एसआईआर पर छत्तीसगढ़ में सियासत 

एसआईआर हर साल होती है, इस बार स्पेशल 

दिलीप साहू

 

छत्तीसगढ़ में भी एसआईआर लागू करने की तैयारी तेज। 1 जनवरी 2026 से शुरू हो सकती है एसआईआर प्रक्रिया। 2003 और 2025 की मतदाता सूची का होगा मिलान
घर-घर जाकर करेंगे जांच और सत्यापन। विजय शर्मा बोले एसआईआर हर साल होती है, इस बार स्पेशल है। 

राहुल गांधी बताएं, एसआईआर का विरोध क्यों करते हैं-गृहमंत्री
कांग्रेस नेता अमरजीत भगत बोले-विपक्ष को दबाने की कोशिश
वोटर लिस्ट से नाम जोडऩे और काटने पर उठाए सवाल

बता दे कि छत्तीसगढ़ में 1 जनवरी 2026 से एसआईआर यानी विशेष गहन पुनरीक्षण की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। साल 2003 और 2025 की मतदाता सूची का मिलान प्रदेशभर में शुरू होगी। घर-घर जाकर जांच में जुटेंगेज् चुनाव आयोग ने साफ कहा- ‘पूरे देश में एसआईआर एक साथ लागू होगा। बिहार में जहां 30 सितंबर तक प्रक्रिया पूरी होगी, वहीं छत्तीसगढ़ में भी एसआईआर के लिए तैयारी जोरों पर है।

डिप्टी सीएम गृहमंत्री विजय शर्मा का कहना है कि एसआईआर हर साल होती है, पर इस बार ये स्पेशल है। राहुल गांधी बताएं, वे एसआईआर का विरोध क्यों करते हैं? कवर्धा में एसआईआर की मैं मांग करता हूं। सघन पुनरीक्षण का स्वागत करता हूं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को गलत विषय पर नारे मत लगवाइए। एसआईआर एक अच्छी प्रक्रिया है, विरोध करना गलत है।

...वहीं छत्तीसगढ़ में एसआईआर लागू किए जाने को लेकर कांग्रेस ने सवाल उठाया है... पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता अमरजीत भगत ने कहा कि एसआईआर लागू करने से पहले मानसिकता साफ करना ज़रूरी है। विपक्ष को दबाने की कोशिश ठीक नहीं। एक तरफ नाम जोड़ते हैं, दूसरी तरफ विपक्ष समर्थक वोटर्स का नाम काट देते हैं।
बहरहाल मतदाता सूची के इस विशेष गहन पुनरीक्षण पर अब सियासत गरम हो गई है। एक ओर बीजेपी इसे पारदर्शिता की प्रक्रिया बता रही है, तो दूसरी तरफ कांग्रेस इसे विपक्ष को दबाने की कवायद बता रही है। अब सबकी नजऱ चुनाव आयोग की उस तारीख पर टिकी है, जब देशभर में एक साथ एसआईआर लागू होगा।

 


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