आदिवासी बचाओ-संविधान बचाओ अभियान के तहत मोहला में जंगी प्रदर्शन

द कोरस टीम

 

अनुसूचित जनजाति सर्व आदिवासी समाज युवा प्रभाग कांकेर ने मोहला में 29 जून को आदिवासी बचाओ-संविधान बचाओ अभियान के तहत जंगी प्रदर्शन का आयोजन किया है। 

छत्तीसगढ़ में भाजपा के 15 वर्षों के शासनकाल में आदिवासियों के साथ खूब अन्याय अत्याचार, दमन व शोषण हुआ। इसीलिए अन्याय से मुक्ति की आश में पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के घोषणा पत्र पर विश्वास करते हुए आदिवासीयों ने इसे अपार समर्थन दिया।

वर्तमान भूपेश सरकार आदिवासियों और किसानों के समर्थन के बल पर सत्ता में आई है लेकिन अदिवासीयों के साथ अन्याय रमन कार्यकाल की तरह बदस्तूर जारी है।

सर्व आदिवासी समाज का कहना है कि गोली इधर से चले या उधर से लगती आदिवासी को ही है। सरकार भाजपा की हो या कांग्रेस की मरता आदिवासी ही है। मुखबिरी के शक में मारे जाने वाला भी आदिवासी ही होते हैं।

ये अब सिर्फ जल-जंगल-जमीन की लूट, नागरिक व संवैधानिक अधिकारों के हनन का भर सवाल नहीं रह गया है अब ये आदिवासीयो के अस्तित्व का सवाल है। आदिवासी को बचाने का सवाल है।

ऐसे चुनौतीपूर्ण समय में सिलगेर मामले को केन्द्र में रखकर छत्तीसगढ़ के कुछ आदिवासी संगठन व सामाजिक संगठनों ने बैठक कर प्रदेश के तमाम आदिवासी व प्रगतिशील संगठनों व नागरिकों के समक्ष आदिवासी बचाओ-संविधान बचाओ अभियान चलाने का प्रस्ताव प्रस्तुत करने का निर्णय लिया है ताकि अन्याय के खिलाफ इस मुहिम में निर्णय लेने की प्रक्रिया व नेतृत्व में सभी की भागीदारी सुनिश्चित कर संघर्ष को तेज करने की बात की है।।

सर्व आदिवासी समाज का कहना है कि बस्तर में हो रहे अन्याय व दमन के खिलाफ सिर्फ बस्तर के आदिवासी संघर्ष करें व कोरबा, सरगुजा,  रायगढ़ में संसाधनों की लूट व विस्थापन के लिए सिर्फ वहीं के लोग संघर्ष करें ऐसे में निदान काफी मुश्किल होगा।

ये सरकारें ये राजनीतिज्ञ काफी मोटी चमड़ी के लोग हैं ये तब तक हरकत में नहीं आते जब तक इन्हें अपनी कुर्सी हिलते नजर रहीं आती। इसके लिए प्रदेशव्यापी दबाव बनाने की आवश्यकता होगी। सिलगेर मुद्दे को केन्द्र में रखकर विजय हासिल करना तमाम संघर्षों के लिए जीत का रास्ता खोल सकता है।

इसी विचार से प्रथम बैठक राजनांदगाँव (पनेका) में 18 जून को हुई उसमें लगातार लोगो को निर्णय व नेतृत्व में जोड़ने के साथ ही अपने-अपने जिलों में बारी-बारी से जिला स्तरीय विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय उपस्थित 50 से अधिक आदिवासी व जन संगठन के प्रतिनिधियों ने लिया है। आगे नये जुड़े साथियों के साथ मिलकर रणनीति व कार्यक्रम तय करने का क्रम जारी रहेगा।

सर्व आदिवासी समाज ने इसी कड़ी में जिला स्तरीय विरोध प्रदर्शन का आयोजन मोहला (राजनांदगाँव) में 29 जून को किया है। आगे दुर्ग, महासमुंद, कांकेर सहित पूरे छत्तीसगढ़ में आन्दोलन खड़ा करने प्रयास जारी है। इसे सफल बनाने अधिक-से-अधिक संख्या में भागीदारी करने अपील किया है। 

इस आदिवासी बचाओ-संविधान बचाओ अभियान में सर्व आदिवासी समाज राजनांदगाँव, जिला किसान संघ राजनांदगाँव, छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा, दलित आदिवासी मंच पिथौरा, छत्तीसगढ़ बचाओ आन्दोलन, गोंडवाना समाज मिलाई दुर्ग शामिल हैं। 


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