पत्रकार हत्या मामला: स्वतंत्र हाईपावर जांच समिति बना कर समयबद्ध कार्रवाई की करी मांग
राजनांदगांव प्रेस क्लब ने भी सौंपा ज्ञापन
दक्षिण कोसल टीमदक्षिण कोसल और प्रेस क्लब रायपुर ने पत्रकार मुकेश चंद्राकर की निर्मम हत्या के बाद जांच के लिए गठित एसआईटी में बस्तर संभाग में पदस्थ किसी पुलिस अधिकारी को शामिल न किया जाने तथा पुलिस मुख्यालय या अन्य जिलों के बेदाग छवि वाले अधिकारियों को शामिल किया जाने को लेकर शक जाहिर करते हुए इस हत्या की जांच ‘स्वतंत्र हाईपावर जांच समिति’ से समयबद्ध कार्रवाई की करी मांग।

आज दक्षिण कोसल के सम्पादक सुशान्त कुमार और उसके सलाहकार मंडल और साथी पत्रकारों ने मिलकर राजनांदगांव कलेक्टर को इस आशय का ज्ञापन सौंपा है, जिसमें मांग किया है कि एनडीटीवी के पत्रकार मुकेश चन्द्राकर की हत्या की जांच स्वतंत्र हाईपावर जांच समिति से करवाई जाए।
इसका आशय ऐसे समिति से हैं जो उच्च न्यायालय तथा उच्चतम न्यायालय से सेवानिवृत्त न्यायाधीश की नेतृत्व में कुछ पत्रकारों, सिविल सोसायटी के कार्यकर्ताओं से बनी स्वतंत्र एजेंसी की हो।
दक्षिण कोसल ने ज्ञापन राजनांदगांव कलेक्टर के माध्यम से ज्ञापन श्री विष्णुदेव साय जी मुख्यमंत्री, श्री रामेन डेका जी राज्यपाल, रायपुर प्रेस क्लब, रायपुर (छत्तीसगढ़), प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, नई दिल्ली, भारतीय प्रेस परिषद, नई दिल्ली तथा एडिटर गिल्ड नई दिल्ली को भेजा है।
दक्षिण कोसल ने ज्ञापन में कहा है कि बीजापुर (छत्तीसगढ़) में एनडीटीवी के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के बारे में जानकर हम स्तब्ध हैं।
हम हत्या की कड़ी निंदा करते हैं और अपराधियों के खिलाफ जांच (हम चाहते हैं कि यह समिति उच्च न्यायालय तथा उच्चतम न्यायालय से सेवानिवृत्त न्यायाधीश की नेतृत्व में कुछ पत्रकारों, सिविल सोसायटी के कार्यकर्ताओं से बनी स्वतंत्र एजेंसी की गठन कर जांच हो।) स्वतंत्र हाईपावर जांच समिति से समयबद्ध कार्रवाई करने की मांग करते हैं।
इस प्रकार दक्षिण कोसल इस मामले में राज्य सरकार से उचित कार्रवाई करने की मांग करता है। दुख और हानि की इस घड़ी में ‘दक्षिण कोसल’ उनके परिवार के सदस्यों के साथ-साथ दोस्तों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता है।
पत्रकार चंद्राकर भ्रष्टाचार, आदिवासी अधिकारों और संघर्ष प्रभावित बस्तर में विद्रोही हिंसा के मुद्दों पर विभिन्न मीडिया घरानों के लिए लिखने और रिपोर्टिंग करने के अलावा ‘बस्तर जंक्शन’ नामक एक लोकप्रिय यूट्यूब चैनल भी चलाते थे।
स्थानीय पुलिस के अनुसार, 31 वर्षीय पत्रकार का शव, जो 1 जनवरी से लापता बताया गया था, शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के बीजापुर में एक ठेकेदार की संपत्ति पर स्थित सेप्टिक टैंक में पाया गया था।
छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग से रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों पर हमले और उनकी हत्याएं कोई नई बात नहीं हैं, लेकिन जिस तरह से इस तरह की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है, वह अस्वीकार्य है और इसे प्रभावी ढंग से हल किया जाना चाहिए।
यही नहीं रायपुर प्रेस क्लब के उपाध्यक्ष संदीप शुक्ला को भी गरियाबंद में भ्रष्टाचार का मामला उजागर करने पर वन विभाग के अधिकारी की ओर से जान से मारने की धमकी दी गई है।
ऐसी ही धमकियां समय-समय पर पत्रकारों को मिलती रहती है। पूर्व और वर्तमान की घटनाओं से यह प्रतीत होता है कि पत्रकारों को धमकियां देना, मारना आसान हो गया।
दक्षिण कोसल ने कहा है कि आज ही के दिन सचिन अग्रहरि के नेतृत्व में प्रेस क्लब, राजनांदगांव ने पत्रकार की निर्मम हत्या करने वालों पर कड़ी से कड़ी कर्रावाई करने तथा प्रदेस में जल्द से जल्द पत्रकारों की सुरक्षा के मद्देनजर पत्रकार सुरक्षा कानून जल्द से जल्द बनाने पर भी शासन से पहल करने की गुजारिश की है।
दक्षिण कोसल के सम्पादक सुशान्त कुमार ने इस अवसर पर बताया कि आज दक्षिण कोसल के लिए डॉ. विमल खुंटे, शशि गणवीर, कन्हैयालाल खोब्रागढ़े, भीमराव बागड़े, नागेश बोरकर, विरेन्द्र उके सहित सभी सलाहकार सम्पादक एवं पत्रकार अपना हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन सौंपते हुए इन परिस्थितियों में आग्रह किया है कि राज्य में पत्रकारों की सुरक्षा को आप सुनिश्चित कराने की दिशा पर ठोस पहल करते हुए लंबित पत्रकार सुरक्षा कानून को जल्द से जल्द लागू करेंगे।
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