शेर को पालना तो महंगा ही पड़ता है !....'
गिरीश मालवीयइन मूर्खो को यह नही मालूम कि पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों का असर हर उस वस्तु पर पड़ता है जो बाजार में बिकने के लिए आती है। आज चाहे राशन हो या सब्जी, रोजमर्रा की जरूरत का हर सामान धीरे-धीरे महंगा होता जा रहा है। कहीं पर ढुलाई तो कहीं कच्चे माल की महंगाई से सामानों के महंगे होने का रोना व्यापारी रो रहे हैं। महंगाई का पारा ज्यों-ज्यों चढ़ता जा रहा है त्यों-त्यों आम आदमी की जेब ढीली होती जा रही है।

सोशल मीडिया पर एक पोस्ट चल रही है... महंगा पेट्रोल महीने का 30 लीटर ×95/- = 2850/- का पड़ता है ओर सस्ता पेट्रोल महीने का 30 लीटर ×80/- = 2400/- का, तो (2850-2400= 450/-) क्या 450/- के लिए P.M. बदल दें?
इन मूर्खो को यह नही मालूम कि पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों का असर हर उस वस्तु पर पड़ता है जो बाजार में बिकने के लिए आती है। आज चाहे राशन हो या सब्जी, रोजमर्रा की जरूरत का हर सामान धीरे-धीरे महंगा होता जा रहा है। कहीं पर ढुलाई तो कहीं कच्चे माल की महंगाई से सामानों के महंगे होने का रोना व्यापारी रो रहे हैं। महंगाई का पारा ज्यों-ज्यों चढ़ता जा रहा है त्यों-त्यों आम आदमी की जेब ढीली होती जा रही है।
न सिर्फ पेट्रोल डीजल बल्कि रसोई गैस भी महंगी हुई है रसोई गैस के लगातार बढ़ते दामों ने लोगों की जेब पर सीधा असर डाला है। 9 माह में 190 रुपए महंगा होकर सिलेंडर 790 रुपए का हो चुका है। फरवरी में ही सिलेंडर के दाम 75 रुपए बढ़ चुके हैं। चार फरवरी को 25 और 14 फरवरी को 50 रुपए की बढ़ोतरी हुई थी।
पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की बेलगाम कीमतों ने घर की रसोई का पूरा बजट ही बिगाड़ दिया है। महंगाई की मार से मध्यमवर्गीय परिवार की कमर टूट गई है। महंगाई का बोझ आम आदमी पर किस कदर पड़ा है इसको केवल इससे समझा जा सकता है कि एक मध्यमवर्गीय परिवार पर 10 हजार रुपए से अधिक का खर्च का बोझ बढ़ गया है।
अगर खाद्य पदार्थों की महंगाई के ग्राफ को देखा जाए तो पिछले तीन महीने में घर की रसोई का खर्च ही 20 से 30 फीसदी तक बढ़ गया है, घी, सरसों के तेल, दाल व चाय आदि खाद्य पदार्थों के भी दाम काफी बढ़ चुके हैं। पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों का असर किचन पर भी हुआ है। रसोई में उपयोगी सोयाबीन का जो तेल चार महीने पहले 90 रुपए. लीटर था, वह 130 रुपए हो गया। हल्दी में भी 30 रुपए किलो तक का उछाल आया है।
जैसे-जैसे डीजल के दाम बढ़ते हैं, उसी अनुपात में माल भाड़ा भी बढ़ जाता है। इधर डीजल के दाम लगातार बढ़े हैं। इस वजह से माल भाड़ा 20 से 25 प्रतिशत तक बढ़ गया है
खंडवा से तेल का ट्रक 10,500 में महाराष्ट्र के पांढुर्ना जाता था, अब 12,500 लग रहे हैं। आटे का ट्रक 20 हजार में जाता था, अब 26 हजार लग रहे हैं। दिल्ली के ट्रक ऑपरेटर्स ने भी 2 से 3 रुपए प्रति क्विंटल भाड़ा बढ़ा दिया है। ऑटाे संचालक भी मार्च से डेढ़ गुना किराया बढ़ाने की तैयारी में हैं।
निजी बस ऑपरेटराें ने किराया 50 से 300 रुपए तक किराया बढ़ा दिया है। ऑटो पार्ट्स के दामों में 10 से 15 फीसदी तक की बढ़ोतरी होने जा रही है। खेती किसानी से जुड़ी हर चीज महंगी हो रही है, आगे और बुरी खबरे हमारा इंतजार कर रही है महंगाई से जूझ रहे देश के लोगों को जल्द ही बिजली के दामों का झटका लगने जा रहा है जल्द ही देश की विद्युत वितरण कम्पनिया प्राइवेट होने जा रही है इसलिए बिजली के दामो में वृद्धि की जा रही है।
यानी हर तरफ महंगाई की मार है ऐसे में ऐसे 'महंगा शेर पालने' वाले मेसेज पढ़कर इतना गुस्सा आता है कि बस...2014 में महंगाई की मार झेल रही जनता को मोदी ने महंगाई के मोर्चे पर अच्छे दिन लाने का भरोसा दिलाया था लेकिन हमें क्या मालूम था कि ये अच्छे दिन आम आदमी के जीवन के सबसे बुरे दिन साबित होंगे...
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