश्वर धाम जामड़ी पाठ के संचालक बालक दास के खिलाफ तत्काल कार्यवाही की लिखित आश्वासन अधिकारियों द्वारा देने के बाद शाम करीब चार बजे ही माने। 

इधर हाईवे में दोनों ओर काफी लंम्बी भारी वाहनों की जाम लगी रही। छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के कार्यकारी अध्यक्ष बीएस रावटे का कहना है कि सरकार ने अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायतों का विस्तार (पेसा) कानून लागू करने का वादा किया था। अब तक पूरा नहीं किया गया है। सिलगेर गोली कांड के पीडि़तों को न्याय नहीं मिला। पदोन्नति में आरक्षण नहीं मिल रहा है, जबकि सामान्य वर्गों की पदोन्नति जारी है।

फर्जी जाति प्रमाण पत्रों पर नौकरी कर रहे लोगों पर कार्रवाई नहीं हो रही है। अगर सरकार वादा करने के बाद ऐसा नहीं करती तो हमारे पास आंदोलन का ही रास्ता बचा है। बीएस रावटे ने कहा, हमने 19 जुलाई से विकास खंडों से आंदोलन शुरू किया। सरकार बातचीत करने तक नहीं आई। अब यह आंदोलन और तेज होगा।

बीएस रावटे ने बताया कि इस आंदोलन में सडक़ों और रेलवे ट्रैक पर केवल माल वाहक वाहनों और रेलगाडिय़ों को रोका जा रहा है। अति आवश्यक सेवाओं और यात्री सेवाओं को रोकने की कोशिश नहीं हो रही है। रावटे ने कहा, जब तक मांग पूरा नहीं होगी तब तक आर्थिक नाकेबंदी आंदोलन जारी रहेगा। भविष्य में राजधानी में स्थायी कैंप लगाकर धरना प्रदर्शन और समय-समय पर शहर के चौक-चौराहों पर भी अधिकार प्राप्त करने के लिए संघर्ष जारी रखा जा सकता है।

कांकेर से तामेश्वर सिन्हा लिखते हैं कि 13 सूत्री मांगों के समर्थन में सोमवार को नेशनल हाइवे 30 कुलगांव और चारामा के पास से आदिवासी समाज प्रदेश स्तरीय आर्थिक नाकेबंदी की शुरुआत की। छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के नेता जनकलाल ठाकुर ने कहा कि दल्ली के मानपुर चौक, मानपुर मोहला और दल्लीराजहरा में भी ट्रेन की पटरी पर बैठकर प्रदर्शन किया गया।

तामेश्वर लिखते हैं कि आदिवासी समाज ने सोमवार को जिले के नेशनल हाइवे 30 कुलगांव और चारामा के पास से अपने प्रदेश स्तरीय आर्थिक नाकेबंदी की शुरुआत की। चारामा में आदिवासियों के जमा होने की वजह से मालगाडिय़ों के साथ सडक़ की आवाजाही भी थम गई। जिले के सभी ब्लॉक मुख्यालयों में आदिवासियों ने प्रदर्शन किया। सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष सोहन पोटाई भी आर्थिक नाकेबंदी के दौरान मौजूद रहे। चारामा में आदिवासियों ने सडक़ जाम भी कर दिया था।

बताया जा रहा है कि समाज ने आंदोलन के दौरान यात्री वाहन और आवश्यक सेवाएं को जाम से मुक्त रखा। बता दें कि पिछले कई दिनों से आंदोलन करने और ज्ञापन सौंपने के बावजूद मांगें पूरी नहीं होने से नाराज सर्व आदिवासी समाज ने यह उग्र कदम उठाया है। 13 सूत्री मांगों को लेकर सर्व आदिवासी समाज के लोगों ने अनिश्चितकालीन आर्थिक नाकेबंदी कर दी है। आर्थिक विश्लेषकों का अनुमान है कि विभिन्न जिलों में इस आर्थिक नाकेबंदी से लगभग 80 से 90 करोड़ का नुकसान सरकार को हुआ है।

उमेन्द्र सोरी लिखते हैं कि संवैधानिक प्रावधानों के बाद भी सरकार ने अनुसूचित क्षेत्रों में संवैधानिक विरोधी पहल, अनसुना, असंवैधानिक, कार्यों, पैसों के बल पर असहनीय कार्य कर रही है, इसीलिए आज दिनांक 30 अगस्त 2021 को दिन सोमवार को छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज इकाई नरहरपुर कांकेर में जायज मांगों को लेकर आर्थिक नाकेबंदी धरना प्रदर्शन किया गया। जब तक शरीर में जान है, तब तक हम चट्टान की तरह युवाओं खड़े रहेंगे।

कोरबा से निर्मल राज लिखते हैं कि सर्वआदिवासी समाज छत्तीसगढ ने संवैधानिक मांगों को लेकर सम्पूर्ण छत्तीसगढ में आर्थिक नाकेबंदी की। कोरबा जिला के कटघोरा जेंजरा बाईपास के महारानी दुर्गावती चौक में नाकेबंदी व धरना-प्रदर्शन किया।

सुरजू टेकाम ने ‘द कोरस’ को बताया कि जिला-सुकमा के ग्राम सिलेगर में निर्दोष ग्रामीणों के उपर अधाधुंध गोलीबारी से मृतकों के परिजन को 50 लाख और घायलों को 5 लाख एवं मृतक परिवार के एक सदस्य को योग्यतानुसार शासकीय नौकरी दिया जाए। बस्तर में नक्सल समस्या हेतु एक स्थायी समाधान हेतु शासन स्तर पर पहल करे।

2. पदोन्नति में आरक्षण के संबंध में जब तक माननीय उच्च न्यायालय के स्थगन समाप्त नहीं हो जाता तब तक किसी भी हालत में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित रिक्त पदों को नहीं भरे जाने, उसे सुरक्षित रखे जाने और जितने सामान्य वर्ग के अधिकारी/कर्मचारी अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित पदों पर नियम विरूद्ध पदोन्नत हुए उसे तत्काल पदावनत किया जाकर पदोन्नति नियम 2003 एवं आरक्षण अधिनियम 1994 की धारा 6 नियम 1998 एवं समय-समय पर जारी निर्देशों का उल्लंघन कर नियम विरूद्ध पदोन्नति देने वाले अधिकारियों के खिलाफ अनुषासनात्मक कार्यवाही एवं धारा 6 आरक्षण अधिनियम 1994 के तहत दण्डात्मक कार्यवाही करे।

3. शासकीय नौकरी में बैकलॉग एवं नई भर्तियों पर आरक्षण रोस्टर लागू किया जावे।

4. पांचवीं अनुसूची क्षेत्र में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी भर्ती में शत-प्रतिशत आरक्षण लागू किया जावे।

5. प्रदेश में खनिज उत्खनन के लिए जमीन अधिग्रहण की जगह लीज में लेकर जमीन मालिक को शेयर होल्डर बनाए जाए। गौण खनिज का पूरा अधिकार ग्राम सभा को दिया जावे।

6. फर्जी जाति प्रकरण पर दोषियों पर शीघ्र कार्यवाही हो मात्रात्मक त्रुटि में सुधार किया जाकर 18 जनजाति को जाति प्रमाण पत्र जारी करे।

7. अनुसूची में उल्लेखित जनजातियों का जाति प्रमाण पत्र जारी नहीं करने वाले संबंधित अधिकारी पर दण्डात्मक कार्यवाही करे। 

8. छात्रवृत्ति योजना में आदिवासीयों के लिए ईडब्लूएस के तहत आय सीमा को 2.50 लाख से बढ़ाकर 8 लाख किया जावे।

9. आदिवासी समाज की लडक़ी से अन्य जाति/समाज में शादी होने पर इनके नाम की जमीन जायदाद वापस किया जाए। 

10. आदिवासियो पर उत्पीडन जैसे जमीन का हस्तांतरण, महिला एवं बच्चों पर अत्याचार, हत्या, जातिगत अपमान पर तत्काल कार्यवाही करे।

11. अनुसूचित जनजाति के बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जाने व्यवसायिक परिसर का निर्माण किया जावें। 

12. 15 अगस्त 2021 को राजनांदगांव जिले को विभाजन कर मोहला मानपुर चौकी को जिला बनाने की घोषणा की गई है। मोहला मानपुर चौकी 5 वीं अनुसूची क्षेत्र में शामिल है। मोहला मानपुर चौकी को ट्रायवल ड्रिस्टीक्ट की घोषणा कर पेसा एक्ट एवं संविधान की 5 वीं अनुसूची अनुसार बनाया जायें। 

13. पारंपिक ग्रामसभा डोकला के रूढ़ी परम्परागत व्यवस्था का उल्लंघन करने वाले पाटेश्वर धाम जामड़ी पाठ के संचालक बालक दास के खिलाफ Atrocity Act  के तहत तत्काल कार्यवाही की जावें।

किसान नेता विरेन्द्र उके ने बताया कि राजनांदगांव में इस आयोजन में सर्व आदिवासी समाज के प्रदेशव्यापी आर्थिक नाकेबंदी के आवाहन पर प्रदर्शन करने सर्व आदिवासी समाज जिला राजनांदगांव के 10 हजार से ज्यादा की संख्या में युवाओं, युवतियों, महिलाओं, पुरुष, बुजुर्ग  सहित  सर्व आदिवासी समाज के जिलाध्यक्ष जसवंत घावड़े, सरंक्षक विष्णु देव ठाकुर, उदय नेताम, प्रमोद सिदार, संतोष पडौती, सरजू टेकाम, चेम सिंह मरकाम, मनोज नेताम, भरत कोराम, श्यामदास मंडावी, सुदेश टिकम, एवन आचले, मदन नेताम, पवन चन्द्रवंशी, सुरेन्द्र मंडावी, देशराम कोर्राम, सुरेश रावटे, नरेन्द्र मंडावी, शोभित चन्द्रवंशी, मदन उइके, राजेश नेताम सहित पूरे राजनांदगाँव जिले सहित सर्व आदिवासी समुदाय के लोग उपस्थिति रहे ।


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