ओबीसी की हकमारी के खिलाफ शिक्षा मंत्री धर्मेंन्द्र प्रधान का पुतला फूंका

विशद कुमार,  स्वतंत्र पत्रकार

 

यूनियन के अध्यक्ष सोनम राव और उपाध्यक्ष अभिषेक आनंद ने कहा कि नरेन्द्र मोदी राज में मेडिकल कॉलेजों में नीट के जरिए दाखिले में ओबीसी के हिस्से की हजारों सीटों की लूट पिछले 4 साल से जारी है।

यह सामाजिक न्याय की हत्या है, संविधान पर हमला है। इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।

यूनियन के उपाध्यक्ष मिथिलेश विश्वास और सह-सचिव नंदकिशोर भारती ने कहा कि मेडिकल कॉलेजों में नीट के जरिए दाखिले के ऑल इंडिया कोटा में ओबीसी को संवैधानिक अधिकार के बतौर हासिल आरक्षण नहीं मिल रहा है।

केन्द्र सरकार ने 13 जुलाई 2021 को जारी नोटिफिकेशन में NEET-2021 में ऑल इंडिया कोटा के तहत सुप्रीम कोर्ट में एक केस पेंडिंग होने के बहाने इस बार भी OBC को आरक्षण नहीं देने का एलान किया है।

दूसरी तरफ, सवर्ण आरक्षण से जुड़ा केस भी सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है, लेकिन सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा है। केन्द्र सरकार घोर ओबीसी विरोधी है।

यूनियन के राजेश रौशन और ऋषि राज ने कहा कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग के आरक्षण से जुड़े मसलों को हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट भी बेवजह लटका कर रखती है।

सामाजिक न्याय और संविधान का माखौल उड़ाती है इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।

 


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