आज लेनिन का जन्मदिवस है

द कोरस टीम

 

आज मज़दूर वर्ग के नेता, शिक्षक व दुनिया के एक महान क्रांतिकारी लेनिन का जन्मदिवस है। लेनिन का जन्म 22 अप्रैल 1870 को रूस के एक छोटे से कस्बे में हुआ था।

उन दिनों रूस में ज़ारशाही का निरंकुश शासन था, मज़दूर तथा किसान आबादी भयंकर शोषण और उत्पीड़न का शिकार थी। दूसरी ओर, पूँजीपति, जागीरदार और ज़ारशाही के अफसर ऐय्याशीभरी ज़िन्दगी बिताते थे।

जब लेनिन 13 वर्ष के थे तभी उनके बड़े भाई को जार की हत्या के प्रयास के जुर्म में फाँसी पर लटका दिया गया था, उनकी बहन को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया था।

इन घटनाओं ने उनके दिलो-दिमाग़ पर गहरा असर डाला और निरंकुश ज़ारशाही के प्रति उनके मन में गहरी नफ़रत हो गई। विद्यार्थी जीवन से ही लेनिन छात्रों के विरोध प्रदर्शनों में हिस्सा लेने लगे थे।

साथ ही वे मार्क्स-एंगेल्स, प्लेखानोव आदि की रचनाएँ भी पढ़ा करते थे। उन्होंने मजदूरों के अध्ययन मण्डलों में हिस्सा लेना शुरू किया तथा इसी तरह के कई और अध्ययन मण्डलों की स्थापना की।

बाद में उन सभी को संगठित कर एक मज़दूर पार्टी की बुनियाद रखी तथा रूस की परिस्थितियों के अनुसार क्रांति के सिद्धांत को गढ़ा।

और अपने उस सिद्धांत को लेनिन ने अक्टूबर क्रांति के ज़रिए साकार कर दिखाया। लेनिन के नेतृत्व में रूस के मजदूर-मेहनतकशों ने 1917 में दुनिया की पहली सफल मज़दूर क्रांति को अंजाम दिया।

क्रांति के बाद रूस में समाजवादी शासन अर्थात गरीब किसानों व मज़दूर-मेहनतकशों के राज की स्थापना हुई।

आज लेनिन दुनियाभर के संघर्षरत मेहनतकशों व क्रांतिकारियों के लिए प्रेरणास्रोत व मार्गदर्शक हैं। दुनियाभर के पूँजीपति और पूँजीवादी सरकारें आज भी लेनिन के नाम से खौफ खाती हैं। 

स्तालिन की सफलता का अनुमान इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि दुनिया के अधिकतर मार्क्सवादी कार्यकर्त्ता और नेता मार्क्सवाद को लेनिनवाद के बिना अपूर्ण समझते हैं। दरअसल, लेनिनवाद मार्क्सवाद में कुछ नयी बातें जोड़ता है।

पहली बात तो यह है कि वह केवल सर्वहारा पर निर्भर रहने के बजाय क्रांतिकारी मेहनतकशों यानी मज़दूरों और किसानों के गठजोड़ की मुख्य शक्ति के रूप में शिनाख्त करता है। 


Add Comment

Enter your full name
We'll never share your number with anyone else.
We'll never share your email with anyone else.
Write your comment

Your Comment