राजनांदगांव लोकसभा: भाजपा और कांग्रेस की प्रतिष्ठा दांव पर
भयानक रोमांचक हो गया है राजनांदगांव का मुकाबला
दिलीप साहूलोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में छत्तीसगढ़ की तीन सीटों पर मतदान होगा। इनमें कांकेर, महासमुंद और राजनांदगांव लोकसभा सीट शामिल हैं। राजनांदगांव सीट छत्तीसगढ़ की हॉट सीटों में से एक हैं। क्या भयानक हो चुका है राजनांदगांव लोकसभा चुनाव का मुकाबला? यहां से कांग्रेस ने जहां कद्दावर नेता पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को मैदान में उतारा है, वहीं भाजपा ने वर्तमान सांसद संतोष पांडेय पर ही दांव खेला है। राजनांदगांव लोकसभा सीट को लेकर दक्षिण कोसल के सहायक सम्पादक दिलीप साहू की खास रपट।

इनमें से राजनांदगांव लोकसभा में 15, महासमुंद में 17 और कांकेर में 9 प्रत्याशी चुनावी रण में हैं। शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए सुरक्षा बलों की कुल 222 कंपनियां तैनात की गई है। छत्तीसगढ़ की मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबा साहेब कंगाले ने पुराना मंत्रालय परिसर रायपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उक्त आशय की जानकारी दी।
आंकड़ों में एक नजऱ
राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या पर नजऱ डाले तो, यहां कुल 18 लाख 62 हजार 21 मतदाता हैं। जिनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 9 लाख 27 हजार 184 और महिला मतदाताओं की संख्या 9 लाख 34 हजार 826 हैं। वहीं थर्ड जेंडर मतदाताओं की संख्या 11 हैं।
कुल मतदाता - 18,62,021
पुरुष मतदाता - 9,27,184
महिला मतदाता - 9,34,826
थर्ड जेंडर मतदाता - 11
कौन कितनी बार जीता?
राजनांदगांव सीट पर 1957 में पहली बार चुनाव हुआ। तब से अब तक सबसे ज्यादा 9 बार कांग्रेस के सांसद चुने गए। उसके बाद 7 बार भाजपा के सांसद जीते। वहीं एक बार 1977 में जनता पार्टी ने 1 बार चुनाव जीते हैं।
राजनांदगांव लोकसभा सीट की स्थिति
राजनांदगांव में 2330 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इनमें से 339 मतदान केंद्र संवेदनशील और 8 अतिसंवेदनशील हैं। इस लोकसभा सीट में 8 विधानसभा क्षेत्र आते हैं, जिसमें पंडरिया, कवर्धा, खैरागढ़, डोंगरगढ़, राजनांदगांव, डोंगरगांव, खुज्जी और मोहला-मानपुर शामिल हैं। क्षेत्र के कुछ इलाके नक्सल प्रभावित होने की वजह से कुछ मतदान केन्द्रों पर मतदान सुबह 7 बजे से अपरान्ह 3 बजे तक संपन्न होगा। वहीं सामान्य क्षेत्रों में मतदान सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान होगा।
कितने उम्मीदवार मैदान में?
राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र में इस बार 15 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों के बीच नजऱ आ रहा है। भाजपा से मौजूदा सांसद संतोष पांडेय तो कांग्रेस से पूर्व सीएम भूपेश बघेल प्रत्याशी हैं। राजनांदगांव सीट से चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों पर नजर-
इंडियन नेशनल कांग्रेस - भूपेश बघेल
भारतीय जनता पार्टी - संतोष पाण्डेय
बहुजन समाज पार्टी - देवलाल सिन्हा
शक्ति सेना - नारद प्रसाद निषाद
भारतीय शक्ति चेतना पार्टी - रमेश राजपूत
न्याय धर्म सभा - रामफल पाटिल
हमर राज पार्टी - ललिता कंवर
राष्ट्रीय जनसभा पार्टी - लखन सिंह टंडन मैदान में हैं।
वहीं स्वतंत्र उम्मीदवारों में-
अजय पाली,
त्रिवेणी पडोती,
इंजीनियर बसंत कुमार मेश्राम,
भुवन साहू,
विशेष धमगाये,
एएच सिद्दीकी,
सुखदेव सिन्हा मैदान में है।
तीनों लोकसभा सीटों का फैक्ट फाइल
कुल मतदाता- 52,84,938
पुरुष मतदाता- 26,05,350
महिला मतदाता- 26,79,528
थर्ड जेंडर- 60
18 से 19 आयु वर्ग के मतदाता - 1,62,624
कुल मतदान केंद्र- 6567
संगवारी मतदान केंद्र- 330
युवाओं की ओर से संचालित मतदान केंद्र - 117
आदर्श मतदान केंद्र - 130
भूपेश और संतोष में मुख्य मुकाबला
बात करें इस क्षेत्र में मुकाबले की तो यहां हमेशा से भाजपा और कांग्रेस ही आमने सामने रही है। इस बार भी स्थिति कुछ ऐसी ही है। भाजपा की तरफ से वर्तमान संसद संतोष पांडेय मैदान में हैं, तो कांग्रेस की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कमान संभाले हुए हैं। क्षेत्र में जनता जहां एक तरफ सांसद संतोष पांडेय के पिछले कार्यकाल में अनुपस्थिति से नाराज हैं, तो वहीं भूपेश बघेल का नाम महादेव सट्टा और ईडी की जद में आने से मतदाता खासे नाखुश भी हैं। अपने प्रचार के दौरा जहां एक तरफ संतोष पांडेय मोदी की गारंटी का जिक्र कर रहे हैं, तो वही भूपेश बघेल अपने 5 साल के कार्यकाल की उपलब्धियों को गिना रहे हैं।
क्षेत्र में सामाजिक समीकरण की बात करे तो यहां आदिवासी समाज के लोग लगभग 35 प्रतिशत हैं, जिसके बाद सबसे ज्यादा ओबीसी समाज के लोग हैं, इनमें लगभग 30 फीसदी लोधी समाज के लोग हैं। साथ ही साहू समाज 25 प्रतिशत हैं, तो वहीं सतनामी समाज के लोगों का भी अच्छा खासा दबदबा है।
रीना बाबा साहेब कंगाले ने बताया कि दूसरे चरण के लिए राजनांदगांव में कुल 2 हजार 330 मतदान केंद्र, महासमुंद में 2 हजार 147 और कांकेर लोकसभा में 2 हजार 90 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। तीन लोकसभा क्षेत्रों यानी कांकेर, राजनांदगांव और महासमुंद में 24 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं, जहां पर शुक्रवार को मतदान कराये जाएंगे। कांकेर लोकसभा क्षेत्र के कांकेर, भानुप्रतापपुर, केशकाल और अंतागढ़ विधानसभा क्षेत्र में सुबह 7 से दोपहर 3 बजे तक मतदान होगा।
राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र के मोहला मानपुर विधानसभा क्षेत्र में सुबह 7 बजे से दोपहर 3 बजे तक मतदान होगा। महासमुंद लोकसभा क्षेत्र के बिन्द्रानवागढ़ विधानसभा क्षेत्र के 9 मतदान केंद्रों में सुबह 7 से दोपहर 3 बजे तक मतदान होगा। बाकी क्षेत्रों के मतदान केंद्रों में सुबह 7 से शाम 6 बजे तक वोटिंग कराये जाएंगे। कुल 26 हजार 268 मतदानकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। इसके साथ ही 6 हजार 639 मतदानकर्मी रिजर्व रखे गए हैं। पिछले बार की तुलना में इस बार के लोकसभा चुनाव में कुल सात प्रतिशत मतदाता की वृद्धि हुई है।
क्या कहता है राजनांदगांव का चुनावी समीकरण
संतोष पाण्डेय आरएसएस के करीबी हैं, इसलिए संघ का एक धड़ा उनके लिए काम कर रहा है। यह कहना गलत नहीं होगा कि 11 लोकसभा सीटों के प्रत्याशियों में से इकलौते संतोष पाण्डेय का चेहरा संघ का है। ऐसा नहीं है कि बाकी प्रत्याशी आरएसएस से दूर हैं, लेकिन ये पूर्ण रूप से प्रदेश में संघ में रिप्रेजेंटेटिव हैं।
संतोष पाण्डेय आरएसएस के बेहद करीब हैं तो उनके लिए वहां से काम जारी है। दूसरा यह है कि संतोष पाण्डेय कभी भी डमी चेहरा नहीं हैं। उन्होंने समय समय पर क्षेत्र के मुद्दे उठाए हैं। तीसरा मुख्य बात यह है कि प्रदेश में लोकसभा सीटों के लिए जो सर्वे हुआ उसमें भी वो खरे उतरे। सिर्फ 2 सांसद का टिकट नहीं काटा गया हैं, उसमें से एक संतोष पाण्डेय भी है।
लगभग 4 महीने पहले हुए विधान सभा चुनाव को देखें तो राजनांदगांव में स्थानीयता बड़ा मुद्दा बन गया है। विधान सभा में बाहरी और स्थानीय के मसले ने डॉ. रमन सिंह की सुनिश्चित जीत को और आसान कर दिया।
कहा ये भी जा रहा है कि कांग्रेस फिलहाल आंतरिक गुटबाज़ी से जूझ रही है। यह गुटबाजी दिल्ली से लेकर राजनांदगांव तक प्रभावी है। वहीं बीजेपी इसके मुक़ाबले एकजुट है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 9000 करोड़ की किसान ऋण माफी, धान की खरीद की कीमत बढ़ाने को मुद्दा बना रहे हैं। कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री साय गाय के गोबर से पेंट बनाना बंद कर दिया है। और बेरोजगारी भत्ता भी बंद कर दिया है। वह आखिरी सांस तक राजनांदगांव की विकास की बात कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ी और आदिवासी पहचान को बढ़ावा देने और ‘राम वन गमन पथ’ को विकसित करने में अपने सरकार की भूमिका का गुण गा रहे हैं।
बहरहाल क्या भयानक हो चुका है राजनांदगांव लोकसभा चुनाव का मुकाबला। राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र के जनता की उम्मीदें बहुत है। राजनांदगांव पहचान संस्कारधानी के रूप में है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही यहां अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है। दोनों से दल अधिक से अधिक मतदाताओं से साथ सामाजिक और धार्मिक ठिकानों में पहुंचने में अपनी ताकत लगाई है। भाजपा के लिए इस क्षेत्र में योगी आदित्यनाथ, अमित शाह और पीएम मोदी की सभाएं हो चुकी है, तो कांग्रेस की ओर से प्रियंका गांधी की बड़ी सभा हुई है। यहां दिग्गज नेता आमसभा के माध्यम से मतदाताओं को तरह तरह के संदेश दे रहे हैं। अब देखना बाकी है कि राजनांदगांव लोकसभा की जनता किसके सिर ताज पहनाते हैं?
Add Comment