आजमगढ़ में पंचायत चुनावों के दौरान हिंसक घटनाओं में पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं कर रही है


 

सामाजिक कार्यकर्ता विनोद यादव और अजय तोरिया ने बताया कि आजमगढ़ के मीर अहमदपुर थाना दीदारगंज के बाबू राम यादव ने कहा कि चुनावी रंजिश को लेकर राम अजोर यादव, सुभाष यादव, विभाष यादव, अशोक यादव, प्रकाश यादव गुंडा मनबढ़ लोग 19 अप्रैल 2021 को साढ़े दस बजे के करीब उनके घर में घुसकर उनके पुत्र प्रधान पद के प्रत्याशी संदीप यादव को गाली गलौज देते हुए बुरी तरीके से हाथों, मुक्कों, लात-घूसा से मारे पीटे हैं व धारदार लोहे की वस्तु से हमला किए हैं।

शोर मचाने पर विपक्षीगण जान से मारने की धमकी देकर भाग गए। घटना के दौरान संदीप मौके पर बेहोश हो गया था। संदीप के सिर व बाएं हाथ में गंभीर चोटें भी आईं हैं।

इस मामले में ग्रामीणों से बातचीत में मालूम चला कि शांतिभंग की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर हिंसा करने वाले दोषियों को बचाया जा रहा है। जबकि यह जानलेवा हमला था।

रिहाई मंच के राजीव यादव ने पंचायत चुनावों के दौरान हुई हिंसक घटनाओं में पुलिस द्वारा पीड़ितों का एफआईआर दर्ज करने में हीला हवाली पर सवाल उठाते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

आजमगढ़ के मंगरावां रायपुर के सरफराज कमर मसूद खान इंटर कालेज पर बूथ एजेंट थे।

फर्जी वोट पोलिंग रोकने पर गांव के दबंग मोहम्मद हासिम, सउद, नासिर, अब्दुल कलाम ने बुरी तरह मरा पीटा और असलहा दिखाकर जान से मारने की धमकी और ईंट-पत्थर से मारकर भाग गए।

मंगरावां के ही शहबाज कमर ने कहा कि ज बवह अपने घर कार से जा रहे थे, उसी समय रास्ते में हमलवारों ने हमला कर दिया और कार को बुरी तरह से तोड़ दिया। जान मारने की नियत से बुरी तरह से मारा-पीटा।

मंगरावां की दलित महिला सोमारी ने भी प्रार्थना पत्र में कहा है कि रास्ते में रोकर जाति सूचक गालियां दी। उनके खिलाफ वोट करने पर जान से मारने की धमकी दी। इसी तरह गुड्डी, आशा, परमशीला और अन्य ने भी शिकायत की है।


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