सोनेसिल्ली के भूमिहीन किसानों के साथ मनमानी

दिलीप कुमार

 

इन भूमिहीन किसान परिवारों को 1970 में ग्राम पंचायत की ओर से खेती करने के लिए जमीन का पट्टा दिया गया था। 51 साल से किसान उसी जमीन पर खेती कर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं। किसानों के पास ऋण पुस्तिका भी है।

किसान सिंचाई टैक्स भी दे रहें हैं... लेकिन अब सरकार उनसे यह जमीन पंचायत (सरपंच) व पुलिस प्रशासन के माध्यम से छिन रही है।

किसानों ने बताया कि वे स्थानीय विधायक धनेंद्र साहू, तहसीलदार, एसडीएम सहित अन्य लोगों से गुहार लगा चुके हैं .. लेकिन उनकी कही सुनवाई नहीं हो रहीं हैं... सरपंच और पुलिस प्रशासन उन पर लाठियां बरसा रही है...। 

अपनी जमीन बचाने के लिए आज तड़के (सुबह) 5 बजे सोनेसिल्ली गांव के 23 किसान परिवारों के करीब 150 लोग, जिनमें दुधमुंहे बच्चे व महिलाएं भी शामिल हैं... पैदल ही राजधानी रायपुर के लिए कूच किए... वे कलेक्टर से मिलकर अपनी रोजी-रोटी को छिनने से बचाने की मांग करना चाहते थे। 

लेकिन पुलिस व प्रशासन ने उन किसानों को माना बस्ती फारेस्ट नाका के पास ही रोक दिए... तब तक के करीब 35 किलोमीटर पैदल लांघ चुके थे... किसान लिखित में आश्वासन चाह रहें थे कि उनकी जमीन से बेदखली न हो... वहाँ प्रशासन के मुखिया एसडीएम निर्भय साहू के साथ काफ़ी देर तक चली चर्चा के बाद ... जिसमें केस के निराकरण तक जमीन से बेदखली पर रोक के लिखित आश्वासन के बाद किसान वापस अपने घर-गांव लौटने को तैयार हुए ...।

... लेकिन अभी भी उन अन्नदाताओं के चेहरों पर कई सवाल! दर्द और आजीविका के छीन जाने का डर साफ़ झलक रहा हैं...! 

इस ख़बर की रिपोर्टिंग के दौरान जो दर्द  अन्नदाताओं के चेहरों पर महसूस किया ... उसका अनुभव साझा कर रहा हूँ ... शायद संवेदनशील मुखिया तक बात पहुंचे ...और गरीब अन्नदाताओं व उनके परिवारों के साथ न्याय हो..!

बताते चले कि गोबरा नवापारा तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत सोनेसिल्ली के 23 गरीब भूमिहीन परिवारों को 1970 में ग्राम पंचायत कुर्रा आश्रित ग्राम सोनेसिल्ली में शासन द्वारा जीवन यापन के लिए भूमि प्रदान की गई थी।

जिस पर ये परिवार 51साल से कास्तकारी करते आ रहे थे। लेकिन सरपंच गोमेश्वरी साहू, सरपंच पति अजय साहू और उपसरपंच ताराचंद साहू अपने समूह के साथ जबरदस्ती जमीन से बेदखल कर दिया था। इसकी जानकारी शासन प्रशासन को दिया गया था लेकिन पीड़ितों के पक्ष में कोई सुनवाई नहीं होने से नाराज परिवार ने शनिवार 24 जुलाई को सुबह 5बजे से पैदल मार्च कर राजधानी रायपुर में कलेक्टर और मंत्रियों के पास गुहार लगाने निकल पड़े।

अभनपुर एसडीएम निर्भय साहू को जैसे ही जानकारी हुआ वे पदयात्रियों से मुलाकात करने के लिए पहुंच गए जो माना बस्ती वनोपज जांच नाका के पास पहुंच गए। पद यात्रियों के साथ चर्चा कर एसडीएम ने उक्त भूमि पर सरपंच के किसी भी प्रकार की हस्तक्षेप करने से स्थगन आदेश लिखित रूप से जारी किया था।


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