नुक्कड़ कैफे

प्रियंक पटेल

 

जाने कितने लोगों की यादें और क़िस्से बने हैं इस ठिकाने पर,दिल जुड़े हैं।

खुशियां बंटी हैं,गीत गुनगुनाये गए है,कविताएं पढ़ी गयी हैं।

आंसू भी बहाए गए मानो एक पूरा जीवन जिया है।

यहां, ये सब कुछ मुमकिन हुआ क्योंकि आपका प्यार था।

एक गर्म चाय ,सपनों सी सजीली दुनिया, और एक दिल छू लेने वाला अनुभव यही सब कुछ आज भी है।

बहुत शुक्रिया एक नए शहर में एक अलहदा सपने को संभालने और उसे परवाज़ देने के लिए।

यही मोहब्बत कायम रहे, आने वाले कई सालों के लिए।


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