घासीदास विवि में 8 करोड़ का घोटाला, श्रमिकों को दिखाया बाहर का रास्ता


 

आल इंडिया सेन्ट्रल कांउसिल आफ ट्रेड यूनियंस के नेता भीमराव बागड़े ने निवेदन किया है कि गुरुघासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय कोनी द्वारा करीब 250 गार्ड, माली व सफाई कर्मचारियों को मार्च, अप्रैल, मई व जून 2021 कुल 4 महिने का बकाया वेतन भुगतान नहीं किया गया है।

बल्कि 18 जून से सभी कर्मचारियों का अवैध रूप से काम बंद कर दिया गया है। कर्मचारियों को ड्यूटी पर लिये जाने तथा बकाया 4 माह का वेतन न्यूनतम वेतन की दर से भुगतान कराये जाने की मांग प्रमुखता से रखा है। 

श्रमिक नेता बागड़े ने बताया कि डिप्टी लेबर कमिश्नर केन्द्रीय श्रमायुक्त रायपुर द्वारा 12 जुलाई कोआयोजित बैठक में विश्वविद्यालय के रजिस्टार को निर्देशित किया है कि संबंधित कर्मचारियों को बैंक के माध्यम से सीधे भुगतान कर 12 अगस्त को प्रतिवेदन प्रस्तुत करें लेकिन आज दिनांक तक भुगतान नहीं किया जिसके कारण तमाम श्रमिक भुखमरी के कगार पर हैं।

उन्होंंने बताया कि संबंधित कर्मचारीगण ड्यूटी के लिए विश्वविद्यालय में लगातार उपस्थित हो रहे है, किन्तु ड्यूटी पर नहीं लिया जा रहा है बल्कि नये कर्मचारियों को भर्ती कर पुराने कर्मचारियों को बेरोजगार करने की साजिश रची जा रही है। 

बताया गया कि कर्मचारियों को ठेकेदार आइडिया इंक मैनेजमेण्ट द्वारा बैंक के माध्यम से वेतन भुगतान किया जा रहा था। केन्द्रीय शासन द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन सफाई व माली कर्मचारियों के लिए 11 हजार रूपये तथा गार्ड कर्मचारियों के लिए 15 हजार रूपये की दर से विश्वविद्यालय प्रशासन से निकाला जा रहा था। 

किन्तु कर्मचारियों को 11 हजार रुपये की जगह 6500 रूपये तथा 15 हजार रुपये की जगह मात्र 10500 रूपये की दर से वेतन भुगतान किया जा रहा था। इस संबंध में कोनी थाने में ठेकेदार कंपनी के विरुद्ध एफआईआर तक दर्ज की गई है। प्रकरण में 3 पार्टनर में से एक आरोपी जेल में है तथा 2 आरोपी पिछले 2 महिनों से फरार है। इसलिए विश्वविद्यालय को निर्देशित किया गया है कि कर्मचारियों को सीधे वेतन भुगतान किया जावे किन्तु विश्वविद्यालय द्वारा टाल मटोल किया जा रहा है।

श्रमिकों ने राष्ट्रपति तथा कलेक्टर के नाम लिखे पत्र में खुलासा किया है कि ठेकेदार कंपनी व विश्वविद्यालय के अधिकारियों की मिलीभगत के कारण प्रतिमाह करीब 14 लाख रूपये का घोटाला किया जा रहा है जो 4 वर्षों में करीब 8 करोड़ का वेतन घोटाला हुआ हैं जिसकी जांच निकाले गये श्रमिक चाहते हैं।

श्रमिक नेता बागड़े ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर आरोप लगाया है कि विश्वविद्यालय द्वारा बुंदेला सिक्यूरिटी सर्विसेस को कुछ दिन पूर्व ठेका दिया गया, ठेकेदार कंपनी द्वारा पूर्व से कार्यरत कर्मचारियों को डियूटी पर लेने के बजाय नये लोगो को नयी भर्ती के लिए फार्म भरवाया जा रहा है उस पर रोक लगाई जावे तथा पूर्व से कार्यरत कर्मचारियों को ड्यूटी पर लिये जाने के निर्देश दिया जावे तथा बकाया 4 माह का वेतन भुगतान हेतु उचित कार्यवाही की जावे। 

बताते चले कि श्रमिकों ने इस आशय का पत्र गुरुघासीदास केन्द्रीय विश्व विद्यालय कोनी, बिलासपुर सहित सभी संबंधित विभागों को प्रेषित किया है। लेकिन अब तक किसी तरह का कार्रवाई नहीं हुई है तथा श्रमिक लगातार आंदोलनरत हैं। 


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