मनरेगा के तहत कार्य करने वाले मजदूरों को जाति देख कर मजदूरी का भुगतान

द कोरस टीम

 

यह घोर अन्याय व प्रताड़ित करने वाली घटना है वह भी लाक डाउन के दौरान जिसमें जनता आर्थिक तंगी से जूझ रही है। 

यह कि पत्र क्रमांक 58 एमजीनरेगा / जपं / 2021 आरंग 6 मई के अनुसार जवाब प्राप्त हुआ है कि एक ही समय मे वर्ग वार FTO एक साथ कर दिया गया है और किसी भी परिस्थिति में अलग अलग FTO कर पाना संभव नहीं है।

सरकार ने अपनी सुविधा के अनुसार वर्ग वार भुगतान करने की योजना बनाई होगी जिससे कि अलग-अलग खातों के माध्यम से जनता को भुगतान किया जाना है, जिसके पश्चात लॉक डाउन के दौरान सभी वर्गों के खातों में एक साथ भुगतान होना था।

परंतु "अदर" वर्ग के भुगतान के 1 सप्ताह पश्चात एससी एसटी वर्ग का महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत मजदूरी भुगतान 6 मई तक नहीं हुआ है।

रायपुर जिला में स्थित सोनपैरी गाँव के गजेंद्र सिंह कोसले कहते हैं कि दोपहर 1:34 तक कार्यक्रम अधिकारी के द्वारा एसडीएम के माध्यम से यह जवाब मिला है यह सारा का सारा खेल केंद्र सरकार का है जिसने फूट डालो और शासन करो की नीति अपनाई है।

अधिकारी कह रहे हैं कि जाति भेदभाव नहीं किया जा रहा है। गवर्नमेंट के द्वारा यह कृत्य किया जा रहा है। मास्टर रोल को ओपन करके देख सकते हैं और 7 मई तक भी एससी एसटी के खाते में भुगतान प्रारंभ नहीं हुआ है।

इस पर कार्यक्रम अधिकारी अधिकारी जनपद पंचायत आरंग ने लिखा है कि महात्मा गांधी नरेगा योजनांतर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 से भारत सरकार की नरेगा वेबसाईट में मजदूरी भुगतान में नई व्यवस्था की है।

जिसके अंतर्गत भारत सरकार द्वारा वर्गवार (अनु.जाति, अनु.जन.जाति, अ.पि.वर्ग एवं सामान्य) बैंक में अलग-अलग खाते खोले जाकर मजदूरी भुगतान किया जा रहा है। इस कार्यालय द्वारा मजदूरी भुगतान हेतु एफ.टी.ओ. की कार्यवाही सभी प्रवर्ग का एक ही समय में अलग-अलग एफ. टी.ओ. के माध्यम से किया जा रहा है।

कार्यालय द्वारा मजदूरी भुगतान के संबंध में किसी भी प्रकार का जातिगत भेदभाव नहीं जा रहा है. किसी भी परिस्थिति में चाहकर भी एफ.टी.ओ. आगे या पिछे बनाया जाना संभव नहीं हैं। सवाल यह कि फिर यह जातिभेद कैसे?


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