आदिवासी महिला को दबंगों ने जिंदा जला दिया, न्याय मुंह ताकता रहा

द कोरस टीम

 

प्रदेश के मुंगेली जिला अंतर्गत लोरमी थाना क्षेत्र के चिल्फी चौकी के गांव घठोली से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। आदिवासी समाज की महिला सबना बाई धु्रव को गांव के एक नामी ‘महराज और उसके गुर्गों’ ने टोनही का आरोप लगाकर दिनदहाड़े जिंदा जलाया। घटना 14 जून 2021 की है। महिला को गंभीर हालत में राजधानी रायपुर के डॉ भीमराव आंबेडकर अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां 19 जून को इस महिला की मौत हो गई है

भाजपा समर्थित है आरोपी

जिस महराज का ऊपर उल्लेख हुआ है; उसका नाम प्रज्ञेश तिवारी है; वह और उसके गुर्गे भाजपा समर्थित हैं जिन्हें प्रश्रय मिला हुआ है। दलितों, आदिवासियों की खेती - संपत्ति को लूटने वालों की राजनीतिक प्रश्रय कोई नई बात नहीं है। चाहे बस्तर हो या अन्य भाग। चालाकी, कुटिलता से सत्ता हासिल करो और लूटो, लूटो और लूटते रहो।

घटना से जुड़े दर्दनाक तथ्य

महिला जिनको जलाकर हत्या की गई, वह सिर्फ खौफनाक मौत का शिकार ही नहीं बनी, बल्कि अपनी जिंदगी में बाल विवाह से लेकर शराबी पति की प्रताडऩा, बेटा के बदले बेटी पैदा करने का पाप करने की सजा झेलना और फिर पति के घर से निकाल दिया जाना, पूरे आदिवासी परिवार व बस्ती; जिस सरकारी कुएं से पानी पीने का निस्तार करता रहा, उसे भाजपा नेता एवं कांग्रेसी सांठगांठी नेता ‘महराज’ द्वारा अपने कब्जे में करने का मामला है।

यही नहीं पीडि़ता के पिता को भी बुरी तरह मार-पीट किया गया था, उस समय भी अपराधी पकड़े नहीं गए। बावजूद इसके पीडि़त महिला, अपने हक पर डटी रहने और थाने में रिपोर्ट लिखाने पर किसी भी तरह का मदद नहीं मिल पाने से दबंगों के हौसले को बल मिला और अंतत: उच्चस्तरीय राजनीतिक प्रश्रय प्राप्त अपराधियों द्वारा 14 जून को दिनदहाड़े जला दिया गया। जिसकी 19 जून 2021 को रायपुर के डॉ भीमराव आंबेडकर अस्पताल में मौत हो गई है।

गुरुघासीदास सेवादार संघ एवं वीरनारायण सिंह सेना ने कहा कि इस बर्बर हत्याकांड के अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं। पुलिस प्रशासन मामले को दबाने का पूरा प्रयास कर रहा है। राजनीतिक प्रश्रय प्राप्त अपराधियों द्वारा आदिवासी महिला को जलाकर हत्या करने और पुलिसप्रशासन द्वारा अपराधियों को नहीं पकडऩे के मामले को लेकर गुरुघासीदास सेवादार संघ तथा वीरनारायण सिंह सेना द्वारा सरकार को आगाह किया है कि जुल्मी अपराधियों एवं उनके राजनैतिक प्रश्रयदाताओं को तुरंत गिरफ्तार करने कहा है। 

गुरुघासीदास सेवादार संघ  के संयोजक निर्मल मरकाम बताया कि  ‘महाराज’  के पूर्वज आज से 100'50 वर्षों पूर्व इस गांव में भगवान की फोटो व लोटा लेकर आए और  इस आदिवासी गांव/ परिवार को चमत्कृत  कर ठौर बनाने की जुगाड़ लगाया जिससे इस महिला के पूर्वजों ने इस महाराज को नि:शुल्क आवास प्रदान किया गया।

अब वही ‘महाराज’  के वंशज आदिवासीयों के वंशज महिला को जलाकर मारने में अपराधियों का सरगना बने ठाठ से  घूम रहा है। और आदिवासी परिवार महिला की हत्या की आवाज उठाने के लिए डरते -छिपते पड़े हैं ।

समझाने बुझाने के बाद पीडि़त पक्ष सामने आया है। ऐसा क्यों ना हो, जब दलित आदिवासी,पिछड़े  लोगों की बहुसंख्या होते हुए भी इन्हीं जाति के टायगर/शेर नेता लोमडिय़ों के पांव दबा रहे हों, तो दलित-आदिवासी -शोषित-पीडि़त दबे कुचला ही रहेगा। 


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