जिला में रात्रि कर्फ्यू, कलेक्टर द्वारा कई कड़े आदेश जारी

द कोरस टीम

 

जो भी व्यक्ति इसका उल्लंघन करेगा उसके विरूद्ध महामारी नियंत्रण अधिनियम में निहित प्रावधानों के तहत कठोर कार्यवाही की जावेगी। 

राज्य शासन एवं भारत सरकार द्वारा जारी गाईडर्लान अनुसार कोरोना वायरस (कोविड 19) नियंत्रण के संबंध में पूर्व मे लागू अधिकांश प्रतिबंधों में समय-समय पर सशर्त छूट प्रदान की गई थी।

उपरोक्त आंशिक प्रतिबंधों की समीक्षा की गई, जिसमें वर्तमान में कोरोना वायरस पॉजिटिव प्रकरणों की संख्या में लगातार वृद्धि होने फलस्वरूप तथा जिला प्रशासन के प्रत्येक स्तर पर पूर्व में अधिरोपित प्रतिबंधों/शर्तों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया है।

कलेक्टर कार्यालय के आदेश कमांक 2589/ अ.जि.दं. /एस.डब्ल्यू/2021, दिनांक 25.03.2021 द्वारा सम्पूर्ण राजनांदगांव जिला अंतर्गत दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 प्रभावशील की गई है।

प्रतिबंधों में होम आईसोलोशन का कठोरता से पालन कराया जाये। जो भी व्यक्ति होम आइसोलेशन में हैं, यदि उसके द्वारा होम आईसोलोशन हेतु निर्धारित नियमों/मापदण्डों का उल्लंघन किया जाता है, जो उसे होम आइसोलेशन से हटाकर कोविड केयर सेन्टर में तत्काल भर्ती कराया जायेगा। 

जिले में अत्यावश्यक कार्य से ही लोग घर से बाहर निकलेंगे, अनावश्यक रूप से घूमना प्रतिबंधित रहेगा। जो भी व्यक्ति इसका उल्लंघन करेगा उसके विरूद्ध महामारी नियंत्रण अधिनियम में निहित प्रावधानों के तहत कठोर कार्यवाही की जावेगी। 

प्रत्येक व्यक्तियों के लिए मास्क पहना अनिवार्य होगा जो व्यक्ति मास्क के बिना घूमते पाया जाए, उसके विरूद्ध शासन द्वारा निर्धारित जुर्माना की राशि 500 रुपये से दंडित किया जावेगा।

रात्रि 9 से सुबह 6 बजे तक रात्रि कर्फ्यू लगाया गया है। रात 9 बजे के बाद किसी भी व्यक्ति को दुकान खोलने की अनुमति नहीं होगी रात्रि 9 बजे के बाद दुकान खुला पाये जाने पर दुकानदार के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जावेगी।

रेस्टोरेंट, खाने का होटल, टिफीन सेवा संबंधी होटल रात 10 बजे तक ही खुले रहेंगे। इसके पश्चात् खुला पाये जाने पर वैधानिक कार्यवाही की जायेगी। 

अस्पताल, दवाई दुकान एवं पेट्रोल पंप उपरोक्त प्रतिबंधों से मुक्त रहेंगे। उपर्युक्त आदेश के उल्लंघन करने वाले व्यक्ति/प्रतिष्ठान भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 188 सहपठित आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 से 60 एवं महामारी नियंत्रण अधिनियम 1897 की धारा 3 के तहत दण्डनीय होंगे।

 


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