आदिवासियों के लिये जर्जर छात्रावास और छात्रवृत्ति लापता
द कोरस टीमछत्तीसगढ़ में आदिवासियों के हित की बात सरकार कितने भी कर लें लेकिन यह वास्तविकता से कोसों दूर है। बसपन का प्यार में आदिवासी बालक की ख्याति आदिवासी छात्रों को शिक्षा के मामले में शून्य है। आदिवासी अंचल राजनांदगांव के छात्र एक ओर जहां जर्जर छात्रावास भवन से त्रस्त हैं वहीं छात्रवृत्ति के ना मिलने से उनके भविष्य में शिक्षा प्राप्ति को लेकर प्रश्र चिह्न लग गया है।

छात्रावास की बात है कई ऐसे होनहार प्रतिभावान छात्र वहां निवास करते हैं, जो घर की आर्थिक स्थिति की कमजोरी के वजह से छात्रवृति के ऊपर निर्भर रहकर पढाई करते हैं। और शासन-प्रशासन सही समय मे छात्रों के खाते में छात्रवृत्ति की राशि जमा नहीं करती, जिससे छात्रों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं।
छात्रवृत्ति नहीं मिलने से परेशान छात्र
आदिवासी छात्र संगठन, दुर्ग संभाग के संयोजक)रविन्द्र कुमार अमिले कहते हैं कि आदिम जाति कल्याण विभाग को आदिवासी छात्रों के शोषण का नंबर वन का खिताब दिया जाना चाहिए। बीएड, एम.फिल. पीएचडी, एग्रीकल्चर सामान्य ग्रेजुएशन के छात्रों का अभी तक छात्रवृत्ति नहीं दिया गया हैं। छात्रवृत्ति की मामले को लेकर अनुसूचित जनजाति आयोग को भी ज्ञापन दिया गया, लेकिन अभी तक कोई आदेश जारी नहीं हुआ ना ही किसी छात्र के खाते में छात्रवृत्ति की राशि जमा हुई है।
बारिश में जर्जर छात्रावास से खतरा
बारिश के मौसम में जर्जर छात्रावास में निवासरत आदिवासी छात्रों पर खतरे की तलवार लटकती रहती है। सुदूर वनांचल क्षेत्र के शासकीय प्रीमैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास गोडलवाही का छात्रावास जर्जर हो चुका है वहां नए छात्रावास भवन की आवश्यकता है। शासन प्रशासन से निवेदन गोड़लवाही (उमरवाही) के भवन के लिए भी पिछले कई वर्षों से छात्रावास भवन की की मांग चल रही है, वहां तत्काल नए छात्रावास भवन की आवश्यकता है। वहीं जिले में महेश नगर छात्रावास की स्थिति काफी जर्जर है।
छात्र नेताओं का कहना है कि छात्रावास भवन के लिए कई बार जिला मुख्यालय में आवेदन दिए हैं सर फिर भी कोई आदेश जारी नहीं हुआ है। जिला स्तर पर 500 सीटर आदिवासी छात्रावास तथा छात्रावास की मरम्मत के लिए भी लगातार आवेदन दिया गया है। साथ ही सभी छात्रावास में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी हेतु निशुल्क कोचिंग प्रारंभ करें की भी बात छात्र नेताओं ने किया है।
शासकीय पोस्ट मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रवास न्यू महेश नगर राजनांदगांव के छात्रों द्वारा पिछले कई वर्षों से छात्रवास की मरम्मत को लेकर शासन-प्रशासन को ज्ञापन दिया जा रहा है,लेकिन अभी तक शासन-प्रशासन आदिवासी छात्रवास की ओर अपना ध्यान आकर्षित नहीं किया।
जिला कार्यालय में भी कई बार छात्रावास निर्माण के मुद्दे को लेकर आवेदन किया गया यहां तक आवेदन का निराकरण नहीं होने पर आदिवासी छात्रावास के छात्रों द्वारा जिला कलेक्ट्रेट के सामने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन भी किया गया। लेकिन दुर्भाग्य कि बात है अभी तक शासन- प्रशासन आदिवासी छात्रवास भवन निर्माण को लेकर कोई आदेश जारी नहीं किया। जबकि यह जिला स्तर का छात्रवास है, जब जिला स्तर के छात्रवास का यह हाल है तो फिर ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रवास का क्या हालात होगा।
आज से लगभग 9 वर्ष पहले जब मैं सुदुर वनांचल के प्री.मै.आदि.बालक छात्रवास गोड़लवाही (उमरवाही) के छात्रवास मे रहकर पढ़ाई कर रहा था, तब वहां का भवन बहुत ज्यादा जर्जर हो चुका था। और वहां छात्रावास भवन निर्माण को लेकर ग्रामीण लोग भी मांग किए थे। लेकिन विडंबना की बात यह है आज भी वही जर्जर छात्रवास संचालित हो रही है।
शासन प्रशासन से निवेदन करता हूं, प्रदेश के सभी जिलों के छात्रवास, ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रवास के निरीक्षण करने का आदेश जारी कर सभी आदिवासी छात्रवास की मरम्मत करवाए व जो छात्रवास जर्जर हो गई है वहाँ नये छात्रवास भवन की स्वीकृति प्रदान करें। और जिला स्तर मे 500 सीटर आदिवासी छात्रवास भवन उपलब्ध कराये। जिससे कि ग्रामीण क्षेत्र के होनहार प्रतिभावान छात्र जो गरीब परिवार से रहते हैं, उन्हें अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य, नि: शुल्क कोचिंग की व्यवस्था व अच्छी सुविधा उपलब्ध कराएं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के क्षेत्र में तेजी से विकास हो।
संगठन ने शासन प्रशासन से निवेदन किया है कि प्रदेश के सभी जिलों के अंतर्गत आने वाले सभी छात्रावास का निरीक्षण कर जहां का भवन जर्जर हो गया है वहां मरम्मत करवाएं और जहां नए छात्रावास भवन की आवश्यकता है वहां छात्रावास भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान करें। और छात्रावास में निवासरत विद्यार्थियों को कंपटीशन एग्जाम की तैयारी नि:शुल्क कोचिंग उपलब्ध कराये।
आंदोलन की चेतावनी
मामले में सहायक आयुक्त आदिवासी विकास राजनांदगांव ने बताया कि छात्रवृत्ति शासन के स्तर की समस्या है। जहां तक छात्रावास की मरम्मत की बात है जैसे ही राशि उपलब्ध होती है सूची बनाकर सभी मरम्मर कार्यों को पूरा किया जाएगा।
आदिवासी छात्र संगठन के छात्र नेताओं का कहना है कि समस्याओं का जल्द निवारण ना होने पर छात्रवृत्ति की समस्या को लेकर 27 तारीख को मंत्री की बंगले का भी घेराव होना है। क्योंकि कई बार ज्ञापन दे चुके हैं छात्रवृत्ति के मामले को लेकर लेकिन किसी ने नहीं सुना।
आदिवासी छात्र संगठन छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष योगेश सिंह ठाकुर के नेतृत्व में अनुसूचित जनजाति आयोग मंत्री के बंगले के बाहर आंदोलन किया जाना है। इस आंदोलन में बिलासपुर संभाग के संयोजक-अनिल धु्रव व दुर्ग संभाग के संयोजक-रविंद्र कुमार अमिले व अन्य सभी जिलों के छात्र प्रतिनिधि शामिल रहेंगे।
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