लॉकडाउन फिर बढ़ा, निजी अस्पताल को अधिक रेमडीसिविर इंजेक्शन दिये जाने का आरोप

द कोरस टीम

 

प्रदेश में लॉकडाउन को फिर बढ़ा दिया गया है. 9 अप्रैल से लॉकडाउन किए गए हैं जिसमें एक बार बढ़ा चुके ये दूसरा बार है. ये अब 6 मई तक रहेगा. कोरोना संक्रमितों की बढ़ते संख्या को देखते  हुए ये निणय लिए गए हैं.

जनता कोरोना से ज्यादा लॉकडाउन से हलाकान है, परेशान हैं. कोरोना से ज्यादा लॉकडाउन से मर रहे हैं. लोगों के पास खाने के लिए नहीं है, भूख से मर रहें है. पूरा काम बंद कर के लोग बेरोजगर हो गए. मेडिकल, हॉस्पिटल के खर्चे इतने है कि आम लोगों को जीने का अधिकार नहीं हैं, ऐसे हालत पैदा कर दिए है.

सरकार क्या आम जनता मजदूर के लिए खाने-पीने, मेडिकल, शिक्षा मूलभूत आवश्यकताओं के लिए कोई कदम उठाई है, जिससे लॉकडाउन कर दिए. एक महीना लोग कैसे जियेंगे आपने कभी सोचा है.

मनोवैज्ञानिक टिकेश कुमार का कहना है कि कोरोना के नाम पर काला बाजारी,जमाखोरी चल रही है. इतनी मंहगाई में लोग कैसे लॉकडाउन का सामना करेंगे. ये सोचने वाली बात है.

निजी अस्पताल को 288 नग रेमडीसिविर इंजेक्शन कलेक्टर से शिकायत

राजनांदगाँव जिले में जहां एक तरफ रेमडीसिविर इंजेक्शन के लिए मारामारी चल रही है और कोविड मरीज को इंजेक्शन पाने और लगाने के लिए एड़ी चोटी का सहारा लेना पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर सुंदरा स्थित निजी अस्पताल को प्रशासन की मनाही के बाद भी 288 नग रेमडीसिविर देने से इंजेक्शन की कालाबाजारी किए के आरोप लगने लगे हैं.

निरीक्षक ने विधायक दलेश्वर साह की शिकायत को आधार बनाते हुए सुंदरा मल्टीस्पैसलिटी हॉस्पिटल को एक नोटिस जारी किया है जिसमें कहा गया है निर्देशों के अनुरूप 24 अप्रैल तक हस्पिटल द्वारा जितना रेमडीसिविर विक्रय किया गया है, दस्तावेजों की सत्यापित प्रति उपलब्ध कराए.

महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया कि रेमडीसिविर इंजेक्शन का वितरण निजी हाथों में देने की बजाए स्वास्थ्य विभाग द्वारा किया जाएगा. दो दिन तक इस निर्णय को अमल में लाया भी गया, लेकिन तीसरे दिन ही निर्णय को धता बता दिया गया. तीसरे दिन ही सुंदरा निजी अस्पताल को 288 रेमडीसिविर इंजेक्शन उस समय दे दिए गए जब एक एक रेमडीसिविर इलेक्शन के लिए मरीज तड़प रहे है कई जाने जा चुकी है, लेकिन गंभीर रूप से भर्ती मरीजों को इंजेक्शन देने की बजाए एक साथ 288 रेमडीसिविर इंजेक्शन एक निजी अस्पताल को कैसे दे दिया गया.

डोंगरगांव के विधायक दलेश्वर साहू ने सुंदरा के निजी अस्पताल को 288 नग रेमडीसिविर इंजेक्शन दिए जाने पर कलेक्टर से अपनी कड़ी नाराजगी जाहिर की. गरीब मरीजों को जहां एक इंजेक्शन भी नहीं मिल पा रहा है और उनकी मौत हो रही है. ऐसी विषम परिस्थिति में 288 रेडीसिविर इंजेक्शन दिया जाना क्या उचित है, साहू ने कालाबाजारी किए जाने का आरोप लगाया है.

अब एक बार फिर से सरकारी अस्पतालों को इंजेक्शन दिए जाने की बजाए सीधे निजी अस्पताल की इंजेक्शन दिए जाने पर विधायक ने फिर सवाल खड़े किए हैं. दलेश्वर साहू ने कहा कि  इंजेक्शन की कालाबजारी को लेकर जांच के साथ ही दोषी के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए, साहू ने बताया कि दो दिन पहले उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बर्षल से इस संबंध में बात की है. यही हाल रहा तो मुख्यमंत्री से दोबारा बात करेंगे.

जरूरतमंदो  के लिये उपयोग करें

कलेक्टर टीके वर्मा का कहना है कि रेमडीसिविर इंजेक्शन का उपयोग जरूरतमंद मरीजों में ही करें, शासन द्वारा मरीजों की सुविधा के लिए ही रेमडीसिविर इंजेक्शन की भरपूर व्यवस्था की जा रही है,

सुदरा मल्टी हॉस्पिटल के नेमीचंद जैन का कहना है कि 288 रेमडीस इजेशन उपलब्ध कराए गए हैं, जिसका उपयोग भती मरीजों में ही किया जा रहा है. इसकी कालाबजारी नहीं की जा रही है.

खाद्य एवं औषधि विभाग के उप संचालक संजय नार का कहना है कि जो भी अस्पताल रेमडीसिविर इंजेक्शन की व्यवस्था कर रही है, उसका उपयोग अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए ही होना चाहिए कालाबाजारी नहीं किया जाये. उन्होंने यह भी कहा कि कम्पनी से अस्पताल प्रबंधन ने पूर्व में ही रेमडीसिविर इंजेक्शन की सप्लाई के लिए अनुबंध किया था, जिसकी आपूर्ति की गई है.


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