बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर चौक के सम्मान में बौद्ध समाज मैदान में

आम्बेडकर चौक में दारू भट्टी खुलने के खिलाफ समाज में व्याप्त हैं आक्रोश

दक्षिण कोसल टीम

 

विदित हो कि 18 नवम्बर को विभिन्न अखबारों में सहायक आयुक्त आबकारी, राजनांदगांव द्वारा निविदा सूचना प्रकाशित कर विदेशी मदिरा दुकान (कम्पोजिट) वार्ड नं. 22 को आबकारी राजस्व सुरक्षा एवं वाणिज्यिक दृष्टिकोण से जीई रोड में अन्यत्र स्थानांतरित करने एवं अहाता सहित, जिसका क्षेत्रफल सीएसएमसीएल की वाणिज्यिक आवश्यकताओं के अनुरूप हो नक्शानुसार निविदा आमंत्रित किया गया था। 

इसके विरोध में बौद्ध समाज ने 27 नवम्बर को शराब दुकान आम्बेडकर चौक से हटाने निवेदन किया था। इस दौरान आबकारी आयुक्त ने मीडिया को ज्ञापन सौंपते समय छायाचित्र खींचने तथा मीडिया से बात करने से मना कर दिया था।

इस आवेदन में सैकड़ों की संख्या में बौद्ध अनुयायियों ने यह बताया था कि डॉ. आम्बेडकर संविधान निमाता हैं। समस्त जनसमुदाय का डॉ. आम्बेडकर के प्रति अथाह श्रृद्धा हैं चूंकि यह स्थल वर्तमान में सामाजिक सौहार्द का प्रमुख केन्द्र बिंदु है यदि यहां शराब दुकान खुलती है तो इससे समस्त बौद्ध अनुयायियों तथा जनमानस की भावना को ठेस पहुंचेंगी तथा यहां का वातावरण दूषित होगा। 

बावजूद राज्य का आबकारी विभाग इसी चौक में शराब दुकान खोलने के लिए अड़ी बैठी हैं। वह तो आज देश में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के दिवंगत हो जाने से जिला में शोक की लहर हैं वरन दुकान आज ही खुल गई होती।

इस पूरे मामले पर बौद्ध समाज की बड़ी संस्था नगर बौद्ध कल्याण समिति के अध्यक्ष कांति फुले की नेतृत्व में पूर्व प्राचार्य केएल टांडेकर, वयोवृद्ध सामाजिक कार्यकर्ता कन्हैयालाल खोब्रागढ़े, राजू बारमाटे की उपस्थिति में समाज के गणमान्य व्यक्तियों ने आम्बेडकर भवन में सभा कर शराब दुकान हटवाने के लिए आगामी सोमवार 30 दिसम्बर को जिलाधीश महोदय के नाम ज्ञापन सौंपने का फैसला लिया है।

समाज के प्रमुखों ने इस ज्ञापन के माध्यम से बताने की कोशिश की है कि आम्बेडकर चौक में शासन द्वारा दारू भट्टी खोला जाना शहर की शान दिग्विजय स्टेडियम, भदौरिया नर्सिंग होम, जिला कलेक्टर कार्यालय, कई कोचिंग सेंटर, बस स्थानक, रेस्ट हाउस जाने के लिए वीआईपी रोड के लिए बाधा उत्पन्न करेगा। और विशेषकर लड़कियों और महिलाओं की आवाजाही में दिक्कत आएगी।

समाज का मानना है कि उक्त स्थान पर यदि दारू भट्टी खुलती है तो इससे सारे संस्थानों के सारे कार्य बाधित होंगे। 

पत्र में कहा गया है कि यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 47 के तहत लोगों को मिले अधिकारों में राज्य के लोगों के पोषण स्तर, स्वास्थ्य सुधार, लोगों के लिए हानिकारक दवाओं के उपभोग का उल्लंघन करता है। 

समाज ने कहा है कि बाबा साहेब आंबेडकर से चौक का नामकरण करते हुए चौक में संविधान की भव्य प्रतिकृति स्थापित हैं जिससे समाज एवं शहरवासियों की आस्था जड़ी हुई हैं एवं गौरव स्थानों को हानि पहुंचने की संभावना है। 

समाज ने उपरोक्त दारू भट्टी को अन्यत्र हटाने के लिए शहर के सभी सम्माननीय वार्ड अध्यक्ष, कार्यकरणी, आजीवन सदस्य, सामान्य सदस्य, वरिष्ठ, महिला,  युवाओ सहित समस्त सामाजिक संगठनों से अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर विरोध प्रदर्शन कर ज्ञापन देने उपस्थित होने की पूरजोर अपील की है। 

 

 


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