छत्तीसगढ़ के जाने माने साहित्यकार और प्राध्यापक के पुत्र के साथ पुलिस बर्बरता
मेरे बेटे के साथ कल पुलिस ने बुरी तरह से मारपीट की है
द कोरस टीमपुलिस ज्यादतियों पर आपने काफी कहानियां सुन रखी होगी। लेकिन असंवैधानिक और गलत कार्य करते पुलिस को सच का आईना दिखाना इतना नागवार हो सकता है आप इस एक घटना से जान सकते हैं। जिसमें फल वाले को पिटते हुवे पुलिस को रोकना अक्षज अनुपम के लिये गुनाह साबित हुआ और उसके खिलाफ फर्जी केस बनाने के लिये पुलिस वाले उसकी जबरदस्त पिटाई कर दी और गांजा और शराब के मामले में जबरन फंसाने की कोशिश की।

पुलिस के सामने इस साहित्यकार और शिक्षविद पिता की पहचान काम नहीं आई वे उसे लगातार पिटते रहे। वह तो बात मुख्यमंत्री के सलाहकारों तक पहुंच जिससे अक्षत को पुलिस के चंगुल से बचाया जा सका है। बहरहाल पुलिस की इस अपराधिक कृत्य पर कार्यवाही का इंतजार है।
पूरे मामले पर रमेश अनुपम कहते हैं कि मेरा बेटा अक्षज अनुपम उम्र 28 वर्ष कल (30 जून) को रात में अपना कैमरा ठीक करवाकर घर लौट रहा था। रास्ते में करीब 8:15 बजे अनुपम गार्डन, रायपुर (छत्तीसगढ़) के सामने उसने देखा कि कुछ पुलिस वाले एक फल वाले की पिटाई इसलिए कर रहे थे कि वह कोरोना गाइड लाइन का पालन न करते हुए अपने ठेले पर फल बेच रहा था।
मेरे बेटे ने रुककर पुलिस वालों से कहा कि उन्हें इस तरह नहीं पीटना चाहिए। इतने में सरस्वती नगर थाने का थानेदार जीप से नीचे उतरकर पुलिस वालों से कहा इस साले को जीप में पटककर थाने ले चलो। बेटे का मोबाइल रास्ते में पुलिस वालों ने छीन लिया मुझसे बात भी करने नहीं दिया, न पुलिस ने बतौर गार्जियन मुझे सूचित किया।
थाने ले जाकर पुलिस वालों ने उसे जख्मी होते तक मारा
मुझे जैसे-तैसे खबर लगी और मैं भागते हुए दिल्ली मीडिया से जु?ी हुई जीतेश्वरी के साथ सरस्वती नगर थाने पहुंचा। पुलिसवाले तब भी उसे मार रहे थे। मैंने कारण पूछा तो मुझसे भी बदतमीजी की, यहां तक की धक्कामुक्की भी और साथ ही जीतेश्वरी से भी बदतजीमी की और उसका फोन छीनने की कोशिश भी की।
जबरदस्ती केस बनाने के लिए मेरे बेटे के मुंह को खोल कर शराब पिलाने की कोशिश की। थाने लाकर पहले बीस पैकेट गांजा रखने फिर चार पैकेट गांजा रखने की झूठी बात मुझे बताई।
मेरा बेटा दिल्ली यूनिवर्सिटी से बी.ए. ऑनर्स इंग्लिश है वही से उसने सिनेमा में पी.जी किया। वही जॉब भी कर रहा था। कोरोना के कारण मैंने उसे अपने पास रायपुर बुला लिया।
मेरा बेटा मेरी तरह किसी गलत बात को सहन नहीं कर सकता, किसी पर भी होने वाले जुल्म को बर्दास्त नहीं कर सकता। कल रात इसलिए अनुपम गार्डन के पास रुककर पुलिस वालों को समझाने की कोशिश की, जिसका अंजाम मेरे बेटे को भुगतना पड़ा।
@GI
वे कहते हैं कि मैं हमेशा छत्तीसगढ़ की पुलिस की प्रशंसा करता रहा हूं। पर पुलिस की इस बर्बरता से मैं बेहद आहत हुआ हूं।
उन्होंने कहा कि दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
Your Comment
-
08/07/2021
Gautam Bandyopadhyay
पुलिस द्वारा किए जाएं बर्बरता का भर्त्सना करते है, साथी शासन प्रशासन से मांग करते है की जल्द से जल्द अपराधी के जांच कर कानूनी कार्यवाही करे..... स्ट्रीट वेंडर्स पर पुलिस द्वारा लाठी प्रहार करना आपने आप एक अपराध है.... और स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट- 2014 जो यूपीए-2 कांग्रेस नेतृत्व सरकार का अहम कानुन्वत जिसको वर्तमान छत्तीसगढ़ में कांग्रेस शासित सरकार में कोई क्रियान्यवान नही हो रहा है....अनुपम गार्डन के स्ट्रीट वेंडर्स फल विक्रेताओं को डराया धमकाया जा रहा है...इस परिस्थिति में न्यायप्रिय सत्याग्रही नौजवान साथी अक्षत अनुपम को शासन द्वारा सम्मानित करना चाहिए ताकि पुलिस द्वारा आम जनता पर किए जा रहे अत्याचार्वपार अंकुश लगाया जा सके और शांति प्रिय राजधानी के जनता और स्ट्रीट वेंडर्स अपनी जीवन निर्वाह के लिए संविधान प्रदत्त अधिकार से नागरिक सम्मान के साथ जी सके.....
Add Comment