मेरा इस पद पर पहुंच पाना बाबा साहेब की वजह से ही संभव

भारतीय संविधान हमारे जीवन में प्राण वायु की तरह है

दक्षिण कोसल टीम

 

धर्मनगरी डोंगरगढ़ से बौद्ध समाज के होनहार युवा एवं युवती का चयन छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग 2023 के परिणाम स्वरूप हुआ है। रिया गणवीर, संजय नगर डोंगरगढ़ का चयन न्यायिक सेवा में न्यायाधीश पद पर हुआ है, वहीं सौरभ जाम्बुलकर, बुधवारी पारा डोंगरगढ़ का चयन जिला सहकारिता अधिकारी के पद पर हुआ है।

छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग में न्यायिक सेवा में न्यायाधीश पद पर चयनित रिया राजेश गणवीर ने अपनी बातें साझा करते हुए कहा कि मेरा इस पद पर पहुंच पाना बाबा साहेब की वजह से ही संभव हो पाया है।

मेरी सफलता में मेरे माता - पिता का हाथ रहा है, जिन्होंने सामाजिक जीवन में रहते हुए मेरे लिए काफी संघर्ष किया। मुझे पढ़ाया - लिखाया और आगे बढ़ाने की प्रेरणा दी और मुझे लक्ष्य की ओर उडऩे के लिए एक खुला आसमान दिया। मेरी जर्नी में मैंने शिक्षा पर काफी फोकस किया है और मैं सभी से यही अपेक्षा करती हूं कि आप भी अपने बच्चों की शिक्षा पर जोर दें।

छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग में जिला सहकारी अधिकारी के पद पर चयनित सौरभ जाम्बुलकर ने अपनी बातें साझा करते हुए कहा कि पिता और भाई, इन सब के गुजरने के बाद मां ने जिस तरीके से मुझे पाला - पोसा और यहां तक आने के लिए सपोर्ट किया है उसके लिए मैं उनका सदा आभारी रहूंगा। मेरे मामा ने भी मुझे इस काबिल बनने में बहुत मेहनत की है। सौरभ ने बच्चों को सुझाव देते हुए कहा कि विषम परिस्थितियों और अभाव के बावजूद भी निराश नहीं होना है।

जिस प्रकार तूफानों में फंसी हुई कश्ती अड़चनों को पार कर सकती है, उसी प्रकार मायूसी को दरकिनार कर और विवशता को मजबूरी में बदलकर लक्ष्य को पाया जा सकता है।

डोंगरगढ़ नगर पालिका अध्यक्ष सुदेश मेश्राम ने कहा कि प्रशासनिक कुर्सी कांटों से भरी हुई होती है, इस पर बैठना कष्ट भरा होता है। अब आपके ऊपर प्रशासनिक जिम्मेदारी हैं और आपके सामने आने वाली अड़चनों और तकलीफों से बचने का एक ही उपाय है - वह हैं आपकी नीति और नियत। आपकी ईमानदारी आपको आगे लेकर आई है। आपका सरल व्यवहार और कार्य का प्रति लगन ही आपको आगे लेकर जाएगा।

राजनांदगांव के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता कन्हैयालाल खोब्रागढ़े ने सुझाव देते हुए कहा कि बाबा साहब को आपको आदर्श मानकर आगे बढ़ना है और इस बात का ध्यान रखना है कि प्रशासनिक नौकरी के दौरान संविधान ही आपका रक्षक है।

दक्षिण कोसल के संपादक सुशांत कुमार ने कहा कि एक समय था जब हमारे पूर्वजों के गले में मटका और कमर पर झाड़ू हुआ करता था और आज हम प्रशासनिक पदों पर पहुंच पा रहे हैं। आप लोगों के सामने कई सारे प्रलोभन आएंगे, कई अड़चनें आयेंगी, किंतु संघर्ष से कभी पीछे नहीं हटना है।

आपसे यह अपेक्षा है कि आप बेक टू सोसायटी का भी ख्याल रखें। समाज के बच्चों को मैं सुझाव दूंगा कि केवल नौकरी के लिए पढ़ाई ना करें बल्कि ज्ञान हासिल करने के लिए आपकी पढ़ाई होनी चाहिए,जो एक टॉर्च का काम करें और दूसरों के लिए भी मार्गदर्शक साबित हो।

एचके आजाद ने बाबा साहेब के वाक्यों पर जोर देते हुए कहा कि ‘शिक्षा वह शेरनी का दूध है, जिसे जो पियेगा शेर की तरह दहाड़ेगा।’ प्रशासनिक सेवाओं में चयनित बच्चों को सलाह देते हुए यह भी कहा कि नौकरी के दौरान कई सारे अड़चनें आएगी, किंतु आपको कतई निराश नहीं होना है। आपका समाज से जुडक़र रहना ही आपको मजबूती प्रदान करेगा।

अनमोल बौद्ध ने कहा कि जिस प्रकार बाबासाहेब ने समाज का गौरव बनाए रखा, उसी प्रकार आपको भी इस बात का ख्याल रखना हो होगा। आज के दौर में जब आपके सामने कोई प्रकरण आएगा तो आपके ऊपर राजनीतिक दबाव भी होगा, किंतु आपके फैसले भावनात्मक ना होकर नीतिगत हो। आप इस बात को सुनिश्चित करें, संविधान की मर्यादा को बनाए रखते हुए नीतिगत आचरण करते हुए आपको आगे बढ़ना है। यही आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए।

मनोज गजभिए ने कहा कि बेटी रिया से यही अपेक्षा है कि आपका न्यायपालिका में होना एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है, अत: आप हमेशा यह ध्यान रखें कि आपका फैसला न्यायपूर्ण रहे। सौरभ से भी यही अपेक्षा है कि आपके और आम जनता के बीच में कोई भी ऐसा चपरासी ना हो जो जनता को आपके पास आने से रोके। अत: किसी भी मिडिलमैन को बीच में ना रखते हुए आप आम जनता की बात सुने। उद्बोधन के कड़ी में मानिकचंद घोडेस्वार और  तीर्थराज भावे ने भी अपना वक्तव्य दिया।

कार्यक्रम के अंत में मेत्ता संघ के अध्यक्ष और भदन्त धम्मतप ने मुख्य आसंदी से कहा कि बाबा साहेब के बदौलत जो शिक्षा का द्वार खुला है उसके वजह से आज हमारे समाज के बच्चे बड़े - बड़े पदों पर पहुंच रहे हैं। इन दो बच्चों, जिनका आज प्रशासनिक सेवाओं में चयन हुआ है, को देखकर आपके मन में यह ख्याल आना चाहिए कि मेरे बच्चें भी इस तरह के उच्च स्थान पर पहुंचे।

बाबा साहब ने संघर्ष करके आपके बच्चों के लिए कुर्सी निर्माण की है, अब आपका दायित्व है कि आप अपने बच्चों को प्रेरित करें कि वह भी ऊंचे ओहदों तक पहुंचे। भदंत ने कहा कि कार्यपालिका और न्यायपालिका में जब तक हमारे लोग नहीं पहुंचेंगे, तब तक संविधान एवं आरक्षण की रक्षा नहीं हो पाएगा। न्यायपालिका और कार्यपालिका की अहम भूमिका होती है कि लोगों का भला करें। 

उन्होंने कहा कि आज समाज के अन्य लोग उस पद पर नहीं पहुंच पाए हो, लेकिन जब कॉलेजियम सिस्टम को गिराने की बात आएगी तब यही समाज आपके लिए सडक़ों पर खड़ा होगा। इसके साथ ही आपको इस बात का भी ध्यान रखना है कि जाति, धर्म, लिंग आदि भेद के आधार पर आपका निर्णय न हो। आपका निर्णय भावनात्मक ना होकर संविधान व कानून के अनुसार हो। 

मेत्ता संघ के मीडिया प्रभारी राहुल मोटघरे ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए विस्तार से यह भी बताया कि कार्यक्रम का संचालन अनिल लांडगे एवं आभार सविता मेश्राम ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए चंदना भावे, सविता मेश्राम, प्रीति मेश्राम, अनुपमा लांडगे, ललिता खांडेकर, अरुणा गजभिए, राखी खोब्रागड़े, शांताजी चंद्रिकापुरे,  लक्ष्मी बोरकर, सारिका अंबादे, असुमाला मेश्राम, निधि चंद्रिकापुरे, नीता कोटांगले राधिका जांगड़े, किरण मेश्राम आदि ने सहयोग किया।  


Add Comment

Enter your full name
We'll never share your number with anyone else.
We'll never share your email with anyone else.
Write your comment

Your Comment