पाण्डो जनजाति के 8 आदिवासियों पर मछली चुराने का आरोप लगाकर दबंगों ने पेड़ से बांधकर पीटा

द कोरस टीम/सीजी बास्केट

 

मारते वक्त उनके हाथ बेल्ट से बांध दिए गए थे। 15 साल के छोटे बच्चों और आदिवासियों को मारने पीटने में महिला सरपंच का पति सत्यम यादव, जितेंद्र यादव, सत्यप्रकाश यादव,  आलोका यादव, बैजनाथ यादव, जमुना यादव, प्रदीप यादव, बंशीधर यादव, बासदेव यादव समेत 30 लोग  शामिल थे।

केवल मारने पीटने तक यह कहानी नही रुकी इन पाण्डो आदिवासियों पर 35 -35 हजार का जुर्माना भी ठोंक दिया गया। बताया जाता है कि डर के मारे कुछ आदिवासियों ने डर के मारे जुर्माने की राशि जमा भी कर दी। फिलहाल इस मामले में पुलिस ने मुकदमा कर दिया है। लेकिन मन मर्माहत है कि सिर्फ खाने की वजह से आज के दौर में भी आदिवासियों को पीटा जा सकता है। पीटने वाले भी उस बिरादरी से हैं जो सामाजिक न्याय की बात करते रहे हैं।

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें पेड़ से बांधकर कुछ लोगों को बेरहमी से पीटा जा रहा है। ये छत्तीसगढ़ के बलरामपुर ज़िले के रामचंद्रपुर ब्लॉक के थाना त्रिकुण्डा के ग्राम पंचायत चेरा की घटना है। वीडियो वायरल होने के बाद सभी आरोपियों पर मारपीट, एट्रोसिटि और जबरन वसूली की धाराएं लगाकर गिरफ़्तार कर लिया गया है।

छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में तालाब से मछली निकालकर खाने पर विशेष संरक्षण प्राप्त पाण्डो (पंडो) आदिवासी युवकों को पेड़ से बांधकर डंडे से बुरी तरह पीटा गया है। दबंगों ने इन आदिवासी युवकों पर 35-35 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माने की ये रकम 15 दिन के भीतर सरपंच पति सत्यम यादव के पास जमा करने को कहा गया है।

पीड़ित आदिवासियों में देवरूप पंडो (30), राजकुमार पंडो (22), राजबली पंडो (35), रामधनी पंडो (35), लाल बिहारी पंडो (15), सुरेश पंडो (15), मंधारी पंडो (30) और पुरूक पंडो (20) शामिल हैं। ये सभी आदिवासी युवक विशेष संरक्षण प्राप्त पंडो जनजाति के हैं।

जिन लोगों ने पंडो जनजाति के इन आदिवासियों को पीटा है उनमें से एक गाँव की सरपंच का पति है (गाँवों में महिला सरपंच के पति को भी सरपंच कहते हैं)

सरपंच पति सत्यम यादव, जितेंद्र प्रताप यादव उर्फ जेपी यादव, चंद्रिका प्रसाद यादव, बंशीधर यादव, बासदेव यादव, आलोक यादव, जितेंद्र यादव, जय प्रकाश यादव उर्फ नान्हू यादव, उमेश यादव, बैजनाथ यादव, नंदलाल यादव, जमुना यादव, प्रदीप यादव, राजकुमार यादव पर आरोप है।

दबंगों ने इन आदिवासियों पर सरकारी तालाब से मछली चोरी करके खाने का आरोप लगाया और ख़ुद ही कानून, ख़ुद ही पुलिस, ख़ुद ही जज बन गए, बेरहमी से उन्हें मारा और हर एक पर 35-35 हज़ार रुपए का जुर्माना भी दिया। इस बात की धमकी भी दी कि अगर इस बारे में पुलिस को कुछ बताया तो मरवा देंगे।

मीडिया में आई खबरों से मालूम चला कि पंडो जनजाति के 8 युवकों को उनके घर से 16 जून को जबरदस्ती दबंग उठाकर ले गए थे, उन्हें एक मुर्गी फार्म के पास बंधक बना कर रखा गया था यहीं पर इन्हें पेड़ से बांधकर डंडे लात घूसों से मारा जा रहा था विरोध करने पर गंदी भद्दी गालियां दी जा रही थी।

ये घटना सामने नहीं आ पाती अगर इसका वीडियो सामने न आता। ख़बर ये भी मिल रही है कि शुरुआत में बलरामपुर पुलिस ने ये कह दिया था कि जब हमारे पास शिकायत आएगी तब कारवाई करेंगे लेकिन सोशल मीडिया में वीडियो वायरल होने के बाद मीडिया ने हस्तक्षेप किया तब पुलिस ने कारवाई की।

बलरामपुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रशांत कतलम ने मीडिया को बताया कि आरोपियों पर अपराध दर्ज कर लिया गया है।

आरोप है कि चेरा गाँव के सरपंच पति सत्यम यादव, जितेंद्र प्रताप यादव उर्फ जेपी यादव और जय प्रकाश यादव ने खुद भी आदिवासी युवकों को पीटा इसके बाद अन्य लोगों से भी उनकी पिटाई करवाई। काफी रात तक उन्हें बंधक बना कर रखा गया। बताया जा रहा है कि कुछ परिवारों ने डर के कारण जुर्माने की रकम जमा भी करवा दी है हालांकि इस बारे में पुलिस ने अब तक कोई जानकारी नहीं दी है।

बताया जा रहा है कि गांव में एक सरकारी तलाब है जिसपर दबंगों ने गैरकानूनी ढंग से कब्ज़ा किया हुआ है और गाँव के लोगों को तालाब का इस्तेमाल न करने का फरमान सुना दिया गया है।


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