शानदार : मिताली राज के 10 हजार रन !
पीयूष कुमारभारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान 38 वर्षीय मिताली राज ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपने 10 हजार रन पूरे कर लिए हैं। उन्होंने कल यह इतिहास लखनऊ में खेले जा रहे साउथ अफ्रीका के खिलाफ तीसरे वनडे में रचा है। जोधपुर की मिताली इंटरनेशनल क्रिकेट में 10 हजार रन पूरे करने वाली भारत की पहली और विश्व की दूसरी महिला क्रिकेटर हैं।

इससे पहले इंग्लैंड की पूर्व कप्तान चार्लोट एडवर्ड्स 10 हजार रन बना चुकी हैं। मिताली राज ने वनडे क्रिकेट में 6 हजार 974 रन, टी-20 में 2 हजार 364 रन और टेस्ट मैचों में 663 रन बनाए हैं।
वे अपने करियर में अब तक 75 अर्धशतक और 8 शतक भी लगा चुकी हैं। इस शानदार उपलब्धि पर मिताली राज को बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं।
बात जरा आगे ले चलते हैं। मिताली की यह बड़ी उपलब्धि चर्चाओं में कितनी जगह पा सकी है यह गौर करके देखिये, कम ही दिखेगी।
याद कीजिये, जब सुनील गावस्कर ने 10 हजार रन किये थे तो दुनिया तब तक मिसाल देती रही जब तक उनका रिकार्ड न टूट गया था। सुनील महान हो चुके थे।
ऐसा मिताली के साथ होता नहीं दिख रहा। इधर कल ही साहित्यकार अनामिका जी हिंदी की साहित्य अकादमी पुरस्कार पानेवाली 'पहली महिला साहित्यकार' बनीं।
वे डिजर्व भी करती हैं जिसके लिए उन्हें बहुत बधाई। पर 66 सालों तक अकादमी को कोई महिला साहित्यकार सम्मान के योग्य नहीं मिली, यह विचित्र लगता है।
यह तो हुआ स्त्री पक्ष, अन्य वर्गीकरणों के लिहाज से देखेंगे तो तमाम संस्थाओं में लोकतांत्रिक, समाजवादी और समतामूलक समझ कुछ कम ही नजर आती है।
अखबारों और न्यूज लिंक में हम देखते हैं कि सिर्फ ग्लैमरस व्यक्तित्व ही सेलिब्रिटी हैं या कुछेक राजनीतिक व्यक्तित्व। इधर लोगों की दिमागी कंडीशनिंग भी वैसी ही है जिसे मीडिया और कसकर जकड़ रहा है।
स्त्री के अवसर, मुखरता और ताकत में भले बहुत फर्क पड़ा है पर उसे लेकर समाज की मूल पुरुष सत्तात्मक भावना जस की तस दिखाई देती है।
जाने कब यह तमाम पूर्वाग्रह और मेंटल कंडीशनिंग सहजता से खत्म होंगे। बहरहाल, मिताली राज और अनामिका जी को उनकी उपलब्धियों के लिए पुनः बहुत बधाई!
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