पुस्तक का विमोचन तथा अरहंत सभा मंच का किया लोकार्पाण
द कोरस टीमज्येष्ठ पूर्णिमा एवं संत कबीर जयंती के उपलक्ष्य में धर्मनगरी डोंगरगढ़ से करीबन 5 किलो मीटर स्थित अरहंत बौद्ध विहार ग्राम कल्याणपुर में भारतीय बौद्धों के धम्मदूत भदन्त संघरत्न मानके, अध्यक्ष पञ्ञा मेत्ता संघ तथा नंदकुमार बघेल द्वारा पुस्तक का विमोचन तथा अरहंत सभा मंच का लोकार्पाण किया गया।

इसी तारतम्य में विभिन्न ग्रामीण अंचलों से आये हुए ग्रामीणों ने अधिवक्ता सत्यपाल खोब्रागडे़ के मार्गदर्शन में अतिथियों का पुष्पवर्षा कर भव्य स्वागत किया।
सर्वप्रथम अरहंत बौद्ध विहार स्थित भगवान गौतम बुद्ध एवं बोधिसत्व बाबासाहेब आम्बेड़कर की प्रतिमा पर अतिथियों द्वारा पुष्प अर्पित किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रज्ञागिरि के संस्थापक धम्मदूत भदन्त संघरत्न मानके ने उपस्थित बौद्धजन एवं ग्रामीणजनों को संबोधित करते हुए कहा कि बुद्ध के काल की एक घटना बताते हुवे कहा कि - रोजाना जिस तरह से बुद्ध के दर्शन एवं उपदेश सुनने के लिए उपासक, उपासिकाएँ आया करते थे।
उसी तरह एक व्यक्ति बुद्ध के दर्शन एवं उपदेश सुनने के लिए उपस्थित हुआ, बुद्ध ने भिक्षु आनंद को संबोधित कर उस व्यक्ति को उपदेश देने के लिए कहा, कुछ समय पश्चात भिक्षु आनंद बुद्ध के समीप उपस्थित हुए और कहा कि तथागत मैने आपके करीब रहकर जितना भी उपदेश सुना मैंने सब कुछ कहा।
लेकिन उस व्यक्ति में छनिक भर भी परिवर्तन मैं नहीं देख रहा हूँ, भिक्षु आनंद की बात को सुनकर बुद्ध उस व्यक्ति के पास गये, बुद्ध ने उस व्यक्ति की हालत को देखा, उन्होंने पीने के लिए पानी दिया, स्नान करने के लिए पानी एवं धारण करने के लिए कपड़ा तथा भोजन से संतृप्त करने के पश्चात बुद्ध ने उपदेश दिया तो उस व्यक्ति को ज्ञान का साक्षातकार हो गया।
जो अपने आपको प्रवचनकर्ता कहते वे लोग सीधा - सीधा परोस देते है इसलिए परिवर्तन नहीं दिखाई देता, हमें पहले सामने वाले की हालत का अवलोकन करना चाहिए उसके बाद धम्मदेशना देने से ही सामने वाले में परिवर्तन दिखाई दे सकता है।
मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित नंदकुमार बघेल ने कहा कि- मैं पूरे देश में बौद्ध धम्म के प्रचार - प्रसार के लिए घूम रहा हूँ। सत्यपाल खोब्रागडे़ इतना सुन्दर बौद्ध विहार बनाया इसी प्रकार पूरे छत्तीसगढ़ में हर विधान सभा में दो - दो, तीन-तीन मंजीला बुद्ध मंगल भवन बनायेंगे, ताकि बौद्धों के शादी ब्याहा या कोई भी कार्यक्रम में कम खर्च में सम्पन्न हो जाये।
बाबासाहेब आम्बेडकर खुद चाहते थे हमारे लोगों की शादी ब्याह सीमित खर्च में हो। उन्होंने कहा कि भूपेश माँडल से छत्तीसगढ़ के किसानों को किसानी में राहत मिली है। इसी तर्ज में पूरे देश में काम करने की आवश्यकता है।
धम्मदूत भदन्त संघरत्न मानके ने बुद्ध वंदना पुस्तक का विमोचन किया तथा नंदकुमार बघेल ने अरहंत सभा मंच का फीता काटकर लोकार्पाण किया।
सभा मंच में भदन्त धम्मशिखर बालाघाट, भदन्त धम्मतप राजनांदगांव एवं विवेक वासनिक, अध्यक्ष राजगामी संपदा राजनांदगांव तथा अरहंत बौद्ध विहार के संस्थापक अधिवक्ता सत्यपाल खोब्रागड़े उपस्थित थे। प्रस्ताविक उदबोधन में सत्यपाल खोब्रागड़े ने कहा भदन्त संघरत्न मानके के मार्गदर्शन में मैने अरहंत बौद्ध विहार का निर्माण किया ताकि लोगों के जीवन में बुद्ध धम्म के प्रति लगाव हो।
उन्होंने कहा कि धम्म के माध्यम से अपना जीवन मंगलमय कर सके। हमारा सौभाग्य है कि नंदकुमार बघेल का आगमन हुआ। इसी कड़ी में अरहंत सभा मंच का लोकार्पाण एवं बुद्ध वंदना पुस्तक का विमोचन भदन्त सदानंद महास्थवीर के स्मृति में आप सभी की उपस्थित में अतिथियों द्वारा सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम का संचालन गैंदलाल खोब्रागड़े ने एवं आभार आयुष्मति इंदु खोब्रागड़े ने किया। कार्यक्रम में ग्राम पटेल बारेलाल वर्मा, ग्राम प्रमुख रामाधार सिन्हा, खुमान सिन्हा, बौद्ध समाज के सचिव विकास खोब्रागड़े, डोंगरगढ़ से डाँ. मनोज गजभिये, कांकेर से यजेन्द्र वासनिकर, भारत बंजारे, राजकुमार जोशी, विनोद खोब्रागड़े, अम्बाढ़ चौकी से जोगीराम खोब्रागड़े, राजनांदगांव से कुनाल बोरकर, शुभम रावत, कोरचाटोला से मोनु शिशुपाल, गंगाराम जोशी, राजू सिन्हा एवं सैकड़ों की संख्या में बौद्धजन एवं ग्रामीणों ने मैत्री भोज ग्रहण किया।
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