चरणदास चोर अर्थात दीपक तिवारी ने ली कला से अंतिम विदाई

द कोरस टीम

 

जीवेश प्रभाकर लिखते हैं कि मशहूर अदाकार दीपक तिवारी बेहतरीन अदाकार और हबीब तनवीर के नया थिएटर से लंबे समय तक जुड़े  कलाकार दीपक तिवारी का निधन हो गया। उन्हें नया थिएटर के नाटक चरणदास चोर के रूप में व्यापक ख्याति मिली।  दीपक संगीत नाटक अकादमी सम्मान से सम्मानित देश के नामचीन कलाकारों में एक रहे। 

पत्रकार प्रशांत सहारे लिखते हैं कि प्रसिद्ध रंगकर्मी  विराट  के निधन से स्तब्ध हूं। हमारे विश्वविद्यालय में नाट्य विभाग में शोधार्थी आनंद पाण्डे के निर्देशन में हुये नाटक ‘बहादुर कलारिन मंचन’ के दौरान मिलना हुआ था। हमने एक अदद कलाकार खो दिया। हबीब तनवीर के नाटक चोर चरण दास के मुख्य किरदार निभाने वाले कलाकार थे।

नाट्यकार सिग्मा चौधरी कहती है कि नया थिएटर और हबीब तनवीर के अद्भुत चरणदास चोर को अंतिम सलाम। आपने इस धरती को अपने फन से समृद्ध किया है। हमें गर्व है कि हमारा बचपन हबीब तनवीर दादाजी और दीपक चाचा जैसी महान विभूतियों की गोद में बीता।

वह कहती है कि चरणदास चोर का आखिरी दृश्य था। रानी चरणदास की हत्या करवाने का आदेश दे देती है। रानी थीं पूनम तिवारी और चरणदास चोर थे दीपक तिवारी। यह नाटक अंतिम दृश्य था। 

6-7 साल की बच्ची मैं बैकस्टेज पर खड़ी यह दृश्य देख रही थी, दर्शक हों या बैकस्टेज टीम, सब रुआंसे थे। उस दृश्य को देखकर किसी के भी रोंगटे खड़े हो जाएं। दृश्य समाप्त होते ही पूनम चाची खूब जोर जोर से रोते हुए बैकस्टेज आईं और दीपक चाचा के गले लग देर तक रोती रहीं।

वे कहती रहीं कि अइसने कभू झन होए दीपक, में तोला अपन आँखि के आगे कोनो बेर नाइ जान दुहु। बैकस्टेज में घटी वह घटना आज बार बार आँखों के सामने कौंध रही है। हाल ही में पूनम चाची ने अपने बेटे सूरज भैया को भी खोया था।

विनोद मिश्र लिखते हैं कि पिछले वर्ष 2020 में ही ‘बहुमत’ ने लोक कला के प्रति प्रदीर्घ समर्पण के लिए किया था। बहुमत सम्मान से सम्मानित रंगकर्मी दम्पति पूनम एवं दीपक तिवारी विराट को संयुक्त रूप से 13 जनवरी 2020 को भिलाई में आयोजित एक गरिमामय समारोह में कला, साहित्य और संस्कृति की पत्रिका ‘बहुमत’ द्वारा 18 वें  रामचन्द्र देशमुख बहुमत सम्मान से सम्मानित किया गया था।

रंगकर्म और लोकनाट्य के प्रति चार दशकों की एकाग्र, प्रदीर्घ एवं संघर्षशील कला-यात्रा  के दौरान 26 अक्तूबर 2019 को युवा संगीतकार पुत्र  सूरज तिवारी का असामयिक निधन पर पूनम ने चोला माटी के हे राम, एखर का भरोसा गीत गाकर बेटे को दी थी अन्तिम बिदाई दी थी।

हबीब तनवीर के निर्देशन में चरणदास चोर, मिट्टी की गाड़ी, मोर नाव दमाद गांव के नाव ससुराल, आगरा बाजार, हिरमा की अमर कहानी, बहादुर कलारिन, लाला शोहरत राय, सोन सागर, मंगलू दीदी, सूत्रधार, देख रहे हैं नैन, कामदेव का अपना बसंत ऋतु का सपना, मुद्राराक्षस, सडक़, शाजापुर की शान्तिबाई, जमादारिन आदि अनेक नाटको में अविस्मरणीय अभिनय।

उन्होंने देश-विदेश के अनेक नाट्य समारोहों में अपने अभिनय की छाप छोड़ी। वर्ष 2017 के संगीत नाटक अकादमी सम्मान से राष्ट्रपति महोदय ने फरवरी 2019 मे किया था सम्मानित।

आपको बता दें कि दीपक 1980-90 के दशक में  हबीब तनवीर के गु्रप नया थियेटर का हिस्सा बने थे। यहां उन्होंने चरणदास चोर, लाला शोहरत राय, मिटटी की गाड़ी, आगरा बाजार, कामदेव का अपना बसंत ऋतु का सपना, देख रहे हैं नैन, लाहौर नहीं देखा और हिरमा की अमर कहानी जैसे नाटकों का सफल मंचन किया था। 


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