सैकड़ों मृत शासकीय शिक्षकों को जिले में होना पड़ा है अधिकारों से वंचित
बीमा कवरेज व तृतीय श्रेणी में अनुकंपा नियुक्ति के आदेश नहीं होने से टीचर्स एसोसिएशन में आक्रोश
द कोरस टीमछत्तीसगढ टीचर्स एसोसिएशन ने बताया कि जिले में कोरोना संक्रमण रोकथाम में लगे लगभग 24 शिक्षक (एल.बी.) संवर्गों की मृत्यु के बावजूद भी विभाग के अधिकारियों ने पीडित परिजनों की सुध नहीं लेने, बीमा कवरेज, तृतीय श्रेणी में अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान नहीं होने पर आक्रोश व्यक्त करते हुए शासन से अविलंब परिजनों को पात्रतानुसार लाभ दिये जाने की मांग की है।

अस्पताल, श्मशान घाट वैक्शीनेसन, सेम्पल लेने,रेल्वे स्टेशन, बस स्टैंड, कोविड सेंटर,कोरेनटाईन सेंटर,टेस्टिंग में ड्यूटी लगने के बावजूद शासन ने शिक्षकों को फ्रंटलाईन वर्कर्स नहीं माना जाना दुर्भाग्य जनक स्थिति है। लेकिन जब भी शिक्षक हितों की बात होती है जो शासन,प्रशासन में बैठे जिम्मेदार लोग मुंह फेर लेते है।फिर भी शिक्षक कभी अपनी जिम्मेदारियों से पीछे नहीं हटे है, निरंतर शासन,प्रशासन के निर्देश का पालन कर ही रहें है।
शक्षक कर रहें हैं जोखिम भरा ड्यूटी
प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा,प्रदेश उपाध्यक्ष व संभाग प्रभारी विनोद गुप्ता, जिला अध्यक्ष गोपी वर्मा, जिला सचिव जीवन वर्मा, जिला कोषाध्यक्ष हंस मेश्राम, जिला प्रवक्ता देवेन्द्र साहू व मिडिया प्रभारी मनोज वर्मावर्तमान हालातों में जिले की बात की जाए तो शिक्षक एल.बी. सहित लगभग 50 से अधिक शिक्षक कोरोना ड्यूटी से व संक्रमण से असामयिक मृत्यु हो चुकी है, लेकिन उन्हें 50 लाख बीमा कवर के दायरे में नहीं लाया गया है तथा उन्हें कोरोना वारियर्स का दर्जा नहीं दिया गया है।
इससे शिक्षकों में भारी रोष व्याप्त है
छत्तीसगढ टीचर्स एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष गोपी वर्मा ने बताया कि जिले में जुलाई 2018 से मृत शिक्षक एल.बी. संवर्ग को दी जाने वाली सुविधा ग्रेज्युटी, अवकाश नगदीकरण , सी.पी.एस राशि व तृतीय वर्ग में अनुकंपा नियुक्ति आज तक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने नहीं दिया है। जिसे संघ के माध्यम से पूर्व में बार-बार अधिकारियों के संज्ञान में ध्यान आकृष्ट कराया गया परंतु अधिकारियों के द्वारा उदासिनता बरती जा रही है, और पीडित परिवार को आज पर्यंत तक लाभ नहीं दिया गया है।
इसलिए जनप्रतिनिधियों को भी कर्मचारियों की सुध लेते हुए परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए तत्काल उनके परिजनों को अविलंब निराकरण पात्रतानुसार लाभ दिये जाने की मांग संघ ने की है।
संचालक कोष, लेखा एवं पेंशन ने सभी कोषालय अधिकारी को कोरोना महामारी के मद्देनजर लाॅकडाउन होने के कारण तथा संक्रमण की स्थिति को देखते हुए अप्रैल और मई का वेतन online Finalise करने का निर्देश देते हुए सभी ट्रेजरी अधिकारियों को इस तरह से प्राप्त देयकों को पारित कर तत्काल संबंधित कर्मचारियों के खाते में वेतन जमा करने का निर्देश जारी किया गया है।
छत्तीसगढ टीचर्स एसोसिएशन ने संचालक कोष, लेखा एवं पेंशन के आदेश का स्वागत करते हुए इसे कर्मचारी कर्मचारी हितैषी बताया है।
जनप्रतिनिधी भी मृत कर्मचारियों की सुध छछत्तीसगढ टीचर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी प्रदेश महासचिव शैलेन्द्र यदु, बाबूलाल लाडे, प्रांतीय संगठन मंत्री राकेश तिवारी, जिला पदाधिकारीगण शरद शुक्ला,ब्रिजेश वर्मा, चंद्रिका यादव, रूपेन्द्र नंदे, भागवत पडौटी, बलदाउ जंघेल, सुनील वर्मा, महेश उईके, आदित्य तिवारी, पंचशीला सहारे, राजकुमारी जैन, ललिता कन्नोजै, शिवकुमार वर्मा, श्रवण यदु, सुकालू वर्मा, दानेश्वर लिल्हारे, राजकुमारी जैन, राजेश साहू, संदीप साहू,संदीप वर्मा, सुरेन्द्र सांडे, उर्मिला वाडेकर, कमलेश्वर देवांगन, किशन देशमुख, ब्लाॅक अध्यक्षगण संजय राजपूत, अनुराग सिंह, दिनेश कुरेटी, गिरीश हिरवानी, श्रीहरि, जितेन्द्र पटेल, निर्मला कसारे, अनिल शर्मा, मनीष पशीने ने कहा कि कोरोना काल में शिक्षकों की असामयिक मृत्यु कोरोना संक्रमण के चलते हुआ है।
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