21 अगस्त भारत बंद, सोशल मीडिया में हो रहा है ट्रेंड

जानिए क्यों किया गया बंद का ऐलान

सुशान्त कुमार

 

इस ट्रेंड के साथ सिर्फ 15.4 हजार पोस्ट्स एक्स पर डाले गए हैं। बताया जा रहा है कि नवाब सतपाल तंवर भीमसेना प्रमुख ने इस आंदोलन में पहलकदमी की है। देश में आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए आरक्षण के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के विरोध में इस बंद का आह्वान किया है। वहीं राजनांदगांव में अनुसूचित जाति जनजाति संयुक्त मोर्चा के साथ पूरा प्रदेश भारत बंद आंदोलन की तैयारी में है। 

सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने 1 अगस्त 2024 को एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। उन्होंने राज्यों को एससी और एसटी समूहों के भीतर उप-श्रेणियां बनाने की अनुमति दी, जिसमें कहा गया, ‘जिन्हें वास्तव में इसकी आवश्यकता है, उन्हें आरक्षण में प्राथमिकता मिलनी चाहिए।’ इस फैसले ने व्यापक बहस छेड़ दी है और भारत बंद का आह्वान किया है। 

भारत बंद को लेकर तैयारियां और सुरक्षा उपाय बंद के दौरान संभावित हिंसा के मद्देनजर शीर्ष पुलिस अधिकारियों ने चाकचौबंद तैयारी के लिए बैठकें करना शुरू कर दी है। इस बैठक में सभी संभागीय आयुक्त, जिला मजिस्ट्रेट और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शामिल हुए। प्रमुख सचिव गृह और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने बैठक की अध्यक्षता की और अधिकारियों को 21 अगस्त को होने वाले प्रदर्शनों के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। 

इस मामले में पूरे देश में हिंदी पट्टी के अलावा मध्य भारत विशेष रूप से संवेदनशील माना गया है, जिसके चलते वहां पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है। विरोध प्रदर्शनों के दौरान जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अधिकारी व्यापक कदम उठा रहे हैं। 

भारत बंद के पीछे का कारण 

इस भारत बंद का मुख्य उद्देश्य आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती देना और इसे पलटने की मांग करना है। इस बंद को विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक संगठनों का समर्थन मिलने लगी है। विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य अदालत के अन्यायपूर्ण फैसले को उजागर करना है। इस साल भारत बंद का यह पहला मौका नहीं है। फरवरी 2024 में किसान संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर 16 फरवरी को बंद का आयोजन किया था।

हालांकि, इसका भारत के अधिकांश हिस्सों पर कोई खास असर नहीं पड़ा, लेकिन पंजाब और हरियाणा में किसानों के आंदोलन के कारण व्यवधान देखने को मिला। एआई की माने तो किसान संगठन का समर्थन भी इस बंद को है। 

भारत बंद में क्या खुला रहेगा? 

ऐसे बंद के दौरान, एम्बुलेंस जैसी आपातकालीन सेवाएं चालू रहती हैं। अस्पताल और चिकित्सा सेवाएं भी सामान्य रूप से काम करती रहती हैं। हालांकि, सार्वजनिक परिवहन आमतौर पर बंद रहता है, और निजी कार्यालय अक्सर अपने दरवाज़े बंद कर देते हैं। भीम सैनिकों के लिए नियम, आदेश व दिशा-निर्देश में कहा  है कि प्रात: 6 बजे से रात्रि 8 बजे तक सम्पूर्ण लॉकडाउन लागू रहेगा।

1. अपने क्षेत्र में अभी से बैठक शुरू कर दे और भारत बंद के लिए जिला स्तर पर एक टीम, क्षेत्र में अधिक टीम तैयार कर प्रत्येक जिला स्तर पर टीम के 2 प्रभारी और क्षेत्र पर 1 प्रभारी नियुक्त करने कहा है।

2. अपने जिले का एक नया व्हाट्सएप गु्रप बनाने कहा है 21 अगस्त भारत बंद (खाली जगह पर अपने जिले / क्षेत्र का नाम लिखें) उसमें अपने जिले / क्षेत्र के लोगों को जोडऩे कहा है।

3. अपने क्षेत्र में अभी से बैठक शुरू करें और लोगों की सहमति से भारत बंद में इक्कठा होने के लिए एक स्थान चुनने कहा है।

4. एक दूसरे के सहयोग से भारत बंद के लिए बैनर छपवाने, जय भीम के बड़े नीले झंडों और मोटे डंडों की पर्याप्त व्यवस्था करने कहा है। बैनर में 21 अगस्त भारत बंद, आरक्षण हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है, आरक्षण भीख नहीं पूना पैक्ट का वादा है, आरक्षण बचाओ संविधान बचाओ जैसे आदि नारे लिखने कहा है।

5. भारत बंद की 21 अगस्त से 1 दिन पहले अपने और अपने परिवार की जरूरतमंद वस्तुएं, खाद्य पदार्थ आदि इक_ा करने कहा हिदायत दी गई है। 21 अगस्त के लिए खाने-पीने के वस्तुएं जैसे, फल, सलाद, दूध, पानी, बिस्किट, नमकीन आदि खरीदकर पहले ही रख लेने कहा है।

6. प्रत्येक बहुजन/दलित/आदिवासी व्यक्ति किसी भी दुकान से 1 पैसे की भी वस्तु ना खरीदें, 1 दिन 21 अगस्त के लिए मनुवादियों की दुकानों, प्रतिष्ठानों का सम्पूर्ण बहिष्कार की बात की गई है।

7. जिले की संख्या के आधार पर 1 से अधिक टीम निर्धारण करके 21 अगस्त को प्रात: 6 से 8 बजे तक अलग-अलग स्थानों पर इक्कठा होकर मुख्य बाजार के लिए रवाना होने कहा है।

8. वहीं से हजारों भीम सैनिक अपने जिले में भारत बंद कराने के लिए शांतिपूर्वक, प्रेमपूर्वक दुकानों, मकानों, बाजार को बंद कराएं। (किसी के साथ कदापि झगड़ा ना करें)।

9. सिर्फ आपातकालीन सेवाओं को बंद में छूट रहेगी। अस्पतालों और मेडिकल स्टोर जैसी मेडिकल सेवाओं और पुलिस व फायर वालों को परेशान ना करें। एंबुलेंस, फायर, पुलिस को रास्ता दें। 

10. बंद में कोई मरीज, बुजुर्ग, बच्चें या महिलाएं या अन्य कोई लाचार और जरूरतमंद व्यक्ति फंस जाए तो उनको सकुशल उनके गंतव्य तक पहुंचाने निर्देश है।

केंद्र सरकार से आरक्षण को पूर्व अवस्था में करने के लिए संसद में अध्यादेश पास करवाया जाए और आरक्षण के अनुच्छेद 341, 342 को 9वीं अनुसूची में डाला जाने के लिए देशभर के भीम सैनिक नम्रता, सख्ती और अनुशासन से इन नियमों, आदेश, दिशा-निर्देशों की पालना करने कहा है।

क्रीमी लेयर को लेकर विरोधाभाष

क्रीमी लेयर को आरक्षण से बाहर रखने के खिलाफ सोशल मीडिया पर मुहिम तेज हो गई है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा अपने निर्णय में एसटी/एससी के आरक्षण में उप वर्गीकरण व क्रीमी लेयर लागू करके समाज को तोडऩे का प्रयास कने की बात की है। इस आंदोलन के तहत बहुजन संगठनों ने भारत बंद में शामिल होने का ऐलान किया है।

अनुसुचित जाति/जनजाति संयुक्त संघर्ष मोर्चा का ऐलान

हमारा नैतिक दायित्व और कर्तव्य बनता है कि इस मुहिम में शामिल होकर अपना फर्ज निभाए। आगामी भारत बंद का उद्देश्य प्रदर्शनकारियों का ध्यान इस ओर आकर्षित करना है कि हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए आरक्षण के संबंध में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय अनुचित है। जैसे-जैसे तैयारियां तेज होती जा रही हैं, अधिकारी प्रदर्शनों के दौरान व्यवस्था बनाए रखने और सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। 

राजनीतिक नेताओं के छल कपट से सावधान

आने वाले कुछ महीनो में 3 राज्यों (महाराष्ट्र हरियाणा व झारखंड) में चुनाव होने वाले है इसके लिये कुछ तथाकथित स्वार्थी नेताओं द्वारा प्रधानमंत्री से मिलकर आरक्षण मे क्रीमी लेयर लागू नहीं करेंगे का प्रचार मीडिया के माध्यम से किया जा रहा है जो कि गलत, झूठा और समाज को दिग्भ्रमित करने वाला प्रचार है। एससी/एसटी समाज को गुमराह करने की मनसा से कुछ चाटूकार समाचार पत्रों में सरकार की केबिनेट द्वारा स्वीकृति का झूठा प्रचार कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा क्रीमी लेयर लागू करने की सिर्फ राय दी गई है निर्णय नहीं दिया गया है। यह झूठा प्रचार है, ऐसे प्रचार से बचने कहा गया है।

राजनांदगांव में बौद्ध कल्याण समिति, आजाक्स, बुद्धिष्ट पेंशनर वरिष्ठ नागरिक संघ, सर्व आदिवासी समाज, जिला सतनामी सेवा समिति, जिला रविदास सेवा समिति, जिला हल्बा समाज, जिला कंवर समाज, महिला सशक्तिकरण। प्रदेश स्तर पर रायपुर, भिलाईनगर, कोंडागांव, कांकेर सहित उत्तर से दक्षिण तक बंद के लिए संघर्षरत हैं। इसमें गोंडवाना गोंड महासभा, छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज, सर्व छत्तीसगढिय़ा समाज के सभी दलित, आदिवासी शामिल हैं।


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  • 19/08/2024 Nitu anokhe

    भारत बंद संविधान द्वारा दिए अपने हक अधिकार की लड़ाई है मैं इसका पूर्ण समर्थन करती हु

    Reply on 29/08/2024