छत्तीसगढ़ में पेड़ों की कटाई पर कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने
मामला शराब घोटाला में पूर्व सीएम के बेटे की गिरफ्तारी
दिलीप साहूशराब घोटाले मामले में पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी के बाद से सूबे में सियासी बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। भूपेश बघेल इस गिरफ्तारी को सीधे पेड़ों की कटाई से जोडक़र सरकार और अडानी पर आरोप लगा रहें हैं। वहीं वनमंत्री केदार कश्यप ने भूपेश बघेल पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा है कि भूपेश ने अपने आकाओं के साथ मिलकर छत्तीसगढ़ के संसाधनों को बेचा हैं।

छत्तीसगढ़ में दोनों ही मुख्य राजनीतिक पार्टियां कांग्रेस और भाजपा पेड़ों की कटाई के लिए ठहरा रहे हैं एक दूसरे को जिम्मेदार। बीजेपी सरकार के वन मंत्री केदार कश्यप का आरोप है कि भूपेश बघेल झूठ की फैक्ट्री हैं, कोयला आबंटन के लिए कई पत्र लिखे, परमिशन दिलवाई।
उनका कहना है कि कांग्रेस सरकार ने अपने आकाओं के साथ मिलकर छत्तीसगढ़ के संसाधनों को बेचा है। भूपेश अपने भ्रटाचार को छुपाने रोज 100 झूठ बोल रहे हैं।
वहीं भूपेश बघेल ने वनमंत्री केदार कश्यप से पूछा है कि सरकार बनी नहीं थीं और हसदेव में पेड़ काट गए, वो किसके कहने पर कटे?
उन्होंने कहा कि वन मंत्री हैं ये बताए कि तमनार के जंगल में अडानी के लोग कटर लेके कैसे घुस गए? बघेल का यहां तक कहना है कि आदिम जाति कल्याण विभाग से, राजस्व विभाग से सामुदायिक पट्टा मिला है तो बिना निरस्त हुए कट कैसे गए? ये गुमराह करने की कोशिश है।
दरअसल, पूर्व सीएम भूपेश बघेल के आरोपों पर पलटवार करते हुए प्रदेश के वन मंत्री केदार कश्यप ने प्रेस कांफ्रेंस लेकर तथ्यों व दस्तावेजों का प्रजेंटेशन करते हुए कहा कि कोल ब्लॉक आवंटन को लेकर कांग्रेस पार्टी और भूपेश बघेल के झूठ का पर्दाफाश हो गया है। कांग्रेस चोरी और सीनाजोरी का उदाहरण बार-बार प्रस्तुत कर रही है। सबको पता है कि अपने शासनकाल के पांच वर्ष में भूपेश बघेल जी ने छत्तीसगढ़ को दस जनपथ का चारागाह बना दिया था।
वन मंत्री कश्यप ने कहा कि यह तथ्य है कि न केवल भूपेश बघेल ने कोल ब्लॉक राजस्थान के तत्कालीन सीएम अशोक गहलोत को आवंटित किया था, बल्कि उससे पहले भी मनमोहन सिंह जी की सरकार में तमाम नियमों को धता बताते हुए, छत्तीसगढ़ के कोल ब्लॉक आवंटन की राह आसान की थी।
उन्होंने कहा कि साल 2010 में केन्द्र में कांग्रेस की सरकार थी, तब कोयला मंत्रालय और पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा हसदेव अरण्य को पूरी तरह से नो-गो जोन घोषित किया गया था। उसे कांग्रेस नीत सरकार के पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने ही सबसे पहले गो एरिया घोषित किया था।
वहीं कांग्रेस ने राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के पुराने ट्वीट शेयर किया है जिसमें उन्होंने राजस्थान के पॉवर प्लांटों के लिए कोयले की आपूर्ति के लिए हसदेव अरण्य कोलफील्ड में संचालित परसा ईस्ट एवं कांता बासन (पीईकेबी) कोल ब्लॉक की 91.21 हेक्टेयर वनभूमि का उपयोग करने की अनुमति प्रदान किए जाने पर... छत्तीसगढ़ के ष्टरू का धन्यवाद किया था...
बहरहाल, छत्तीसगढ़ में उद्योगों व कोल ब्लॉकों के लिए जंगलों की कटाई के लिए कांग्रेस और बीजेपी की सरकारें एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। इस बीच हसदेव अरण्य के बाद रायगढ़ के तमनार में पेड़ों की कटाई जारी हैं। वहीं कांग्रेस और बीजेपी के आरोप-प्रत्यारोपों के बीच अब देखना होगा कि कब तक उद्योगों व खदानों के नाम पर जंगलों की बलि दी जाती रहेगी...?
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