छत्तीसगढ़ के शहीदों की मिट्टी दिल्ली किसान आंदोलन के शहीदों की जमीं से आ मिली
दिल्ली सीमाओं पर शहीद किसानों की स्मारक के लिए छत्तीसगढ़ के शहीदी मिट्टी लेकर किसान पहुँचे सिंघु बॉर्डर। केन्द्र सरकार द्वारा कथित कृषि सुधार के नाम पर पारित कॉरपोरेट परस्त व किसान, कृषि और आम उपभोक्ता विरोधी कानून को वापस लेने, न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी कानून लागू करने, बिजली संशोधन बिल 2020 रद्द करने आवाज उठाई।

प्रदूषण नियंत्रण कानून 2020 में किसान विरोधी कॉलम को निरस्त करने की मांग को लेकर दिल्ली सीमाओं सिंघु, टीकरी, शाहजहांपुर, गाजीपुर और पलवल में किसान आंदोलन जारी है। आंदोलन को चार महीना बीत चुका है और सवा तीन सौ के करीब किसानों ने अब तक अपनी कुर्बानी दी चुके हैं।
छत्तीसगढ़ से 06 अप्रैल को तेजराम विद्रोही, रतन गोंडाने, रेखा गोंडाने, सरस्वती गोंडाने और मूलचंद साहू की टोली मिट्टी लेकर सिंघु बॉर्डर पहुंचे। जहाँ पर मुख्य मंच से किसान नेता हनन मोला ने साफा पहनाकर मिट्टी सत्याग्रहियों का स्वागत किया।
मुख्य मंच से सभा को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के सचिव और छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संचालक मंडल सदस्य तेजराम विद्रोही ने कहा कि किसान आंदोलन माँगे पूरी होने तक जारी है और इस आंदोलन में शहीद हुए किसानों को आने वाली पीढ़ी याद रखे इसके लिए 30 मार्च से देशभर में मिट्टी सत्याग्रह का आयोजन किया गया जिसकी शुरुआत गुजरात के दांडी से हुआ है था और समापन 6 अप्रैल को सिंघु बॉर्डर में हुई।
जहाँ 23 राज्यों से शहीदी मिट्टी लेकर सत्याग्रही पहुचे। 23 राज्यों से आये मिट्टी ने यह साबित कर दिया है कि देश के किसान अपनी जमीन, अनाज, जल जंगल जमीन और प्राकृतिक संसाधनों को कॉरपोरेट घरानों के हाथों में जाने नहीं देंगे। इस मिट्टी के साथ गाँव, जिला और राज्य के किसान, मजदूर, आम उपभोक्ताओं ने किसान आंदोलन में अपनी सम्मान और एकता की संदेश भेजी है।
यहां की मिट्टी है शामिल
1857 अनाज आंदोलन शहीद वीर नारायण सिंह के जन्मभूमि सोनाखान,
1910 भूमकाल आंदोलन की भूमि नेतानार बस्तर
1920 नहर सत्याग्रह कंडेल,जिला धमतरी की मिट्टी
1930 जंगल सत्याग्रह की भूमि तमोरा, जिला महासमुन्द
1977 में अनसुइया बाई व 11 शहीद
1991 शहीद शंकर गुहा नियोगी की शहादत भूमि दल्ली राजहरा जिला बालोद
1990 शहीद रमेश परिडा के शहादत भूमि अभनपुर, जिला रायपुर
1990 में शहीद दरशराम साहू व डॉ पूर्णेन्दु घोष के शहादत भूमि लाल खदान जिला बिलासपुर की मिट्टी
शहीद किसानों के स्मारक में शामिल होगी।
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