बिलासपुर लोकसभा: पिछड़ा वर्ग में यादव समुदाय के लोगों की तादाद सबसे अधिक
इसी सीट से दिलीप सिंह जूदेव ने डॉ. रेणु जोगी को करारी शिकस्त दी थी
दिलीप साहूबिलासपुर लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं में कुर्मी, साहू समुदाय की संख्या ज्यादा है, जबकि अन्य पिछड़ा वर्ग में यादव समुदाय के लोगों की तादाद सबसे अधिक है। भाजपा ने जातीय समीकरण की रणनीति को कायम रखते हुए 2019 के आम चुनाव में आरएसएस से जुड़े अरूण साव को चुनाव मैदान में उतारा था। वहीं कांग्रेस ने युवा चेहरे अटल श्रीवास्तव पर दांव लगाया, लेकिन यहां कांग्रेस का दांव जीत में नहीं बदल सकी और बीजेपी के अरुण साव ने यहां भाजपा की जीत का परचम लहराना जारी रखा। इस बार साहू समीकरण को फिर साधने के लिए भाजपा ने तोखन साहू पर दांव खेला हैं वही यादव वोटो को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस ने यादव समाज से ताल्लुक रखने वाले भिलाई नगर के युवा विधायक देवेंद्र यादव को मैदान में उतारा है।

बिलासपुर लोकसभा सीट छत्तीसगढ़ की खास सीटों में से एक हैं। लोकसभा चुनाव में बिलासपुर सीट से भाजपा ने इस बार पूर्व विधायक व किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष तोखन साहू को चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस ने भिलाई नगर के युवा विधायक देवेंद्र यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है।
इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के बीच सीधी टक्कर की स्थिति है। राहुल गांधी ने इस चुनाव में देवेन्द्र यादव को भारी मतों से विजयी बनाकर लोकसभा भेजना की अपील कर चुक हैं।
बिलासपुर लोकसभा सीट 1952 में पहली बार अस्तित्व में आई थी। यह सीट सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित सीट है। इस सीट के अस्तित्व में आने के बाद से कई दशक तक यहां कांग्रेस का दबदबा रहा। फिर बाद में जाकर यह सीट बीजेपी के गढ़ के रूप में अपनी पहचान बना ली। साल 1996 से 2019 तक इस सीट पर भाजपा ने लगातार जीत का परचम लहराया है। वर्ष 1996 से 2004 तक पुन्नूलाल मोहले यहां के सांसद रहे हैं।
पुन्नूलाल मोहले के बाद भाजपा के दिग्गज नेता दिलीप सिंह जूदेव चुनाव लड़े। 2009 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस की डॉ. रेणु जोगी को करारी शिकस्त दी थी। शुरुआती दिनों में यह सीट सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित थी। बाद में इस सीट को एसटी वर्ग के लिए आरक्षित कर दिया गया था। वहीं साल 2009 में इस सीट को एक बार फिर से सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित कर दिया गया है।
बिलासपुर लोकसभा सीट पर मतदाताओं की संख्या 20 लाख 85 हजार 479 हैं। इनमें 10 लाख 48 हजार 603 पुरुष मतदाता हैं, जबकि महिला मतदाताओं की तादाद 10 लाख 36 हजार 778 हैं। थर्ड जेंडर मतदाता की संख्या 98 हैं।
लोकसभा सीट - बिलासपुर
कुल मतदाता - 2085479
पुरुष मतदाता - 1048603
महिला मतदाता - 1036778
थर्ड जेंडर मतदाता - 98
बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र में 26 सहायक केंद्रों सहित कुल 2251 मतदान केंद्र बनाएं गए है। इनमें से 337 संवेदनशील मतदान केंद्र हैं। लोकसभा चुनाव 2024 में यहां 37 प्रत्याशी मैदान में हैं।
प्रमुख उम्मीदवारों पर नजर डाले तो-
तोखन साहू - भारतीय जनता पार्टी
देवेंद्र यादव - भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
अश्वनी रजक - बहुजन समाज पार्टी
याशुतोष लहरे - आंबेडकराईट पार्टी ऑफ इंडिया
यशवंत साहू - भारतीय शक्ति चेतना पार्टी
दीपमाला चौहान - छत्तीसगढ़ विकास गंगा राष्ट्रीय पार्टी
लक्ष्मण पाठक - एकम सनातन (भारत दल)
नंदकिशोर राज - गोंडवाना गणतंत्र पार्टी
सुदीप श्रीवास्तव - हमर राज पार्टी
श्रीकांत (कसेर) - लोकतंत्र कांग्रेस पार्टी
भागवत पात्रे - प्रबुद्ध रिपब्लिकन पार्टी
दिनेश प्रताप सिंह - राष्ट्रीय गोंडवाना पार्टी
सिद्धराम लहरे - राष्ट्रीय जनसभा पार्टी
शैलेंद्र बंजारे - शक्ति सेना (भारत देश) शामिल है। इनके अलावा 23 स्वतंत्र उम्मीदवार भी चुनावी मैदान में उतरे हैं।
बता दें कि बिलासपुर लोकसभा के अंतर्गत विधानसभा की 8 सीटें आती हैं। इनमें कोटा, लोरमी, मुंगेली, तखतपुर, बिल्हा, बिलासपुर, बेलतरा और मस्तूरी शामिल हैं।
बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं में कुर्मी, साहू समुदाय की संख्या ज्यादा है, जबकि अन्य पिछड़ा वर्ग में यादव समुदाय के लोगों की तादाद सबसे अधिक है। भाजपा ने जातीय समीकरण की रणनीति को कायम रखते हुए 2019 के आम चुनाव में आरएसएस से जुड़े अरूण साव को चुनाव मैदान में उतारा था।
वहीं कांग्रेस ने युवा चेहरे अटल श्रीवास्तव पर दांव लगाया, लेकिन यहां कांग्रेस का दांव जीत में नहीं बदल सकी और बीजेपी के अरुण साव ने यहां भाजपा की जीत का परचम लहराना जारी रखा। इस बार साहू समीकरण को फिर साधने के लिए भाजपा ने तोखन साहू पर दांव खेला हैं वही यादव वोटो को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस ने यादव समाज से ताल्लुक रखने वाले भिलाई नगर के युवा विधायक देवेंद्र यादव को मैदान में उतारा है।
बिलासपुर लोकसभा सीट पर भाजपा जहां मोदी की गारंटीयों और मोदी के चेहरे के साथ चुनाव मैदान में डटे हुए हैं। वहीं कांग्रेस उम्मीदवार कांग्रेस की घोषणा पत्र व विभिन्न गारंटीयों के साथ मैदान में नजर आ रहे हैं। दोनों पार्टियों की ओर से इस लोकसभा क्षेत्र में पूरा जोर लगाया जा रहा है।
अब तक बीजेपी की ओर से जहां यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां सभा की है। वहीं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय लगातार विभिन्न सभाएं ले रहे हैं। वहीं कांग्रेस की बात करें तो राहुल गांधी के साथ ही प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट यहां चुनावी सभा कर चुके हैंज्दोनों दल के प्रत्याशी अपनी अपनी जीत को लेकर आशान्वित नजर आ रहे हैं।
बहरहाल, बिलासपुर लोकसभा सीट पर कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियों के प्रत्याशियों के साथ तमाम बड़े नेता खूब पसीना बहा रहे हैं। बड़ी सभाओं के साथ जनसंपर्क रैलियां भी लगातार की जा रही है। अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या कांग्रेस इस बार भाजपा की गढ़ में सेंध लगा पाएगी? या फिर भाजपा इस बार भी बिलासपुर सीट जीतकर नया रिकार्ड बनाती है?
दक्षिण कोसल के सहायक सम्पादक दिलीप साहू की रिपोर्ट।
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