खैरागढ़ में अंतरजातीय विवाह के कारण परिवार का सामाजिक बहिष्कार

पीडि़त परिवार का हुक्का पानी बंद, शासन प्रशासन से न्याय की लगाई गुहार

दक्षिण कोसल टीम

 

इस पर गांव वालों ने मीटिंग कर युवक पर 31 हजार रूपए का आर्थिक दण्ड से दंडित किया है, जिसे युवक द्वारा दण्ड की राशि ज्यादा होने की वजह बताकर बैठक में 10 हजार रूपए देने की बात कही थी परन्तु गांव वाले 31 हजार रूपए दण्ड पर अड़े हुए हैं। बताया जा रहा है कि युवक अपने मानिकपुरी समाज में नगद 21 हजार रूपए दण्ड देकर तथा समाज को भोज कराकर अपने समाज में शामिल हो चुका है। फिर भी गांव वाले अलग से गांव में युवक को 31 हजार रुपए दण्ड आरोपित कर प्रताडि़त कर रहे हैं। 

दण्ड की राशि ना देने पर गांव वालों ने उसके परिवार को गांव से बहिष्कृत कर दिए हैं और तत्काल फरमान जारी कर युवक एवं उसके परिवार वालों से कोई गांव का व्यक्ति बातचीत नहीं करेगा यदि बातचीत करते या सहयोग करते पाया गया तो उस गांव के व्यक्ति को भी दण्ड देना पड़ेगा।

 

 

यही नहीं गांव वालों ने युवक के दुकान से सामान खरीदने पर गांव वालों को मना कर दिया है,युवक के परिवार का टेन्ट व डीजे का व्यवसाय है, इसका उपयोग नहीं करने तथा उसके माल वाहक वाहन का उपयोग नहीं करने तथा युवक के खेत में गांव वालों को मजदूरी में जाने से मना कर दिया गया है तथा आवेदक के यहां गांव के नाई, बरेठ, राउत को भी दैनिक कार्य को करने के लिए मना कर दिया गया है जिससे आवेदक एवं उसके परिवार आर्थिक, मानसिक एंव शारीरिक रूप से प्रताडि़त हैं।

युवक के परिवार ने इस आशय की शिकायत अनुविभागीय अधिकारी, जिलाधीश एवं पुलिस अधीक्षक, खैरागढ़ से की है। युवक व उसके परिवार ने जगेशर वर्मा (उम्र 45 वर्ष) पिता तुलाराम वर्मा, दीपक वर्मा (उम्र 58 वर्ष) पिता हिन्सा राम वर्मा, प्यारी वर्मा (उम्र 50 वर्ष)पिता हेमनाथ वर्मा, गणेश राम वर्मा (उम्र 45 वर्ष) पिता लखन वर्मा, बगस साहू (उम्र 62 वर्ष)पिता सुखपाल साहू, गुहाराम वर्मा (उम्र 62 वर्ष) पिता बिरझू वर्मा, कमलेश यादव (उम्र 50 वर्ष) पिता हीरा राम यादव, श्रीराम वर्मा (उम्र 65 वर्ष) पिता बिरन वर्मा, चमरू वर्मा (उम्र 60 वर्ष) पिता लखन वर्मा, सभी निवासी ग्राम-देवारीभाठ, थाना एवं तहसील-खैरागढ़, जिला-खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई (छ.ग.) के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही किए जाने बाबत शिकायत दर्ज करवाई है। 

 

 

युवक के परिवार का कहना है कि युवती विवाह के बाद अपने मायके लौट गई हैं। जबकि घर वालों ने इस विवाह को स्वीकार भी कर लिया था। पीडि़त परिवार ने पहले मानिकपुरी समाज में नगद 21 हजार रूपए और भोज का दण्ड झेल चुके हैं और उल्टे गांव वाले अलग से 31 हजार दण्ड कर लगातार मानसिक रूप से परेशान करते हुए लगातार राशि की मांग कर रहे हैं।

 अब स्थिति यह है कि युवक के परिवार का हुक्का पानी बंद कर देने से परेशान के दुकान से प्रतिबंध के कारण कोई भी व्यक्ति युवक के दुकान से समान नहीं खरीद रहे है साथ ही युवक एवं उनके परिवार वालों से गांव का कोई भी व्यक्ति बातचीत नहीं कर रहे हैं, क्योकि गांव वालों ने पीडि़त परिवार से संबंध रखने वालों पर भी दंड का एलान व प्रतिबंध लगाया है।

 

 

बहरहाल सामाजिक बहिष्कार के कारण पहले भी छत्तीसगढ़ में कई मामलों का निपटारा अधर में अटका हुआ है और इसके खिलाफ एक राय होकर कानून बनाने की मांग भी विधान सभा के पटल में आया है। वर्चश्ववादी जातियों के जहर इस कदर समाज में फैल गया है कि पिछड़ी जातियों की दबंगई के कारण यह कानून अमली रूप धारण नहीं कर सका है। देखना है खैरागढ़ शासन प्रशासन इस मामले में पीडि़तों को क्या न्याय दिला पाती है या नहीं?


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