राजधानी रायपुर के सीने में छत्तीसगढ़ के किसानों ने किया जंगी प्रदर्शन
सुदेश टीकम और मोर्चा के नेता भीमराव बागड़े थे उपस्थित
दक्षिण कोसल टीमविगत 16 दिसंबर, दिन सोमवार को प्रदेश किसान संघ, छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा एवं विभिन्न संगठनों संयुक्त रूप ने बूढ़ातालाब में किसानों की तीन सूत्रीय मांगों को लेकर जंगी प्रदर्शन का आयोजन किया। प्रदर्शन के बाद सरकार को ज्ञापन सौंपा गया।

सरकार द्वारा धान की खरीदी के बीच अपनी शिकायतों और मांगों के रूप में 117 रुपए समर्थन मूल्य वृद्धि का लाभ देते हुए 3217 रूपए प्रति क्विंटल की दर से एक मुश्त भुगतान करने, राजीव गांधी न्याय योजना की बकाया चौथी किश्त का भुगतान तत्काल करने, धान खरीदी व्यवस्था में सुधार कर पूरे तीन महीने सुचारू खरीदी करने की बात प्रमुखता से रखी गई।
किसान नेता सुदेश टीकम और भीमराव बागड़े ने कहा कि धान पर केन्द्र द्वारा समर्थन मूल्य में वृद्धि हर साल की जाती है। इस साल भी 117 रूपए प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है। केन्द्र द्वारा धान के समर्थन मूल्य वृद्धि का अभी तक साय सरकार द्वारा न स्वागत किया गया है न ही इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद व छत्तीसगढ़ के किसानों को बधाई दी गई है। किसानों तक न पहुंचाकर स्वयं रखना चाहती है।
इससे स्पष्ट है कि साय सरकार केन्द्र द्वारा समर्थन मूल्य वृद्धि का लाभ। जो कि न सिर्फ अनुचित है अपितु किसानों के साथ अन्याय है। केन्द्र द्वारा किए गए हर साल के समर्थन मूल्य वृद्धि का लाभ यदि राज्य सरकार रखती जाएगी तो किसानों की वास्तविक आमदनी साल दर साल घटती चले जाएगी।
किसानों को नुकसान
यदि आगामी चारों साल के समर्थन मूल्य वृद्धि का लाभ किसानों तक साय सरकार पहुंचाती हैं तो चौथे साल 3650 रूपए प्रति क्विंटल से अधिक धान की कीमत किसानों को मिलेगी और यदि समर्थन मूल्य वृद्धि का लाभ स्वयं रखते हुए 3100 रूपए प्रति क्विंटल पर ही टिकी रहती है तो चार सालों में एक एकड़ में 26,500 रूपए से अधिक का नुकसान किसानों को होगा। इतना ही नही आगामी विधानसभा चुनाव में राजनीतिक पार्टियों के घोषणा पत्र में भी धान के लिए कीमत घोषणा पर विपरित प्रभाव पड़ेगा।
कुल मिलाकर समर्थन मूल्य वृद्धि का लाभ छोडऩे पर किसानों को वर्तमान में ही नहीं दूरगामी नुकसान भी होगा। अत: समय रहते जागते हुए अपना हक लेने तत्पर होने की जरूरत प्रदर्शन के दौना चेताया गया है। बड़ी सीधी बात है आज 3100 रूपए में जितना सामान खरीद सकते है 4 साल बाद उतना ही सामान 3100 रूपए में नहीं खरीद सकते याने दाम 3100 रुपए पर स्थिर रहने पर साल दर साल वास्तविक आमदनी घटेगी।
सुदेश टीकम, भीमराव बागड़ ने कहा कि विषय की गंभीरता को समझते हुए प्रदेश किसान संघ लगातार संघर्ष कर रहा है। मांगों के समर्थन में घर-घर चि_ी चिपकाओं अभियान एवं अन्य कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। सकारात्मक परिणाम के लिए सभी की भागीदारी एवं सहयोग की नितांत आवश्यकता है।
राजीव गांधी किसान न्याय योजना की चौथी किस्त का भुगतान भी बकाया है। साथ ही धान खरीदी में टोकन, उठाव, आदि व्यवस्था को किसान अनुकूल बनाने एवं पूरे तीन महीने खरीदी करने की आवश्यकता है।
किसान तथा ट्रेड यूनियन नेताओं ने अपील की है कि 16 दिसंबर से विधानसभा सत्र की शुरूआत हो रही है। वहां पर किसानों की आवाज उठे इसी उद्देश्य से ही एक दिवसीय धरना प्रदर्शन 16 दिसंबर को राजधानी रायपुर में किया गया है।
सभा में सुदेश टीकम, भीमराव बागड़े, पूनाराम साहू, कलादास डहरिया, रमाकांत, संदीप, भागवत साहू, दक्षिण कोसल के संपादक सुशान्त कुमार और बड़ी संख्या में विभिन्न संगठनों के नेता और कार्यकर्ता सैकड़ों की संख्या में मौजूद थे।
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