किसान नेता चौधरी अजीत सिंह के निधन पर शोक

द कोरस टीम

 

अपने पिता और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के विचारों को आगे ले जाते हुए अजीत सिंह ने इस किसान आंदोलन को भी खुले मन से समर्थन दिया था। 

वर्तमान किसान आंदोलन को कवर रहे सोशल मीडिया अकाउंट्स पर सरकार द्वारा लगातार हमला किया जा रहा है। पूर्व में किसान एकता मोर्चा के फेसबुक व इंस्टाग्राम पेज को बंद किया गया था। इसके बाद आंदोलन से संबंधित अन्य स्वतंत्र पेज को भी सस्पेंड किया गया था।

इंटरनेट बैन करके सरकार ने एक तरफा एजेंडा भी फैलाया। कल Amaanbali ट्विटर हैंडल को भारत सरकार के दबाव में सस्पेंड कर दिया गया। यह एकाउंट किसान मोर्चे में हो रहे शहीदों की जानकारी समेत किसान आंदोलन से जुड़ी हर छोटी बडी जानकारियां लोगो के साथ सांझा करता रहा है।

इस एकाउंट से कोरोना महामारी से संबंधित भी लोगों की मदद की जा रही है। किसान आंदोलन में लगातार लंगर और अन्य जरूरी सामान की सेवा करने वाले और कोरोना महामारी में आम लोगों की बढ़ चढ़कर मदद करने वाले सामाजिक कल्याण संगठन खालसा एड के प्रमुख रवि सिंह का फेसबुक अकाउंट भी सस्पेंड कर दिया है।

सयुंक्त किसान मोर्चा के अभिमन्यु कोहाड़, बलवीर सिंह राजेवाल, डॉ दर्शन पाल, गुरनाम सिंह चढूनी, हनन मौला, जगजीत सिंह डल्लेवाल, जोगिंदर सिंह उग्राहां, युद्धवीर सिंह, योगेंद्र यादव ने कहा कि सरकार की स्वतंत्र पत्रकारिता और सामाजिक कार्यकर्ताओं पर हमले की हम निंदा व विरोध करते है और इन एकाउंट्स को तुरंत एक्टिव करने की मांग करते है।

कटाई के सीजन के लगभग पूरा होते ही किसानों ने वापस दिल्ली मोर्चो पर पहुंचना शुरू कर दिया है। आज सिंघु बॉर्डर पर किसान अपनी ट्रैक्टर ट्रॉली में बड़ी संख्या में पहुँचे है। आने वाले दिनों में भी दिल्ली मोर्चो पर इकट्ठा होकर सरकार पर दबाव मनाया जाएगा।


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