नेशनल डॉक्टर डे पर डॉक्टर पुखराज बाफना से मिलिये

डॉक्टर पुखराज बाफना

 

हमेशा से मुझे किसी नयी जिंदगी को बढ़ता देखना, उस नन्ही सी आभा को महसूस करना और उसके बचपन का एक अंग बनना रोचक लगता है। यही करण है की मैंने पीडियाट्रिक में MD किया, और राजनांदगाव में अपनी सेवाएं शुरू की और पुखराज बाफना से डॉ पुखराज बाफना तक का लम्बा एवम कठिन सफर तय किया। 

दिमाग़ में यह बात हमेशा डोलती थी की निस्वार्थ होकर विकट से विकट परिस्थिति में भी अपने आपको लोगों की सेवा में झोक देना एवम किसी व्यक्ति को मरीज समझकर नहीं, बल्कि अपने परिवार का हिस्सा समझकर उनका इलाज करना, यह गुण आपको सिर्फ ‘एक डॉक्टर‘ से कुछ ज्यादा बनाता है। इसी कड़ी में मैंने 700 से भी ज्यादा निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया।

देश के विभिन राज्यों में जाकर मैंने वहाँ की आदिवासियों को जाना-पहचाना-समझा और वहाँ के बच्चों के स्वास्थ्य पर काम करना शुरू किया। आगे चलकर मैंने अपने इसी अनुभव व समझ को चंद कुछ पन्नो में बांध ‘स्टेटस ऑफ़ ट्राइबल चाइल्ड हेल्थ इन इंडिया‘ नाम की किताब में पिरोया है। यह पूरे विश्व में आदिवासी बच्चो की सेहत पर लिखी एक मात्र किताब है , जो एक विश्व रिकॉर्ड भी है। 

मैंने अपने डॉक्टरी और लोगो की सेवा को अपना काम नहीं, अपनी जिम्मेदारी, अपना कर्तव्य समझा और अपने कार्य में जुटा रहा। मुझे देश-विदेश से काम करने के प्रस्ताव आये पर शायद यह मेरी पिता की सीख और छत्तीसगढ़ के प्रति मेरा प्रेम है जो आज भी मुझे इस भुईयां से जोड़ा रखता है। मैं चाहता हूँ लोग मुझे मेरे पुरस्कारों की वजह से नहीं मेरे काम की वजह से मुझे याद करें।

मेरे इस पद से पद्मश्री की यात्रा में मेरे परिवार का अभूतपूर्व योगदान रहा है। खासतौर पर मेरी अर्धांगिनी का मेरे हर बढ़ते डगमगाते कदम पर उसने मेरा हाथ नहीं छोड़ा और अपनों को छोड़ पहले दूसरों की सेवा को प्राथमिकता देने के लिए प्रोत्साहित किया आज मैं जो कुछ भी हूं उसका सारा श्रेय मेरी अर्धांगिनी को जाता है।

Humans of Chhattisgarh के माध्यम से मैं आप सभी को चिकित्सक दिवस की बधाई देता हूं और यह संदेश देना चाहता हूँ की समाज का महत्वपूर्ण अंग होता है डॉक्टर — लोगों के जन्म से, लोगो के जीवन से, उनके रोगों से, उनकी मृत्यु से एक ही व्यक्ति जुड़ा रहता है वो है डॉक्टर।"

डॉक्टर पुखराज बाफना को अपने काम के लिए, पूर्ण समर्पण की भावना और अपना जीवन बच्चों के स्वास्थ्य के नाम कर देने के लिए 2011 में भारत का चौथा सबसे बड़ा नागरिकता सम्मान "पद्मश्री" मिला। ‘भारतीय चिकित्सक संघ’ ने भी उन्हें C.T. Thakur’ अवार्ड से सम्मानित किया। TOI ने उन्हें लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजा है। उन्होंने कई अंतर्राष्ट्रीय मंचो पर भारत का सफल नेतृत्व किया है।


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  • 03/07/2021 Dr Anil Mahakalkar

    Respected sirji,

    Reply on 04/07/2021
    Dr Anil Mahakalkar