बहुजन नेता अजय मेश्राम हार गये कोरोना से जंग

द कोरस टीम

 

अजय मेश्राम जी का जाना समाज के लिए अपूर्ण छति जिसकी भरपाई कभी नही की जा सकती। सामाजिक कार्यकर्ता रविता लकड़ा लिखती है कि  ये क्या दादा आपका जाना मेरे लिए ऐसी कमी जिसे कभी भी पूरी नही की जा सकती।

मेरे चुनाव के समय आपका सम्पूर्ण साथ आपकी गाइडलाइन यहाँ तक मेरे लिए आपके  गाए गीत कैसे जा सकते हो दादा कितनी अमिट यादें है, बड़े ही हक से आपको दादा कहती थी बहुत ही असहनीय है ये दर्द कैसे खुद को संभाले और कब तक बहुत तकलीफ़ हो रही है।

आकस्मिक निधन कोरोना के कारण हो गया है। बौद्ध कल्याण समिति राजनांदगांव एवं सम्यक विचार मंच के हम सभी साथी अत्यंत मर्महान्त है। हम कामना करतें हैं मृतक के चित्त को सद्गति मिले और उनके परिवार को दुख की इसे घड़ी को सहन करने की हिम्मत मिले ।   उनके प्रति हम अपनी भावपूर्ण,  विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।।

इनके द्वारा किये जा रहे कार्यों से एक उम्मीद जगी थी की वास्तव में अब युवा कार्यकर्ताओं की नयी फौज जो विषमतावादी विचारधाराओं को तहस नहस  कर आने वाले कल में हर क्षेत्र में अपनी धाक अवश्य जायेगा। 

जिसकी वजह से आने वाले कल में हमारे बच्चे  जातिगत अन्याय अत्याचारों से अवश्य ही सुरक्षित होंगे किन्तु अफसोस की अब यह सिर्फ कल्पनाओं में ही बात रह जायेंगी। 

राजू बरमाटे ने लिखा है कि आदरणीय अजय मेश्राम जी का जाना समाज के लिए अपूर्ण छति जिसकी भरपाई कभी नही की जा सकती। 

महेंद्र बंसोड़ लिखते हैं कि यह खबर सुनकर बहुत ही बुरा लगा।समाजिक कार्यो में अपनी सक्रिय भूमिका निभाकर बहुजन समाज को जागरुक करने वाले "अजय मेश्राम जी" को प्रबुद्ध सर्वोदय मंडल स्टेशनपारा अपनी भावभीनी आदरांजली अर्पित करता है।

संजय बोरकर लिखते हैं कि यह समाचार मुझे आघात पहूँचाने वाली है भविष्य में राजनेता के रूप में उभरता सितारा हमें छोड़ चला गया एक कर्मठ यौद्धा जिनके नेतृत्व का ना मिलना हमें कमजोर करेगा।

वरिष्ठ नेता एम बी अनोखे लिखते हैं कि दुखद समाचार। अजय मेश्राम, मोतीपुर राजनांदगांव छ.ग. वाले  वामन मेश्राम -बामसेफ के फुलटाइम प्रचारक, एक कर्मठ - जुझारू कार्यकर्ता साथी, कोरोना के कारण हमारे बीच नहीं रहे।

हमारे प्रत्येक धरना प्रदर्शन - आंदोलनो और सभी सामाजिक - धाम्मिक कार्यक्रमों में सहभागिता देते थे। मैं व्यक्तिगत रुप से मेश्राम जी के जुझारूपन से प्रभावित हूँ। अम्बेडकरवादी विचारधारा की बहुत बड़ी क्षति है। 

प्रभाकर ग्वाल लिखते हैं कि हमारे बीच अजय मेश्राम नहीं रहे। संगठन के लिए कार्य करने में हमेशा समर्पित रहे। एक सप्ताह में एक विधानसभा क्षेत्र के 500 लोगों को विश्वास में ले लेते थे। बहुत दूरदर्शी रहे।

जब हम लोग 2016'7 में मिले तो आज की परिस्थितियां हमको पहले ही बता दिए थे। लेकिन आरएसएस, भाजपा, कांग्रेस को लोग छोड़ने के लिए तैयार नहीं हुए।

आज परिस्थिति को रोकने के लिए आम आदमी पार्टी रहकर इस विश्वास से शायद सब यही पार्टी ठीक करेगी, कहकर जुड़े थे। (दिल्ली के बाहर आम आदमी पार्टी के विस्तार जानबूझकर नहीं होने देना वो जानते थे)।

छत्तीसगढ़ में रणनीतिक भूल को लेकर छत्तीसगढ़ प्रभारी गोपाल राय जी से भी भयंकर कहा सुनी हो गयी।

अन्यों के साथ जानते हुए भी अपने जीवन ही खो दिए। जो जीवित बचे आरएसएस, भाजपा, कांग्रेस को छोड़कर अच्छे लोग इस धरती में प्राकृतिक व सामाजिक लोकतंत्र के साथ ही रहेंगे ।


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  • 02/05/2021 संजय बोरकर

    अजय मेश्राम के असमय मृत्यु से मैं निशब्द हु, क्या कहूँ, अजय आम इंसान नही था वो योद्धा था।आज जबकि लोग मिसन के काम से फोन करो तो ऐसे ऐसे बहाने करते है कि शर्म महसूस होने लगती है।खुद फोन करो तो कॉल नही उठाएंगे और खुद कॉल बेक भी नही करेंगे ऐसे में अजय जैसे लोग याद आते है जो आठो पहर समाज के लिए सदैव तत्पर और तैयार रहते है।हमारी भविष्य की सारी योजनाओं को तुम अधर में छोड़कर गए हो अजय, मैं तुम्हे माफ नही कर सकता।तुममे जो जुनून अपने समाज के लिए मैंने देखा वो वास्तविक था, औरों की तरह बनावटी बिल्कुल नहीं था।अगर हो सके तो लौट आओ अजय, इस समाज को और मिशन को तुम्हारी जरूरत है।तुम्हें श्रद्धांजलि कैसे दु तुम बहुत सारे काम अधूरे छोड़कर गए हो

    Reply on 03/05/2021
    संजय बोरकर