वैज्ञानिक सोच का प्रचार प्रसार करेगी कबीर फुले बिरसा लाइब्रेरी
"कबीर फुले बिरसा लाइब्रेरी" की पुस्तकों का फायदा उठाने की अपील
दक्षिण कोसल टीम"कबीर फुले बिरसा लाइब्रेरी" ग्रामीण अंचल में शुरू हो रही इस लाइब्रेरी से लोगों में वैज्ञानिक सोच का प्रचार प्रसार होगा। लोग पढ़ाई की ओर ध्यान देंगे। भारत रत्न डॉ अंबेडकर को कोट करते हुए रायपुर कमिश्नर कावरे ने कहा कि लोगों का कदम यदि लाइब्रेरी की ओर बढ़ेगा तो देश उन्नति करेगा।

विज्ञान आश्रम कसेकरा में बनी "कबीर फुले बिरसा लाइब्रेरी" का उद्घाटन करते हुए डिवीजनल कमिश्नर रायपुर संभाग एमडी कावरे द्वारा बहुत विश्वास के साथ यह विचार व्यक्त किया गया कि ग्रामीण अंचल में शुरू हो रही इस लाइब्रेरी से लोगों में वैज्ञानिक सोच का प्रचार प्रसार होगा। लोग पढ़ाई की ओर ध्यान देंगे। भारत रत्न डॉ अंबेडकर को कोट करते हुए उन्होंने कहा कि लोगों का कदम यदि लाइब्रेरी की ओर बढ़ेगा तो देश उन्नति करेगा।
उन्होंने नजदीक में ही बसी सिरपुर की बौद्ध विरासत की याद दिलाते हुए कहा कि आज से हजार साल पहले भी वहां विश्वविद्यालय था जिसका जिक्र प्रसिद्ध चीनी यात्री व्हेनसांग ने किया है। उन्होंने बताया है कि सिरपुर में देश विदेश के विद्यार्थी पढ़ने आते थे। उन्होंने कबीर फुले बिरसा लाइब्रेरी के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह लाइब्रेरी भी सिरपुर के प्राचीन विश्व विद्यालय की तरह ज्ञान विज्ञान के आदान प्रदान का एक केंद्र की तरह विकसित हो।
उन्होंने बस्तर स्थित भोंगापाल पुरातात्विक स्थल का उल्लेख करते हुए बताया कि वह भी अपने समय में शिक्षा का एक बड़ा केंद्र था। पूरे भारत भर में जहां जहां बुद्धकालीन पुरातात्विक अवशेष मिल रहे हैं वे सब शिक्षा के आदान प्रदान के केंद्र हुआ करते थे।
उद्घाटन अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए डिपार्टमेंटल इंक्वायरी कमिश्नर दिलीप कुमार वासनीकर ने कहा कि इस दूरस्थ अंचल में विज्ञान आश्रम बनाकर लोगों की शिक्षा के लाइब्रेरी की स्थापना करना एक तपस्या का काम है। इसके लिए हम इस विज्ञान आश्रम के संचालक को साधुवाद देते हैं। उन्होंने इस लाइब्रेरी के लिए भारत के संविधान की दस प्रतियां भेंट करते हुए कहा यह लाइब्रेरी ग्रामीणों को ज्ञान की दुनियां से जोड़कर उन्हें सक्षम बनाएगी।
जामिया मिल्लिया इस्लामिया दिल्ली से आई प्रोफेसर हेमलता महिश्वर ने अपने सारगर्भित संबोधन में संकेत दिया कि न सिर्फ बड़ों के लिए बल्कि बच्चों के लिए भी यह लाइब्रेरी मानसिक विकास का केंद्र बने। उन्होंने लोगों को पठन पाठन के लिए मोटिवेट करते हुए कहा कि मैं यहां एक उज्ज्वल भविष्य को तामीर होते देख रही हूं।
सामाजिक रूढ़ियों को दूर करने में यह अपनी भूमिका निभाएगी। हमें गांवों को फिर से देखने की जरूरत है। उन्होंने बच्चों की पत्रिकाओं की जरूरत पर बल देते हुए अपनी ओर से तीन बाल पत्रिकाओं - चकमक, एकलव्य और साइकिल - को आजीवन भिजवाने की बात की। उन्होंने कहा कि आज से 25 साल बाद विज्ञान आश्रम के प्रयासों से यह गांव कसेकेरा कैसा होगा यदि हम यह सपना देख सकें तो निश्चित ही हम एक नया भारत बना पाएंगे।
उद्घाटन कार्यक्रम को गवर्नमेंट मेडिकल कालेज कोरबा के डीन डॉ. केके सहारे, भिलाई स्टील प्लांट के पूर्व चीफ जनरल मैनेजर एल उमाकांत, जनरल मैनेजर और एईएफ भिलाई के अध्यक्ष प्रभाकर खोबरागड़े, पूर्व बैंक अधिकारी पूनम लाला, छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा के राज्य सचिव डॉ वाय के सोना, रायगढ़ से आई शिक्षाविद कल्याणी मुखर्जी, डीजीएम सेल बीएसपी सुधीर रामटेके, और प्राचार्य डीएस टंडन ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता शिक्षाविद और पूर्व बीईओ फ्रैंक अगस्टिन नंद ने और संचालन इंजी. एसपी निगम ने किया।
कबीर फुले बिरसा लाइब्रेरी के लिए पिथोरा के फ्रैंक अगस्टिन नंद द्वारा अपने पिता इतिहासकार इब्राहीम नंद की स्मृति में, रायगढ़ से आई विज्ञान सभा की सदस्य कल्याणी मुखर्जी द्वारा अपनी रंगकर्मी बहन शिबानी मुखर्जी की स्मृति में तथा भिलाई से शकुंतला सुमन और एसआर सुमन द्वारा अपनी मेघावी बिटिया निहारिका सुमन की स्मृति में पुस्तकों वाली आलमारियां भेंट की गई। इस अवसर पर आभार प्रदर्शन का महत्वपूर्ण कार्य विज्ञान सभा की राज्य उपाध्यक्ष शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ स्नेहलता हुमने ने किया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ सरस्वती उमाकांत, इंजी. किशोर कुमार लाला, डॉ. केबी बंसोड़े, इंजी. बी. बाला, बिदिशा बाला, इंजी. उदय खरात, रजनी खरात, इंजी. सुधीर रामटेके, अर्चना निगम, इंजी. सिद्धार्थ मेश्राम, स्वाति मेश्राम, इंजी. अरविंद राहुल, सीमा राहुल, इंजी. मृणाल टेंभरे, इंजी. मुकेश कुमार रात्रे, स्वाति रात्रे, डॉ. राजकुमार टंडन, जीडी राउत, राकेश बंबोर्डे, लक्ष्मीनारायण कुंभकार, राकेश कुमार आर्या, मनोज नायक , वासुदेव चंदनवाले का सक्रीय सहयोग रहा।
शारदा लाउत्रे, अनिल टेंभेकर रायपुर, मा. रतन गोंडाने, शालिनी टेंभुरकर, लखन सांगोडे, रानू सांगोडे, सेलोरिटा, साधराम कुर्रे, मनीष अवसरिया, पवन कुमार चक्रधारी, डॉ विजय शर्मा, खेमचंद चक्रधारी, बाला प्रसाद , सृजन साहू, खेमदास मानिकपुरी, गोविन्द राव नागपुरे, जितेंद्र साहू, बिंदेश्वरी यादव, नोहर पांडे , बम्लेश्वरी चक्रधारी, जितेंद्र यादव और जीतू यादव का भी सक्रीय सहयोग रहा।
विज्ञान आश्रम कसेकरा के संचालक उषा मेश्राम एवं विश्वास मेश्राम द्वारा सभी अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया गया और विद्यार्थियों, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं तथा विज्ञान और सामाजिक विज्ञान में रूचि रखने वाले लोगों से "कबीर फुले बिरसा लाइब्रेरी" की पुस्तकों का फायदा उठाने की अपील की।
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