राष्ट्रीय सामाजिक न्याय दिवस के मौके पर भागलपुर में साझा प्रतिवाद

विशद कुमार,  स्वतंत्र पत्रकार

 

ओबीसी आरक्षण पर हमले के खिलाफ NEET के ऑल इंडिया कोटे में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण लागू करने, ओबीसी को आबादी के अनुपात में आरक्षण देने व
निजी क्षेत्र, न्यायपालिका, मीडिया सहित सभी क्षेत्रों में आरक्षण लागू करने और 2021 की जनगणना के साथ जातिवार जनगणना कराने की मांगों के पक्ष में आवाज बुलंद हुई।

इस मौके पर सभा को मुख्य वक्ता के बतौर संबोधित करते हुए डॉ.विलक्षण रविदास ने कहा कि 26 जुलाई को ही 1902 में क्षत्रपति शाहूजी महाराज ने अपने रियासत में गैर ब्राह्मणों के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण को लागू कर सामाजिक न्याय को जमीन पर उतारने की ठोस शुरुआत की थी।

शाहूजी महाराज के विचार व कार्य आज भी राष्ट्र निर्माण के संघर्ष की राह रौशन कर रहे हैं। जब तक एससी, एसटी व ओबीसी को इस मुल्क में पूरा-पूरा हिस्सा व हक नहीं मिलता है, नये भारत का निर्माण संभव नहीं है।

 सामाजिक न्याय आंदोलन (बिहार) के रिंकु यादव और बुद्धिजीवी डॉ. अमित ने कहा कि जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी का नारा राष्ट्र निर्माण का नारा है।

शासन-सत्ता से लेकर संपत्ति व संसाधनों सहित तमाम क्षेत्रों में एससी, एसटी व ओबीसी की आबादी के अनुपात में हिस्सेदारी की लड़ाई राष्ट्र निर्माण की लड़ाई है।

लेकिन मोदी सरकार सवर्ण-कॉरपोरेट राज कायम कर रही है और एससी, एसटी व ओबीसी को राष्ट्र में हाशिए की ओर धकेल रही है।

सामाजिक न्याय आंदोलन (बिहार) के अंजनी और कहलगांव से आए सामाजिक कार्यकर्ता मनोज यादव ने कहा कि आजादी के बाद से लेकर आज तक जाति जनगणना का सवाल उपेक्षित है।

मोदी सरकार 2021 में जनगणना के साथ जाति जनगणना कराने से इंकार कर ओबीसी की हकमारी और सवर्णों के हर क्षेत्र में वर्चस्व को छुपाने की साजिश कर रही है।

ओबीसी की अद्यतन संख्या और उसके सामाजिक-आर्थिक जीवन से जुड़े तथ्य व आंकड़ों के बिना ही सरकारें सामाजिक न्याय व उत्थान की नीतियां व योजनाएं बनाती आ रही है। यह देश की आधी से ज्यादा आबादी के ओबीसी समाज के प्रति सरकारों की उपेक्षा व अन्याय को स्पष्ट करता है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।
    
प्रदर्शन को संबोधित करते हुए मूल निवासी संघ के उमेश यादव और वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता रामशरण यादव ने कहा कि मोदी सरकार लगातार एससी, एसटी व ओबीसी की हकमारी और सामाजिक न्याय की हत्या के रास्ते हिंदू राष्ट्र के निर्माण की ओर बढ़ रही है।

हमारे बच्चों को डॉक्टर, इंजिनीयर, आइएएस, पत्रकार, प्रोफेसर बनने से रोक रही है। नीट में ओबीसी के आरक्षण पर हमला कर 11 हजार से ज्यादा ओबीसी छात्रों को डॉक्टर बनने से रोक दिया गया। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

 

इसी कड़ी में आज ही बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन (बिहार) के बैनर तले मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए NEET के केन्द्रीय कोटे में राज्य की सीटों में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण लागू करने, ओबीसी को आबादी के अनुपात में आरक्षण देने व
निजी क्षेत्र, न्यायपालिका, मीडिया सहित सभी क्षेत्रों में आरक्षण लागू करने और 2021 की जनगणना के साथ जातिवार जनगणना कराने की मांगों को लेकर राष्ट्रीय सामाजिक न्याय दिवस के मौके पर प्रतिरोध मार्च व प्रदर्शन हुआ।

प्रतिरोध मार्च तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के हॉस्पिटल के नजदीक से शुरु हुआ। विश्वविद्यालय प्रशासनिक भवन मुख्य द्वार पर प्रदर्शन के साथ भागलपुर स्टेशन चौक पर समाप्त हुआ।

विश्वविद्यालय प्रशासनिक भवन परिसर में प्रदर्शन को संबोधित करते हुए बहुजन स्टूडेंट्स यूनियन (बिहार) के अध्यक्ष सोनम राव और उपाध्यक्ष अभिषेक आनंद ने कहा कि मोदी सरकार लगातार ओबीसी की हकमारी कर रही है।

सामाजिक न्याय की हत्या कर रही है। शिक्षा के क्षेत्र से लेकर सरकारी सेवाओं में भर्तियों तक में आरक्षण के साथ मजाक हो रहा है। नीट में ओबीसी की हकमारी पर अविलंब रोक लगाये मोदी सरकार। 

प्रवीण कुमार यादव और अनीश कुमार आनंद ने कहा कि मोदी सरकार तेज रफ्तार से निजीकरण के जरिए भी सामाजिक न्याय की हत्या कर रही है। निजी क्षेत्र में आरक्षण लागू नहीं है। उन्होंने मांग की कि मोदी सरकार निजीकरण पर रोक लगाने के साथ ही निजी क्षेत्र में भी एससी, एसटी व ओबीसी के लिए आरक्षण लागू करे।

नंद किशोर भारती और राजेश रौशन ने चेतावनी देते हुए कहा कि मोदी सरकार निजी क्षेत्र, मीडिया व न्यायपालिका सहित सभी क्षेत्रों में एसी, एसटी व ओबीसी को आबादी के अनुपात में आरक्षण दे, अन्यथा आंदोलन तेज होगा।

विकास और राजीव ने कहा कि मंडल कमीशन ने भी जाति जनगणना की बात की थी। लेकिन आज तक जाति जनगणना नहीं हुई है। मोदी सरकार 2021 की जनगणना के साथ ही जाति जनगणना कराये।

इस प्रतिरोध व प्रदर्शन मार्च में विभूति, सुशील, राजीव, दीपक, राजीव, ऋतुराज, सिंटू, अभिषेक, नंदकिशोर, बबलू, रूपेश, निशिकांत, गोलू, कुणाल, अभिनंदन, रतन कुमार, पांडु, संतोष, विकाश, उत्कर्ष, चंदन, राहुल, दीपक, प्रिंस, चंदन दास, प्रवीण यादव, अनीश, विभूति, राजेश रौशन आदि ने भाग लिया। 

मौके पर वरिष्ठ समाजकर्मी एनुल होदा, उदय,राहुल राजीव, शिरीष कुमार चौरसिया, रत्नाकर कुमार रत्न, अजय, बजरंगी कुमार, सिकंदर कुमार, चंद्रहास यादव, महेश अंबेडकर, रंजीत रजक, विष्णुदेव दास, आरडी मानवदूत, रामसुंदर साह, संजय यादव, किशोर कुमार, दयानंद मंडल, प्रिंस कुमार, विभूति यादव, रामचंद्र यादव, रमेश कुमार, प्रकाश पासवान सहित विभिन्न संगठनों से जुड़े कार्यकर्ता और छात्र-नौजवान मौजूद थे।


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