बीएसपी में वेज रिवीजन के लिए मजदूर हड़ताल को सभी ने कहा सफल


 

संयुक्त ट्रेड यूनियन के नेताओं ने कहा कि एक तरफ युवा कर्मियों ने सभी गेटों पर यूनियनों के साथ मजबूती से मोर्चा संभालते हुए हड़ताल को सफल करने में अपनी भूमिका अदा की तो दूसरी तरफ संयंत्र के वरिष्ठ कर्मी भी घर में ही रहकर हड़ताल को सफल बनाया। इस हड़ताल में शिक्षकों की भागीदारी भी काफी सराहनीय थी। अत्यावश्यक सेवाओं में कार्यरत अस्पताल कर्मी ने अपनी सेवाएं देने के साथ-साथ हड़ताली कर्मियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर हड़ताल को सफल बनाना इस हड़ताल की विशेषता थी। इस बार की हड़ताल में महिला कर्मचारियों  व महिला ठेकेदार श्रमिकों ने भी भारी संख्या में भाग लिया।

हड़तालियों पर षड्यंत्र के तहत लाठी चार्ज की हुई निंदा 

संयुक्त ट्रेड यूनियन के नेताओं ने कहा कि 30 जून की हड़ताल सुबह से रात्री तक शांतिपूर्ण सौहार्दपूर्ण वातावरण पर संपन्न हुआ। इस हड़ताल की सफलता से बौखलाए लोगों के इशारे में पुलिस प्रशासन द्वारा इक्विपमेंट चौक पर रात्री लगभग 10:30 बजे हड़ताली नेताओ व कार्यकर्ताओं पर बेरहमी से लाठी चार्ज किया गया। इस लाठीचार्ज  की निंदा और भत्र्सना की गई है। साथ ही इस घटना की न्यायिक जांच की मांग की गई हैं।

सीआईएसएफ का हस्तक्षेप अनुचित 

हड़ताल के दिन संयंत्र में जाने वाले कर्मियों से सडक़ों पर तैनात विभिन्न यूनियनों के कार्यकर्ता एवं युवा साथियों हड़ताल में भागीदारी करने की अपील कर रहे। उन कार्यकर्ताओं से सीआईएसफ के जवान एवं अधिकारी अनावश्यक हस्तक्षेप करते हुए उलझ रहे थे जिस पर यूनियन के पदाधिकारियों ने कड़ी आपत्ति दर्ज करते हुवे सीआईएसएफ के अधिकारियों एवं जवानों से कहा कि हड़ताली कर्मियों एवं संयंत्र कर्मियों के बीच सीआईएसएफ का हस्तक्षेप अनुचित है क्योंकि यह क्षेत्र सीआईएसएफ के दायरे में नहीं आता है ना ही उस क्षेत्र में कानून व्यवस्था को बनाए रखने की जिम्मेदारी सीआईएसएफ की है।

यूनियन के द्वारा आपत्ति करने के बाद सीआईएसफ के अधिकारी एवं जवानों को पीछे हटना पड़ा ज्ञात हो कि बोरिया गेट, मेन गेट अथवा खुर्सीपार गेट में ट्रकों के जाम लगने पर कर्मियों द्वारा व्यवस्था सुधारने एवं रास्ता बनाने हेतु जब कभी भी सीआईएसएफ की मदद मांगते हैं तो सीआईएसएफ स्पष्ट मना करते हुए कहता है कि यह क्षेत्र उनके अधीन नहीं आता इसीलिए वे इस मामले में दखल नहीं देंगे इसीलिए हड़ताल के दिन सीआईएसएफ का दखल देना अनुचित था।

गेटो पर कर्मियों के बीच शराब बंटवाने वाला कौन? 

हड़ताल को सफल बनाने सभी गेटों पर लगभग सुबह 4:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक छोटे-मोटे नोकझोंक के साथ शांति से प्रदर्शन चलता रहा। किंतु लगभग संध्या 8:00 बजे के बाद से शराब पीकर बहकने जैसी घटनाएं सामने आई जिससे माहौल खराब होने लगा था। संयुक्त यूनियनों ने प्रारंभिक जांच में पाया कि गेट पर मौजूद कुछ कर्मियों के बीच जानबूझकर माहौल खराब करने के लिए शराब बांटी गई थी।

इस तरह से सभी गेट पर शराब बांटना हड़ताल की सफलता की खुशी मनाने के लिए नहीं बल्कि सुनियोजित षड्यंत्र का हिस्सा था। संयुक्त ट्रेड यूनियन इस घटना की निंदा करता है तथा सुनियोजित तरीके से अंजाम दिए गए इस घटना के तह तक जाने के लिए प्रयासरत है। संयुक्त यूनियन इस घटना को मजदूर आंदोलन के साथ गद्दारी करार देते हुए इस घटना को अंजाम देने वाले को गद्दार करार देता है। जिसे किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाना चाहिए।

हड़ताल की नोटिस नहीं देकर भी पीला झंडा की भूमिका संदिग्ध 

30 जून की हड़ताल पांच राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन के द्वारा किया गया था। जिसमें संयंत्र स्तर पर कार्यरत स्थानीय यूनियन ने समर्थन करते हुए हड़ताल में शामिल होने का निर्णय लिया। किंतु हमेशा से ही एनजेसीएस यूनियन तथा उसके नेताओं को कोसने वाला भिलाई का एक यूनियन ना ही प्रबंधन को दिए जाने वाले हड़ताल के नोटिस पर दस्तखत किया और ना ही लोगों के बीच हड़ताल को लेकर कोई प्रचार किया।

हड़ताल से 1 दिन पूर्व अखबार में एनजेसीएस को भंग करने एवं वेतन समझौता शीघ्र करने जैसे मांगो के साथ हड़ताल में शामिल होने की बात को पत्र द्वारा उच्च प्रबंधन को सूचना देने की बात प्रकाशित हुई थी। हड़ताल के दिन मेन गेट के मुर्गा चौक पर संयुक्त ट्रेड यूनियनों के सामने आकर खड़े हो जाना एवं मनमाने तरीके से हड़ताल के दिन कार्य करना कई संदेह को जन्म देता है।

अधिकारियों के संरक्षण में ठेका श्रमिकों का हो रहे शोषण पर सेफी मौन क्यों? 
 
 संयुक्त ट्रेड यूनियन के नेताओं ने कहा कि संयंत्र के अंदर ठेका मजदूरों के वेतन को देखने के लिए अधिकृत ऑपरेटिंग अथॉरिटी अधिकारी के जानकारी में ही ठेका श्रमिकों का शोषण जारी है। ठेकेदार निर्धारित रेट का भुगतान नहीं करते हैं, जहां जहां निर्धारित रेट भुगतान किया भी जाता है तो वहां पर भुगतान के पश्चात पैसा वापस ले लिया जाता है।

यह सब जानते हुए भी अधिकारी मौन रहते हैं। कर्मचारियों के वेतन समझौता व हड़ताल पर अनर्गल बयानबाजी करने वाले अधिकारियों का संगठन सेफी भी मौन रहता है। किंतु कर्मियों के वेतन निर्धारण के लिए चल रहे संघर्ष से इसीलिए बौखला जाता है कि कहीं कर्मियों का वेतन बढ़ गया तो अधिकारियों के मिलने वाले वेतन में कहीं कटौती ना हो जाए।

अधिकारियों एवं कर्मचारियों के बीच तनाव पैदा कर रहा है सेफी 

पिछले कुछ समय से अधिकारियों का संगठन सेफी के द्वारा कर्मचारियों के विरुद्ध की जा रही बयान, संयंत्र के अंदर अधिकारियों एवं कर्मचारियों के बीच तनावपूर्ण वातावरण को पैदा कर रहा है।

हड़ताल के दिन हड़ताली कर्मचारियों के खिलाफ जहर उगलना कर्मियों के वेतन समझौते को लेकर अनाप-शनाप बयानबाजी करना कर्मियों के वेतन वार्ता पर कटाक्ष करना आदि कृत्य कर्मियों को उकसाने एवं औद्योगिक संबंध को बिगाडऩे के लिए किया जा रहा प्रतीत होता है। संयुक्त यूनियनों ने सेफी के पत्र पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इन पत्रों ने अधिकारी वर्ग के संगठन के नेताओं की मन स्थिति को उजागर किया है।

संयुक्त ट्रेड यूनियन, भिलाई सेफी की तरह की कार्रवाई का कड़ी शब्दों में निंदा करता हैं। 

ईडीपीआर को छेडऩे में लगा प्रबंधन 

हड़ताल के दिन कर्मियों की नगण्य उपस्थिति से बौखलाया प्रबंधन ईडीपीआर में कर्मियों के अपने हाजिरी देखने के साइड को 2 दिन से बंद कर दिया है यूनियनों के संज्ञान में यह बात आ रही है कि कुछ कर्मियों के अनुपस्थित रहने के बावजूद उनकी हाजिरी लगाई गई है एवं हाजिरी बढ़ा कर दिखाने के लिए हर संभव उपायों को तलाश किया जा रहा है।

नि:शर्त निलंबन वापस लो 

संयुक्त ट्रेड यूनियन ने कहा कि  टूल डाउन के चलते निलंबन किए गए कर्मचारियों का निलंबन नि:शर्त व शीघ्र-अतिशीघ्र वापस लिया जाए।

लाठीचार्ज के खिलाफ प्रदर्शन

संयुक्त ट्रेड यूनियन ने अपने फैसले के अनुसार हड़ताली साथियों पर पुलिस प्रशासन द्वारा बेरहमी से किए गए लाठीचार्ज के खिलाफ 6 जुलाई 2021 को सुबह 8 से 9 बजे तक इक्विपमेंट चौक पर प्रदर्शन किया गया। 

छमुमो समन्वय समिति ने कहा हड़ताल सफल

छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा (छमुमो) समन्वय समिति ने ‘द कोरस’ को बताया कि भिलाई इस्पात संयंत्र में 30 जून को वेज रिवीजन के लिए मजदूर हड़ताल किए जो सफल रहा इसी से चिढक़र प्रबन्धक और कुछ पुलिस अधिकारी मिलकर मजदूरों के ऊपर बर्बर लाठी चार्ज किए, गाड़ी का कांच भी प्रबन्धक के गुंडों ने तोड़ा,कुछ दलाल शराब का बोतल लेकर जबर्दस्ती पिने के लिए उकसा रहे थे वही प्रबन्धक द्वारा माहौल खराब करने के लिए दर्जनों लोगों शराब पिलाकर हड़ताल के जगह पर बुला लिए थे।

जानबूझ कर रात होने का इंतजार प्रबन्धक उच्चाधिकारी कर रहे थे ताकि इस ऐतिहासिक बन्द को बदनाम किया जा सके। सुबह 4 बजे से शाम तक शांति प्रिय ढंग से हड़ताल सफल होते रहा। 

समन्वय समिति ने भी सेफी पर लगाया आरोप

अचानक रात होते ही लठैत और शराबी कहां से आ गए यह सब सुनियोजित तरीके से सेल द्वारा करवाया गया। उसमें सेफी ने अग्रणी भूमिका निभाया है। ठेका मजदूरों के खून पसीने का कमाई ठेकेदार खुले आम लूटते हैं तो यही सेफी ठेकेदारों को भरपूर मदद करते हैं, जबकि यह बात कटु सत्य है कि भिलाई इस्पात संयंत्र में ठेका श्रमिक हासिए पर जिंदगी जीने को मजबूर है।

वर्तमान में ठेका श्रमिक संयंत्र के अंदर अधिक है जिन्हें कम वेतन देकर खुले आम लूटा जा रहा है। छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के जनक लाल ठाकुर,भीमराव बांगड़े, सुकलाल साहू, बंशी साहू, नीरा, सरस्वती, कलादास डेहरिया ने बताया कि संघर्षरत कर्मचारियों के ऊपर हुए लाठी चार्ज की घोर निंदा करते हुवे सयुक्त ट्रेड यूनियन के साथ पूर्ण सहयोग करने की बात कही है। समिति ने कहा कि शंकर गुहा नियोगी के खिलाफ षड्यंत्र रचने में सेल प्रबन्धन की भी भूमिका रही है। 


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