छमुमो ने क्रेस्ट में मनाया मई दिवस

जरहू गोंड़ को श्रमिक आंदोलन में पहला शहीद का दर्जा प्राप्त

दक्षिण कोसल टीम

 

उसी का विरोध करने वाले हजारों श्रमिकों को 1886 मे गोली का निशाना बनाया गया था, उसी समय से 1 मई को मजदूर दिवस के रूप में पूरे विश्व में मनाया जाता है, उस दिन से मजदूरों को कार्य करने के लिए 8 घंटे का कानून बना हुआ है, अधिक समय तक काम कराने से ओव्हर टाइम का नियम भी बना हुआ है।

आपको बताते चले कि भारत में चेन्नई में 1 मई 1923 को पहली बार मई दिवस मनाया गया। मजदूरों का शहादत यहीं नहीं रूकता हैं बल्कि छत्तीसगढ़ के इतिहास में बीएनसी मिल्स में चल रहे मजदूरों के आंदोलन में साल 21 जनवरी 1924 को जरहू गोंड़ मजदूरों के अधिकारों के लिए संघर्ष करते हुए अपनी जान दे दी, जिन्हें श्रमिक आंदोलन में पहला शहीद का दर्जा प्राप्त है। 

छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा (छमुमो) के अध्यक्ष भीमराव बागड़े के नेतृत्व में क्रेस्ट कंपनी जोरातराई के आवला बगीचा में बड़ी संख्या में श्रमिक सुबह 11 बजे से एकत्रित हुए और एक मई को शहीद हुए श्रमिकों को मौन श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

सभा को छमुमो के अध्यक्ष भीमराव बागड़े के अलावा छमुमो के उपाध्यक्ष एजी कुरैशी, एक्टू के राष्ट्रीय सचिव बृजेन्द्र तिवारी, अधिवक्ता एवं सामाजिक कार्यकर्ता वीरेंद्र ऊके, भोजराम साहू, दिलीप पारकर, धरती राम साहू, गणेश मेश्राम आदि वक्ताओं ने सम्बोधित किया। सभा का संचालन पुनाराम साहू ने किया।

 


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