उनका पूरा परिचय होगा समाजशास्त्री डॉक्टर भीमराव आंबेडकर

सर छुपाने के लिए छत जाति के आधार पर मिलेगी

रत्ना बोरकर



संविधान दिवस के महोत्सव में सबसे पहले संविधान के शिल्पकार बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर के चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए छ: भाषाओं के ज्ञान के साथ 26 डिग्रियों के साथ जब वो शख्स अपने भारत देश लौटकर आता हैं तो कभी कल्पना नहीं की थी कि सर छुपाने के लिए छत जाति के आधार पर मिलेगी। 

जब अफसर बनकर बैठा तो कभी कल्पना नहीं की थी कि वहां का चपरासी पीने के लिए पानी नहीं देगा और फाइल भी अधीनस्थ कर्मचारी फेंक कर देगा। लेकिन वह रुका नहीं, डिगा नहीं, हारा नहीं, परेशान हुआ पर मायूस नहीं हुआ, बिखर गया उसका पूरा परिवार लेकिन वो भारत देश को एक सूत्र में बांध दिया?

बेक टू सोसाइटी के मिशन को लेकर अड़ा रहा, डिगा रहा, ये समझाने का काम कर दिया कि मैं आया हूं बिखरे हुए अपने समाज को एकजुट करने के लिए और अपने लेखनी से ऐसा दस्तावेज तैयार कर दिया, जिसने ताउम्र गैरबराबरी झेली ताउम्र अपमान झेला, उसने एक दस्तावेज के माध्यम से सबके लिए सम्मान और समानता लिख दी।

लेकिन बड़ा दु:ख होता है और बहुत बड़ी विडंबना हैं कि डॉ. बीआर आंबेडकर को दो खांचों में उनके व्यक्तित्व को रेखांकित क्यों किया गया? सूट-बूट पहने संविधान की किताब पकड़े दलितों के नेता या आरक्षण वाले शख्स के रूप में?

मेरा सवाल आपसे है, इस देश की सत्ता से है, इस देश की राजनीति से है, इस देश के भविष्य से है, जब जवाहरलाल नेहरू, लाला लाजपत राय, इन सबको जितना हमने जाना जितना हमने सुना वह सब के सब आजादी के नायक हैं, वह सब के सब क्रांति के वाहक हैं अखिल भारतीय नेता हैं तो डॉक्टर बीआर आंबेडकर जिन्होंने इस देश का संविधान लिखा है, वह केवल आरक्षण के जनक कैसे हो गए?

आरक्षण वाले शख्स कैसे हो गए? मैं आपसे कहना चाहूंगी डॉ. बीआर आंबेडकर को आरक्षण वाले शख्स के रूप में परिभाषित नहीं कर सकते उनका पूरा परिचय होगा ‘समाजशास्त्री डॉक्टर भीमराव आंबेडकर’। 

इस देश की महिलाओं को समानता का अधिकार देने वाला डॉ. भीमराव आंबेडकर... इस देश के सभी व्यक्तियों को समानता का अधिकार देने वाला डॉ. बीआर अंबेडकर... इस देश की राजनीति पलटने वाला डॉ. बीआर आंबेडकर...।

और आखिरी में मैं संविधान के रचयिता के सामने सर झुका कर बार-बार शत-शत नमन करती हूं।

जय भीम... जय संविधान...

11 दिसम्बर को संविधान की हीरक जयंती पर रामपुर में सरपंच रत्ना बोरकर का भाषण

 

 


Add Comment

Enter your full name
We'll never share your number with anyone else.
We'll never share your email with anyone else.
Write your comment

Your Comment